उत्तराखण्ड चारधाम : फाईल फोटो
Youth icon Yi National Creative Media Report
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फिर से देवमय हो जाएगी देवभूमि ….!

 बदरीनाथ ,  केदारनाथ , गंगोत्री और यमुनोत्री धाम जयकारों से गूंज उठेगा ।

Ashish Dimri , Youth Icon Yi Report Joshimath Uttrakhand
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स थोड़ा सा इंतजार और…। फिर देवभूमि उत्तराखंड के चारों धाम पूरी तरह से भक्तों की आस्था

नारायण का धाम श्री बदरीनाथ धाम, भोले बाबा की नगरी केदारनाथ धाम, माँ गंगा एवं यमुना की धरती पर अवतरण स्थली गंगोत्री और यमुनोत्री धाम साथ ही सैकड़ों तीर्थस्थल जो इन यात्रा मार्गों से जुड़े हैं, वह भक्त और भगवान के, बीच के सभी भेद मिटा देते हैं ।
नारायण का धाम श्री बदरीनाथ धाम, भोले बाबा की नगरी केदारनाथ धाम, माँ गंगा एवं यमुना की धरती पर अवतरण स्थली गंगोत्री और यमुनोत्री धाम साथ ही सैकड़ों तीर्थस्थल जो इन यात्रा मार्गों से जुड़े हैं, वह भक्त और भगवान के, बीच के सभी भेद मिटा देते हैं ।

से भक्तिमय जयकारों से गूंज उठेगी । मई माह के पहले पखवाड़े से चार धाम यात्रा का शानदार आगाज हो जाएगा । देश ही नहीं दुनिया भर से श्रद्धालु उस पल की प्रतीक्षा में हैं जब देवभूमि में एक बार फिर से देवगण जनकल्याण हेतु प्रकट होंगे । धार्मिक मान्यतानुसार देवभूमि उत्तराखंड के कण – कण मे देवताओं का वास है । इस धरती को मोक्ष की धरती भी कहा गया है ।

तभी तो देश और दुनियाँ से भक्त खींचे चले आते हैं देवभूमि उत्तराखंड मे । यहां चार धाम यात्रा में भक्तो को कण-कण में ईश्वर के उस शक्ति के होने का आभास होता है, जिससे सारी सृष्टी चल रही है । इस पवित्र धरती पर ही स्वर्ग सी अनुभूति भक्तों को होने लगती है । नारायण का धाम श्री बदरीनाथ धाम, भोले बाबा की नगरी केदारनाथ धाम, माँ गंगा एवं यमुना की धरती पर अवतरण स्थली गंगोत्री और यमुनोत्री धाम साथ ही सैकड़ों तीर्थस्थल जो इन यात्रा मार्गों से जुड़े हैं, वह भक्त और भगवान के,  बीच के सभी भेद मिटा देते हैं ।

नर और नारायण के बीच कोई दूरी नहीं रह जाती । भक्तों को इस देवभूमि मे असीम आनंद की प्राप्ति होती है । उन्हें लगता है कि मानो उनका साक्षात्कार देवताओं से हो रहा है ।

तो फिर इन्तजार क्यों…? चले आईये आप भी भक्ति की उस विशाल यात्रा पर जहाँ वो सुख मिलता है, जो संसार के सारे सुखों से परे है।  जीवन धन्य करने वाला है । और वो अनुभूति मिलती है जिसे पाने के लिए देवता भी तपस्या करते हैं ।

*आशीष डिमरी, जोशीमठ ।

By Editor