Telemedicine is the use of telecommunication : टेलीमेडिसिन से होगा पहाड़ पर मरीजों का ईलाज ! अब थ्री इडियट मूवी के तर्ज पर फिल्मी स्टाईल में पहुंचेंगे डॉक्टर पहाड़ पर ।
* दूर शहर में बैठ-बैठे पहाड़ के मरीज का ईलाज करेंगे टेलीमेडिसिन पद्धति से डॉक्टर ।
टेलीमेडिसिन लॉन्च होने के बाद विशेषज्ञ डॉक्टर मरीज को टीवी स्क्रीन पर देखकर दूसरी तरफ मौके पर मौजूद जूनियर डॉक्टर को दिशानिर्देशित कर मरीज की जान बचाने के सही समय पर उचित कोशिस कर सकते हैं । बताते चलें कि स्वास्थ्य विभाग अप्रेल 2018 से आरम्भ होने जा रहे चारधाम यात्रा से पहले ही सभी यात्रा मार्गों में टेली मेडिसिन सेवा शुरू करने की तैयारी में जुट गया है।

3 इडिअट फ़िल्म की अगर हम बात करें तो उसको आप और हमने बड़े पर्दे से लेकर अपने घर में मौजूद टीवी स्क्रीन पर न जाने कितनी दफा देखा होगा । उस मूवी का हर सीन हमारे दिमाग मे घर कर चुका है। अब आप सोच रहे होंगे कि यहां पर हम उस मूवी का ज़िक्र क्यों कर रहे हैं !
तो पहले आपके सवालो का जवाब मिले उससे पहले आपको वो सीन भी याद दिलाना जरूरी होगा फ़िल्म में करीना की बड़ी बहन के किरदार में मोना जो कि गृभवती होती है । जब उसकी डिलिबरी का समय होता है तो ठीक उस वक़्त पूरे शहर में तेज अंधड़ के बीच जोरदार बारिश के पानी से लबालब शहर की बत्ती गुल हो जाती है, और सारा ईलाका जलमग्न हो जाता है ऐसे अब मोना को चाहकर भी किसी नजदीकी अस्पताल तक नहीं पहुंचाया जा सकता है । ऐसे क्रिटिकल सिचवेशन को फ़िल्म में बड़े इंटरेस्टिंग तौर पर नवीन तकनीकी जो कि भले ही खयालों से ज्यादा कुछ नहीं था फिर भी दर्शकों की सांसे उस सीन में अटकी रहती है । आप सभी को ज्ञात ही होगा कि फ़िल्म में डॉक्टर की भूमिका निभा रही करीना तब एक वेब कैम के जरिए आमिर खान यानि रैंछो को गाइड करती है और एक सफल डिलिवरी को अंजाम देती है ।
दरसल इस हालात को किसी अनुभवी डॉक्टर द्वारा अन्य किसी कम अनुभवी नए डॉक्टर या जानकारों को इस तरह से फोन व लाइव वीडियो तकनीकी से मदद करने टेलीमेडिसिन भी कहा जाने लगा है ।

और अब वक्त आ गया है आपको यह बताने का कि आखिर हमने आपको यह फ़िल्म के इस हिस्से की स्क्रिप्ट से क्यों अवगत कराया । दरसअल उत्तराखण्ड वासियों खासकर पहाड़ वासियों के लिए खुशखबरी है कि उत्तराखंड प्रदेश सरकार भी अब राज्य के सभी हिस्सों में आगामी अप्रैल माह से बिल्कुल 3 इडियट मूवी की तर्ज पर दिखाई गई टेलीमेडिसिन को प्रदेश में लांच करने जा रही है ।
अब यात्रा सीजन में चारधाम यात्रियों की परेशानी भी हो सकेगी कम :
उत्तराखंड में टेलीमेडिसिन के अवतरण के बाद अब चार धाम यात्रा कुछ ज़्यादा सुरक्षित हो जाएगी । क्योंकि चारों धाम उच्च हिमालय में होने के कारण वहां पर ज्यादा ठंड के अलावा ऑक्सीजन की कमी से अन्य प्रांतों से आने वाले यात्रियों को विपरीत हालात का सामना करना पड़ता है । और कई बार तो विशेषज्ञ डॉक्टरों के न उपलब्ध होने की दशा में कई श्रद्धालु व पर्यटकों के अलावा स्थानीय नागरिकों को अपनी जान तक से हाथ धोना पड़ा है । लेकिन अब टेलीमेडिसिन लॉन्च होने के बाद विशेषज्ञ डॉक्टर मरीज को टीवी स्क्रीन पर देखकर दूसरी तरफ मौके पर मौजूद जूनियर डॉक्टर को दिशानिर्देशित कर मरीज की जान बचाने के सही समय पर उचित कोशिस कर सकते हैं । बताते चलें कि स्वास्थ्य विभाग अप्रेल 2018 से आरम्भ होने जा रहे चारधाम यात्रा से पहले ही सभी यात्रा मार्गों में टेली मेडिसिन सेवा शुरू करने की तैयारी में जुट गया है।
प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार पूरे प्रदेश में जल्द ही टेली मेडिसन सेवा को शुरू करने जा रही है। जिसका मकसद प्रदेश भर में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के साथ-साथ प्रदेश में हर व्यक्ति तक अच्छी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना है। जिसको लेकर सरकार ने चार धाम यात्रा मार्ग को पहले चरण में चुना है। जिसका मकसद है चार धाम में आने वाले यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाना है। जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने एचपी इंटरप्राइज के साथ अनुबंद किया है।

डॉ0 आर0 के0 जैन , कार्डियोलॉजिस्ट
साल 2017 में हुई चार धाम यात्रा के दौरान तकरीबन 112 यात्रियों को अपनी जान गवानी पड़ी थी। 91 यात्रियों को ब्लडप्रेशर, हार्ट अटैक, सूगर और दमे की बीमारियों के कारण जान गवानी पड़ी थी। जबकि 21 यात्री दुघर्टनाओं के कारण मौत के शिकार हुए
हर साल चाल धाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों के बीमार पड़ने और दुर्घटना के मामले सामने आते है जिसमें श्रद्धालुओं की मौत की खबर आती है इसकी सबसे बड़ी वजह यात्रा मार्गो में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी को भी माना जाता है। वहीं इन सभी खामियों को देखते हुए इस साल चार धाम यात्रा शुरू होने से पहले इस सेवा की शुरूआत किए जाने की योजना है। टेली मेडिसन की तकनीक का उपयोग करने के लिए अप्रैल महीने में फार्मासिस्ट ,डॉक्टर और नर्सो को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगा।
टेली मेडिसन सेवा के लिए फिलहाल चार धाम यात्रा मार्गो के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को चिन्हित किया गया है जिन्हे श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से जोड़ा जाएगा। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ अर्चना श्रीवास्तव ने बताया कि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में स्पेशलिस्ट डॉक्टर मौजूद रहेंगे जो टेली मेडिसन के जरिए सीएचसी आने वाले मरीजों की जांच रिपोर्ट के आधार पर उन्हे इलाज बताएंगे। वही केस की गंभीरता को देखते हुए पीजीआई चंडीगढ़ से भी सहायता मांगी जाएगी। वहीं अगर टेलीमेडिसिन सेवा धरातल पर सार्थक साबित हुई तो यह पहाड़ वासियों के लिए वरदान साबित हो सकती है।
Nice and noble initiative but full of hurdles and various shortcomings.