अब गढ़वाल कुमायूँ जुड़ेंगे रेल नेटवर्क से सांसद बलूनी की एक और पहल ।

उत्तराखंड के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। राज्यसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी की पहल पर रेल मंत्रालय ने उत्तराखंड के लिए आज ऐतिहासिक घोषणा की है। इस निर्णय के बाद आने वाले समय में संपूर्ण उत्तराखंड रेल मार्ग के नेटवर्क से जुड़ जाएगा।
सांसद अनिल बलूनी निरंतर राज्य के विषयों पर तेजी से प्रमाणिक कार्य कर रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने आज उत्तराखंड को टनकपुर से बागेश्वर, बागेश्वर से चौखुटिया, चौखुटिया से गैरसैंण और गैरसैंण से कर्णप्रयाग रेल लाइन सर्वे की स्वीकृति रेल मंत्रालय से प्राप्त की।
बलूनी ने राज्य के सांस्कृतिक राजनीतिक व सामाजिक चेतना के केंद्र गैरसैण को बड़ा सम्मान दिया है। ऐसा करके उन्होंने राज्य आंदोलन के शहीदों, राज्य की आंदोलनकारी जनता तथा उत्तराखंड के प्रति संवेदनशील मानस के प्रति सम्मान अपना व्यक्त किया है।
बलूनी ने कहा माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन पर तेजी से कार्य हो रहा है। भूमि हस्तांतरण, सर्वे और प्रोजेक्ट पर तेजी से निर्माण कार्य जारी है। यह रेल लाइन राज्य की प्रगति में नया इतिहास लिखेगी।आने वाले समय में पर्यटन के क्षेत्र में इस सीमांत प्रदेश कायाकल्प होगा।
कर्णप्रयाग बागेश्वर रेलमार्ग के सर्वे के लिए भारत सरकार, पीयूष गोयल और अनिल बलूनी जी को साधुवाद। यदि इस रेलमार्ग का सर्वे बागेश्वर से ssb के ट्रेनिंग सेंटर एवम हिल स्टेशन ग्वालदम, थराली, नारायणबगड़ होत्ते हुए पिंडर घाटी के साथ आदिबद्री होते होता तो न केवल रेलमार्ग की दूरी कम होती और समय और लागत की बचत होती अपितु सामरिक, धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से यह देश के महत्वपूर्ण रैलमार्गों में शुमार होता।पिंडारी ग्लेशियर, वेदिनी बुग्याल लाटू देवता, लोहाजंग,रूपकुंड, महामृत्युंज महादेव ,देवराडा जैसे अपर संभावनाओं वाले महत्वपूर्ण स्थल रेलमार्ग के अत्यधिक निकट हो जाते। वैसे भी राजधानी का निर्माण कार्य भराड़ीसैण में चल रहा तो गैरसैण वाली ट्रेन भराड़ीसैण तो जा नहीं पाएगी।इसके लिए पिंडर घाटी होते हुए आने ट्रैन रूट पर आदिबद्री के पास कैप्सूल या रोप वे सेवा दी जा सकती है। बागेश्वर पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा के सुदूरवर्ती क्षेत्रों से देहरादून से आने वाले लोगों को भी सुविधाजनक पड़ेगा।