पहाड़ के इस नौजवान ने तो कमाल ही कर दिया ! सरकार से आगे बढ़कर कर रहा है काम । युवाओं के लिए बना प्रेरणाश्रोत ।

दुर्लभ पशु-पक्षियों (स्नो कॉक, सत्यर ट्रैगोपान, स्नो पार्टरीज, ग्रेडाला, कस्तूरी मृग, रेड फॉक्स, हिमालयन वेजल) की तस्वीरे सुरेंद्र अपने कैमरे में कैद कर दुनिया के सामने ला चुके है। मोनाल संस्था के जरिये सुरेंद्र ने क्षेत्र में दुर्लभ वन्यजीवों के संरक्षण की पहल की, इसके साथ ही वो स्थानीय युवाओं को बर्ड वॉचिंग की निशुल्क ट्रेनिंग भी देते है ताकि स्थानीय स्तर पर युवाओं को रोजगार मुहैय्या हो सके। सुरेंद्र जी की मेहनत का ही नतीजा है कि आज बर्ड वाचिंग, स्कीइंग, ट्रेकिंग, कल्चरल ट्यूरिज़्म के लिए हज़ारों की संख्या में सैलानी देश-विदेश से मुनस्यारी खिंचे चले आते है। सुरेंद्र पंवार उन युवाओं के लिए एक नजीर पेश कर रहे है जो अपने आस-पास छुपी पर्यटन व्यवसाय की अपार संभावनाओं को नही खोज पाते है।
आज हम आपको एक ऐसे सख्स से रूबरू कराने जा रहे जो किसी पहचान के मोहताज नही है। कम उम्र में ही उन्होंने पिथौरागढ़ जिले के सीमांत क्षेत्र मदकोट से निकलकर अपने बलबूते पर्यटन के क्षेत्र में सिर्फ नाम ही नही कमाया बल्कि सीमांत क्षेत्र मुनस्यारी में पर्यटन विकास का एक नया मॉडल भी तैयार किया है। हम बात कर रहे है मुनस्यारी के रहने वाले सुरेंद्र पंवार जी की। जो हिमनगरी मुनस्यारी के खलियाटॉप में स्थित पर्यटक
आवास गृह का लंबे समय से संचालन कर रहे है, इसके साथ ही मुनस्यारी क्षेत्र में ट्यूरिज़्म एक्टिविटी को बढ़ाने के प्रयास कर रहे है। सुरेंद्र ने अपनी मेहनत के दम पर एक दौर में गुमनाम रहे मुनस्यारी के खलियाटॉप को देश ही नही बल्कि वैश्विक पटल पर पहचान दिलाने का काम किया है। सुरेंद्र खलियाटॉप में स्नो स्कीइंग और बर्ड वाचिंग की संभावनाओं को परवान चढ़ाने के साथ ही स्थानीय युवाओं को रोजगार भी प्रदान कर रहे है।

मूल रूप से बंगापानी तहसील के मदकोट क्षेत्र के रहने वाले सुरेंद्र पंवार ने जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए भीड़ से हटकर पर्यटन के क्षेत्र में भविष्य बनाने का राश्ता इख्तियार किया। पर्यटन से ग्रेजुएशन करने के बाद सुरेंद्र ने सोशल वर्क से एमए की पढ़ाई की। इसके बाद सुरेंद्र ने 2003 से 2008 तक दिल्ली में विभिन्न ट्रेवल कंपनियों में काम किया। जहां से उन्होंने फॉरेन टूर मार्केटिंग के गुर सीखे। इसके बाद सुरेंद्र ने जर्मनी, डेनमार्क, बेल्जियम, स्विट्जरलैंड, फ्रांस में पर्यटन से संबंधित कई प्रशिक्षण लिए और विभिन्न भाषाएं भी सीखी। स्विट्ज़रलैंड में सुरेंद्र ने स्कीइंग करना भी सीखा।
2010 में सुरेंद्र ने cosmos trek कम्पनी की स्थापना की जिसके जरिये सुरेंद्र ने व्यावसायिक ट्रेकिंग, कल्चरल टूर, होम स्टे इत्यादि की सुविधा पर्यटकों को दी। 2014 में सुरेंद्र ने खलियाटॉप स्थित पर्यटक आवास गृह का संचालन अपने हाथ मे लिया। खलियाटॉप में पहली बार सुरेंद्र ने ही स्कीइंग भी करवाई और स्थानीय युवाओं को स्कीइंग का प्रशिक्षण भी दिया। इसके साथ ही सुरेंद्र ने मुनस्यारी क्षेत्र में बर्ड वाचिंग को भी बढ़ावा दिया। सुरेंद्र ने मोनाल संस्था का गठन किया और उसके सचिव भी बने। सुरेंद्र मोनाल संस्था के तत्वाधान में मुनस्यारी क्षेत्र में बर्ड की 340 स्पीशीज ढूंढ चुके है और इन्हें अपने कैमरे में कैद भी कर चुके है। नवम्बर से मार्च के महीने में उच्च हिमालयी इलाकों से निचले इलाकों में आने वाले दुर्लभ
पशु-पक्षियों (स्नो कॉक, सत्यर ट्रैगोपान, स्नो पार्टरीज, ग्रेडाला, कस्तूरी मृग, रेड फॉक्स, हिमालयन वेजल) की तस्वीरे सुरेंद्र अपने कैमरे में कैद कर दुनिया के सामने ला चुके है। मोनाल संस्था के जरिये सुरेंद्र ने क्षेत्र में दुर्लभ वन्यजीवों के संरक्षण की पहल की, इसके साथ ही वो स्थानीय युवाओं को बर्ड वॉचिंग की निशुल्क ट्रेनिंग भी देते है ताकि स्थानीय स्तर पर युवाओं को रोजगार मुहैय्या हो सके। सुरेंद्र जी की मेहनत का ही नतीजा है कि आज बर्ड वाचिंग, स्कीइंग, ट्रेकिंग, कल्चरल ट्यूरिज़्म के लिए हज़ारों की संख्या में सैलानी देश-विदेश से मुनस्यारी खिंचे चले आते है।
सुरेंद्र पंवार उन युवाओं के लिए एक नजीर पेश कर रहे है जो अपने आस-पास छुपी पर्यटन व्यवसाय की अपार संभावनाओं को नही खोज पाते है। सुरेंद्र के मार्ग दर्शन में आज कई स्थानीय युवा पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार हांसिल करने का प्रयास कर रहे है। सुरेंद्र के इस जज्बे और दूरदर्शी विजन को हमारा सलाम।
@रचनात्मक दखल पेज से साभार (वेद भदोला जी के मार्फ़त)
रचनात्मक खबरों के लिए संपर्क करें : शशि भूषण मैठाणी पारस , संपादक यूथ आइकॉन क्रिएटिव मीडिया । 9756838527, 7060214681
बहुत ही उपयोगी और उत्साहवर्धक जानकारी देने के लिये हार्दिक धन्यवाद
Very nice effort great
Inspirational. My best wishes.
Dilip Kasakar.
Thanks a lot sir… !!!
सुरेंद्र पंवार जी अपने कमेंट्स के ऊपर देखिए आपको शासन में सचिव साहब श्री दिलीप जावलकर जी ने विशेष शुभकामनाएं प्रेषित की हैं ।
Thanks a lot sir… !!!
Great…..this is required in our state…