Rajeev Jain With Raj Ragराजीव जैन, - मीडिया कॉर्डिनेटर (मुख्यमंत्री उत्तराखंड)राजीव जैन, - मीडिया कॉर्डिनेटर (मुख्यमंत्री उत्तराखंड)

Rajeev Jain with Raj-Rag : मैंने भी की है दावेदारी, लेकिन टिकट सभी को तो नहीं मिल सकता…!

* कांग्रेस छोड़ भाजपा में जाने वाले सभी नेता लालची – राजीव जैन

Raj-Rag Youth icon Special .
By:Shashi Bhushan Maithani ‘Paras’

राजराग में आज मेरे साथ हैं सीएम हरीश रावत के प्रमुख सारथी राजीव जैन । लोग कहते हैं  सीएम हरीश रावत या उनकी सरकार पर जब भी कोई मुसीबत आई तब तब राजीव ने अपने  कौशल से उसे हमेशा  दूर करने का काम किया है । राजीव जैन मुख्यमंत्री हरीश रावत के बेहद करीबी माने जाते हैं ।  

Rajeev Jain With Raj Ragराजीव जैन, - मीडिया कॉर्डिनेटर (मुख्यमंत्री उत्तराखंड)
राजीव जैन, – मीडिया कॉर्डिनेटर
(मुख्यमंत्री उत्तराखंड)

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सीएम हरीश रावत के मीडिया कोर्डीनेटर राजीव जैन  लगभग 35 वर्षों से कांग्रेस पार्टी से जुड़े हैं । राजीव जैन कांग्रेस पार्टी में विभिन्न पदों पर भी रहे, कार्यकर्ताओं के साथ ही सरकार में भी इनकी मजबूत पकड़ है मानी जाती है । हरीश रावत के खास सिपहसालारों में से एक राजीव जैन की, कांग्रेस के लिए करो या मरो वाले 2017 के चुनाव में भी रणनीतिकारों की टीम में  अहम भूमिका है । साथ ही देहरादून कैंट विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ना चाहते हैं ।

अब सी एम के खास राजीव को कांग्रेस टिकट देती है या नहीं ! टिकट न मिलने के  बाद  राजीव जैन का रुख क्या रहने वाला है कांग्रेस में ?  2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में किस तरह का माहौल वह देखते हैं ? बागियों के जाने से कांग्रेस को लाभ हुआ या नुकसान ?  मुख्यमंत्री हरीश रावत के परिवार से कितने लोग लड़ेंगे चुनाव ?  सहित कई अन्य सवालों के जवाब में क्या कहा मुख्यमंत्री के मीडिया कॉर्डिनेटर राजीव जैन ने मेरे साथ यूथ आइकॉन की विशेष कड़ी ‘राज-राग’ में, आगे आप भी पढ़िए।

Yi ‘राज-राग’  विशेष : 

Rajeev Jain With Raj Ragराजीव जैन, - मीडिया कॉर्डिनेटर (मुख्यमंत्री उत्तराखंड)
यूथ आइकॉन Yi ‘राज-राग’ में राजीव जैन, – मीडिया कॉर्डिनेटर (मुख्यमंत्री उत्तराखंड)

Yi शशि पारस :  अब 2017 चुनाव नजदीक है ,बीजेपी ने अपनी लिस्ट जारी कर दी है तो कांग्रेस की इस समय क्या स्थिती है?

राजीव जैन :  कांग्रेस पूरी तैयारी में है। आपको भी सब मालूम है कि, बीजेपी ने जो  लिस्ट जारी की है उससे  उस पार्टी के अंदर कितना विरोध हो रहा है। जगह-जगह उन्ही के नेता उनके झंडे जला रहें हैं, पुतले फूंक रहे हैं और भारी विरोध भारतीय जनता पार्टी में उभर कर सामने आ गया  है। हम सभी कांग्रेसी कार्यकर्ता  हर पहलू पर गौर कर काम कर रहे हैं । 
Yi शशि पारस :  आप कह रहे हैं कि बीजेपी में विरोधाभास हो गया लेकिन जिस तरह से कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता वहां जा रहे हैं तो क्या कांग्रेस में विरोधाभास नहीं है?
राजीव जैन :  देखिए आपको भी मालूम है कि इस प्रकरण की शुरूआत सर्वप्रथम 18 मार्च 2016 को हुआ जब कुछ लोगों ने हरीश रावत जी की सरकार को गिराने का प्रयास किया। मैं समझता हॅूं की उसके बाद कुछ नेता और चले गये हैं उन सभी पर बीजेपी पिछले ढाई से पॉंच साल के अंदर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती आयी और इनमें से कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है कि जिस पर इन्होने आरोप ना लगाया हो या जिनके आरोपों की जांच और फिर उन नेताओं पर कार्यवाही के लिए विधानसभा में बीजेपी ने हंगामा  न किया हो ।  तो में समझता हूॅं कि इसका जवाब भी अब भारतीय जनता पार्टी को देना पडेगा, कि वो नेता साफ सुथरे हैं या दागी । और इस चुनाव में तो जनता बीजेपी से यही सवाल कर रही है कि जिन्हे आप भ्रष्टाचारी बताकर हंगामा मचाते रहे अब वो लोग बीजेपी में कैसे पवित्र हो गए ? 
Yi शशि पारस :  मेरा सवाल ये था कि आप हरीश रावत जी को बहुत पहले से जानते हैं, तो ऐसा क्या हुआ की जिन्हे आप कद्दावर नेता कहते थे वो क्यूॅं एक-एक करके कांग्रेस पार्टी छोडकर जाने को मजबूर हुए ? 
राजीव जैन :  इनको किसी ने भी हटाया नहीं था। इन सभी की पार्टी के अंदर बहुत महत्वपूर्ण भूमिका थी, कोई पूर्व मुख्यमंत्री था, कोई मंत्री था और कोई बहुत ऊचें आसनों पर भी बैठे रहे। आप ये बताइए कि एक अकेले हरीश रावत से ये क्यूॅं दूर हो गए, क्या रावत जी इनके कुर्कमों में बाधा बन रहे थे ? आज केन्द्र सरकार यहां की कांग्रेस सरकार को नेस्तानाबूद करने में लगी हुई है। एक छोटे से प्रदेश के मुख्यमंत्री के पीछे पूरी केन्द्र सरकार पड़ी हुई है आखिर बीजेपी को किस चीज का डर सता रहा है।
Yi शशि पारस :  आप कह रहें हैं कि नरेन्द्र मोदी और उनकी पूरी टीम रावत जी के पीछे पड़ गए है। केन्द्र की ऐसी क्या नाराजगी है रावत जी से ?
राजीव जैन :  देखिए सब जानते हैं कि मोदी जी को 2017 से मतलब नहीं है ,उनका मतलब 2019 से है। उनको ये लगता है कि उत्तराखंड से ऐसी बयार बहेगी जो केन्द्र सरकार को बहा ले जाएगी। 2017 से यहॉं से जो विजय रथ चलेगा वो 2019 में बीजेपी को तहस नहस करने का काम करेगा और ऐसा पहले हुआ है इसलिए बीजेपी डरी हुई है और वो चाहते हैं कि किसी भी तरह से हरीश रावत जी को ना रहने दिया जाए।
Yi शशि पारस :  अभी यशपाल आर्य भी बीजेपी में शामिल हो गए हैं और उनका कहना है कि रावत जी ने मुझे तवज्जो नहीं दी और सारे भष्टाचार किए हैं ,पांच सालों में कोई विकास नही किया । इस पर आपकी क्या राय है?
राजीव जैन :  देखिए आर्या जी  रावत सरकार में हमारे वरिष्ठ मंत्री थे और वे कितने बड़े – बड़े  विभागों के मंत्री थे और उसमें क्या-क्या हुआ यह भी सभी भली भॉंती जानते हैं । जो आरोप उन्होने लगाए हैं तो ये यह भी सब जानते हैं कि जब भी यशपाल आर्य जी कोई ऐसा वैसा काम लाते थे तो मुख्यमंत्री हरीश रावत जी टोक लेते थे कि यह गलत काम है, रावत जी ने कभी भी उन कामों कॉ मंजूरी नहीं दी जिसमें जनता का हित न दिखा हो , हरीश रावत जी जब ऐसे कामों में फटकार लगाते थे तो आर्य जी तुरंत कोपभवन में चले जाते थे, यह तो मीडिया ने भी बहुत बार उजागर किया है । आर्य जी हर बार  धमकी देते थे कि मैं पार्टी छोड रहा हूॅं। जब उन्होने अपने बेटे को टिकट दिलाने की मॉंग की तो पार्टी ने कहा की देखिए वहॉं से कांग्रेस की सिटिंग विधायक सरीता आर्य जी हैं वहां से टिकट नहीं दे सकते तो इसी बात को लेकर उन्होने पार्टी छोड दी। जबकि हरीश रावत जी ने तो यह बात काफी पहले ही कह दी थी की एक परिवार से एक को ही टिकट मिलेगा ।
Yi शशि पारस :  यशपाल आर्य ने कहा की पिछले पॉंच साल में कोई काम नहीं हुआ तो क्या आप भी यह मानते हैं कि उन्होने भी अपने विभाग में काम नही किए?
राजीव जैन :  पहली बात तो ये कि आर्य जी को पॉंच साल बाद क्यूॅं महसूस हुआ की कोई काम नहीं हुआ। अगर ऐसा था तो उन्होने मीडिया के  माध्यम से जनता को और खुद मुख्यमंत्री जी को क्यूॅं नही बताई? अगर ऐसा था तो उन्हे हाईकनान से कहना चाहिए था कि मुख्यमंत्री जी कोई काम नही कर रहे हैं और मैं पार्टी छोड रहा हूॅं। तब तो वे खुद एक मलाईदार विभाग की मांग के लिए झगड़ा कर रहे थे।
Yi शशि पारस :  आप कहना चाह रहें है कि जो नेता भाजपा में गए उन्हें किसी न किसी बात का लालच था? 
राजीव जैन :  देखिए हम जो कांग्रेसजन हैं हमारी जो पार्टी है हमारे पास लालच देने को कुछ होता तो ये जितने लोग भागकर वहां गए हैं ये वहा नहीं जाते। किसी को मुख्यमंत्री पद चाहिए था, किसी को डिप्टी सीएम का तो किसी को मलाईदार विभाग चाहिए था। और मैं आपको आज बता रहा हूॅं कि जो इन्होने हमारे साथ किया वही अब ये बीजेपी के साथ करेगें।
Yi शशि पारस :  आप कैंट से दावेदारी कर रहे हैं और अगर आपको टिकट मिल जाता है तो ऐसे मे आपके कैंट को लेकर क्या मुख्य मुदे रहेगें?
राजीव जैन :  मैं कांग्रेस का एक बहुत पुराना वर्कर हूॅं पिछले 30-35 सालों से काम करते हुए आ रहा हूॅं। हमारे जितने जिले भर के शहर भर के कार्यकता हैं सभी से अच्छे तरह से वाकिफ हूॅं और मैं जनता के जो छोटे बडे काम हैं उनके लिए सर्घष करता आया हूॅं । सिर्फ कैंट के लिए ही नही बल्कि जहां कहीं का भी मेरे पास कोई व्यक्ति आता था मैं उसके लिए कुछ ना कुछ करने का प्रयास जरूर करता था। मेरा ये मानना है कि जो भी सामाजिक राजनीतिक कार्यकता हैं उनको सार्वजनिक जीवन में ये ना देखते हुए की कौन किस पार्टी का है ,ऐसे व्यक्तियों के लिए काम करना चाहिए।
Yi शशि पारस :  कैंट क्षेत्र से दो लोग और लड रहे हैं एक तो हरवंश कपूर और दूसरे अनूप नौटियाल । आप अपना प्रति़द्वदी किसे मान कर चल रहे हैं?
राजीव जैन :  देखिए पहले तो जो मेरा टेम्परामेंट है वो दूसरे किस्म का है। मैं यह देखता हूॅं कि मैं क्या कर सकता हॅूं। मैं अपनी कार्ययोजना जनता के सामने रखूं। लोगों के जो सवाल हैं उन पर खरा उतर सकूॅं। में डेवलपमेंट का क्या काम कर सकता हूॅं। यह सब मुझे देखना है। मेरी प्राथमिकता ये नही होनी चाहिए कि में किसे हरा पाउॅंगा किसे जिता पाउॅंगा ,ये सब जनता तय करेगी। तो में समझता हू कि दूसरे की लकीर से बडी लकीर खींच में काम करूॅंगा। कपूर साहब बडे सम्मानित और बुजुर्ग व्यक्ति हैं और जहां तक नौटियाल जी की बात है तो वे पहले 108 मे सीईओ रहे ,उसके बाद निशंक जी के सलाहकार रहे । उन्होने तो पहले से सत्ता का स्वाद चखा हुआ है। मेरे दोस्तों ने तो मुझे आज तक 100 रूपए नहीं दिए। ये ऐसे दोस्त कहां से ले आये जो इन्हें लाखों रूपए दें रहे हैं और ये झंडे, बैनर तमाम चीजें लगाकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं तो इन्हें जवाब देना पडेगा कि इतने पैसे कहॉं से आ रहे हैं।
Yi शशि पारस :  आप कैंट से टिकट की दौड में हैं आपको नहीं लगता की आपने एक मुश्किल सीट चुनी है। करीब 35 साल हो गए कांग्रेस को वहां से हारते हुए और सबसे ज्यादा दावेदार कैंट सीट से हैं । अगर आप किसी और सीट से टिकट मॉंगते तो शायद मिल जाता?
राजीव जैन :  मैं आपकी बात से इत्तेफॉक रखता हूॅं।लेकिन जो आदमी मुश्किलों को पार पाने की क्षमता रखता है ,जीत उसी की होती है। मुझसे बहुत से मेरे मित्रों ने भी कहा कि तुम क्यों इस सीट से दावा कर रहे हो, ये सीट तो ऐसी है सर्वे में बीजेपी को बढत है कांग्रेस का ये है लेकिन मैं अपने को ऐसी स्थिती मे समझता हॅूं कि में वहां मुकाबला कर पाने की स्थिती में हूं और सबको साथ लेकर हम उस पेड को गिराने का प्रयास करेगें जो अपनी अवस्था से बडा हो गया है।
Yi शशि पारस :  अनूप नौटियाल जी ने लिखित शिकायत की है कि फेसबुक का जो एकाउंट है वो पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के नाम पर था जिसकी पूरी फंडिग सरकार से हुई है बाद मे उसको फिर हरीश रावत के नाम पर कर दिया गया तो इस बारे मे आपका क्या कहना है ?
राजीव जैन :  मुझे लगता है कि नौटियाल जी को  सोशल मीडिया की पूरी जानकारी का अभाव है, । या वो फिर जानबूझ कर ऐसी बेवकूफी भरी बातें कर रहे हैं । उनको पहले पूरी जानकारी प्राप्त करनी चाहिए और फिर ये सवाल उठाना चाहिए। 
Yi शशि पारस : आपके अब अधिकतर मंत्री बाहर हैं। जो फलाईओवर की बात आप कर रहे हैं वह बहुगुणा जी के समय शुरू हुआ तो क्या वो उसका श्रेय लेने की कोशिश नही करेगें और इससे आपको जूझना नही पड सकता है?
राजीव जैन :  जब बहुगुणा जी मुख्यमंत्री बन कर आये तब उन्होने आनन फानन में तीन फलाईओवर का शिलान्यास कर दिया। ना तो उन्होने उसके लिए जमीन एक्वायर की ना उसकी डीपीआर बनाई ना उसमे यह बताया की कितने की लागत आएगी और घोषणा की कि एक साल के अन्दर यह बनकर तैयार हो जाएगा लेकिन ढाई साल में वो खुद चले गए और फलाईओवर बनना तो दूर उस पर काम शुरू भी नही करा पाए। जब रावत जी आए तो उन्होने खुद इसकी मॉनिटरिंग की और  
तीव्र गति से इसपर काम शुरू करवाया। रही बात श्रेय लेने की तो वो तब लेगें ना जब बहुगुणा जी ने इस पर काम शुरू कराया होता। जब काम ही उन्होंने नहीं कराया तो श्रेय किस बात का। 
Yi शशि पारस :  हरीश रावत जी कह रहे थे कि अगर  इस बीच सीबीआई उन्हे गिरफ्तार कर ले तो कांग्रेस 50 से 55 सीटें पाएगी !  अब सीबीआई ने उन्हे तो फिलहाल पकड़ा नहीं , जैन साहब चर्चा तो यह भी है कि वोटिंग हो जाने के कुछ दिनों के बाद सीबीआई हरीश रावत जी को पकड़ सकती है । अब आप सोचिए कि रावत जी सीबीआई की गिरफ्त में है और चुनाव परिणाम भी हम सबके सामने है और स्थित 2012 वाली बन गई, उस वक़्त की जोड़ तोड़ के लिए कांग्रेस के पास ऐसा कौन मजबूत चेहरा होगा जो बीजेपी के दिग्गजों को मात दे सकेगा ?
राजीव जैन :  देखिए आपका प्रश्न बहुत बड़ा है और कयासोंभरा है , जिसका उत्तर में कम शब्दो में दूंगा ।  मेरा मानना है कि ऐसी कोई भी परिस्थती नहीं है । हम पूर्ण बहुमत से आएगें, जो वर्तमान स्थिती है वहा तक बीजेपी पहुॅचने का प्रयास भी नही कर पाएगी । 
Yi शशि पारस :  चलिए मेरा अन्तिम सवाल कि अगर आपको कांग्रेस ने कैंट से टिकट नहीं देती है, फिर आपका भी बगावती रूख होगा ?  
राजीव जैन :  देखिए कांग्रेस के अंदर करीब 21-22 लोगों ने टिकट के लिए दावेदारी की है और जितने भी लोग अप्लाई करने वाले हैं वो सभी कांग्रेस के प्रमुख कार्यकता नेता हैं। पार्टी के अंदर सभी को टिकट मांगने का अधिकार है, उनका एक सपना होता है आगे बढने का विधायक बनने का, तो उन्होने जो पार्टी से टिकट मांगा पार्टी ने उस पर विचार किया। और जो पार्टी को ठीक लगेगा उसे टिकट दिया जाएगा । इसमें बगावत वाली बात ही कहां है जिसे कांग्रेस फ़ाईनल करेगी हम पूरी ताकत से उस प्रत्याशी कि जिताने का काम करेंगे । 
बहुत-बहुत धन्यवाद जैन साहब आपका यूथ आइकॉन  विशेष  कड़ी राज-राग में शामिल होने के लिए । तो यह थे मेरे साथ मुख्यमंत्री हरीश रावत के मीडिया कॉर्डिनेटर राजीव जैन जिनहोने साफ कहा कि वह भी चुनाव लड़कर विधानसभा तक पहुंचना  चाहते हैं, परंतु हाईकमान निर्णय स्वीकार्य होगा ।
©  प्रस्तुति:  शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’ ,   Shashi Bhushan Maithani ‘Paras’ 

Copyright: Youth icon Yi National Media,  21.01.2017

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