Salute Uttrakhand Police : उत्तराखण्ड पुलिस के इन जवानों को सल्यूट है हमाराLogo Youth icon Yi National Media Hindi

उत्तराखण्ड पुलिस को सल्यूट तो बनता है !

shashi bhushan maithani paras editor and director Youth icon yi national media
Shashi Bhushan Maithani ‘Paras’

जी हां कुछ लिखने से पहले आज सबसे पहले उत्तराखंड पुलिस को सल्यूट करना चाहूंगा । वह भी खासकर देहरादून पुलिस को । अब हमने सल्यूट किया है तो इसकी वजह को जानना आपका भी हक बनता  है ।

लिहाजा मैं तफ़सीस से पूरे मामले को आप समस्त बुद्धिजीवीयों के सामने प्रस्तुत भी करूँगा । लेकिन उससे पहले अपने छोटे भाई अंशुल गैरोला को भी बधाई देना चाहूंगा क्योंकि अगर आज मैं देहरादून पुलिस का यह चेहरा देख पाया जिसे मैं आप लोगों के सामने रख पा रहा हूँ तो इसकी वजह अंशुल ही है । दरअसल अंशुल को पहली बेटी के बाद अब बेटा प्राप्त हुआ है । 4 जुलाई की पूरी रात अंशुल सहित परिवार के सभी सदस्य जगे हुए थे । क्योंकि घर में आने वाले नन्हें मेहमान का सभी को बेसब्री से इंतजार भी था।
सुबह होते ही अंशुल ने मुझे फोन करके बधाई दी कि आप ताऊ बन गए । सुनकर खुशी हुई । दिनभर कुछ व्यस्तता रहने के बाद बुधवार की शाम मैं और राज कौशिक भी अस्पताल पहुंच गए । वहां सब लोग बहुत खुश थे , एक दूसरे को बधाइयों का दौर जारी था । अंशुल दूसरी बार पापा बनने की खुशी में मस्त था हर आने-जाने वालों के पैर छू कर आशीर्वाद ले रहा था । ये भी आज जरूरत से ज्यादा संस्कारी हो गया ।
लेकिन कई घण्टो से वह सोया नहीं था तो राज और मैंने अंशुल को कहा चलो तब तक नीचे उतरकर चाय पी लेते हैं । हम नीचे उतरे सड़क के किनारे लगी चाय की ठेली पर चाय की चुश्कियाँ ले ही रहे थे कि तभी उत्तराखण्ड पुलिस की टोइंग वैन सामने आकर रुक गई बेतरतीब ढंग से पार्क हुई गाड़ियों को माईक से अनाउंस कर  हटवाया गया फिर तभी अचानक से एक सफेद रंग की आई ट्वेंटी कार चालक मानो एक धौंस और अक्कड़ में ठीक पुलिस की टोइंग वैन के आगे नो पार्किंग ज़ोन में कार को आड़ी तिरछी खड़ी कर गया ।
जैसा कि आपने बताया है कि यातायात पुलिस कर्मियों के द्वारा बेहद जिम्मेदारी पूर्वक अपने कर्तव्यों का पालन किया गया है । और सबसे बड़ी बात कि जब इस तरह का फीडबैक आऊट साईड से मिलता है तो निःसंदेह ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों का भी मनोबल बढ़ता है । जैसा कि आप जानते ही हैं कि यातायात व्यवस्था और उसके नियमों का पालन करवाना एक बहुत बड़ी चुनौतीभरा कार्य है । इसलिए ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मचारियों को हमेशा यह बताया जाता है कि वह सड़क पर आवागमन करने वाले लोगों के साथ सर और मैडम जैसे शब्दों से सम्बोधन करने के अलावा बेहद ही धैर्य और संयम के साथ बर्ताव करते हुए नियमों का पालन करने का आग्रह करें । और यदि बार किये गए अनुरोध के बाबजूद भी अगर कोई भी व्यक्ति अपनी गलतियों में सुधार नहीं करता है तो फिर हमारी टीम कानूनी कार्यवाही करने से भी पीछे नहीं हटती है । कानून सबके लिए बराबर है चाहे फिर मैं हूँ या आप । धीरेंद्र गुंज्याल एस0 पी0 यातायात देहरादून
जैसा कि आपने बताया है कि यातायात पुलिस कर्मियों के द्वारा बेहद जिम्मेदारी पूर्वक अपने कर्तव्यों का पालन किया गया है । और सबसे बड़ी बात कि जब इस तरह का फीडबैक आऊट साईड से मिलता है तो निःसंदेह ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों का भी मनोबल बढ़ता है । जैसा कि आप जानते ही हैं कि यातायात व्यवस्था और उसके नियमों का पालन करवाना एक बहुत बड़ी चुनौतीभरा कार्य है । इसलिए ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मचारियों को हमेशा यह बताया जाता है कि वह सड़क पर आवागमन करने वाले लोगों के साथ सर और मैडम जैसे शब्दों से सम्बोधन करने के अलावा बेहद ही धैर्य और संयम के साथ बर्ताव करते हुए नियमों का पालन करने का आग्रह करें । और यदि बार किये गए अनुरोध के बाबजूद भी अगर कोई भी व्यक्ति अपनी गलतियों में सुधार नहीं करता है तो फिर हमारी टीम कानूनी कार्यवाही करने से भी पीछे नहीं हटती है । कानून सबके लिए बराबर है चाहे फिर मैं हूँ या आप ।
धीरेंद्र गुंज्याल
एस0 पी0 यातायात देहरादून

अब पुलिस कर्मी ने अनाउंस किया कि ‘सर …. आप कार आगे बढ़ाएं । कार चालक ने खिड़की से हाथ निकाल पीछे पुलिस कर्मी को कुछ ईशारा किया । हम सब भी चाय पीते पीते सब देख रहे थे  ।  ऐसा महसूस हुआ कि मानो कार में बैठा हुआ सख्स पुलिस कर्मियों को यह कह रहा था कि  क्या तुम मुझे जानते नहीं हो …? चुप चाप अपना काम करो ! और फिर उसने अपनी कार का शीशा ऊपर सरकाकर AC का आनंद लेने लगा । परन्तु मजेदार बात कि अब कार में बैठे उस अनाड़ी को देहरादून पुलिस सबक सिखाने के फुल मूड में आ गई । टोइंग वैन के ड्राइबर ने भी सीधे अपनी वैन एकदम आगे खड़ी कार के पिछवाड़े में सटा दी और फिर अनाउंस हुआ सर….  प्लीज सहयोग करें आप अपनी कार आगे बढ़ाएं !

देखते ही देखते मामला और भी दिलचस्प  होने लगा । कार चालक ने बमुश्किल से 5 से 8 फीट करीब अपनी कार को आगे सरकाया लेकिन फिर वही क्रम जारी रहा पुलिस वैन फिर जा के कार से चिपक गई । इससे तमतमाए आई ट्वेंटी के चालक ने  फिर खिड़की से गर्दन बाहर निकाल कर पीछे खड़े पुलिस कर्मियों देखा तो इसके बाद तुरंत माईक से सख्त लहजे में कहा गया कि सर…  प्लीज आगे बढ़िए इस तरह घूरने से कुछ नहीं होगा हमें मजबूरन आपकी गाड़ी को उठाना पड़ेगा इसलिए आपसे बार-बार आग्रह किया जा रहा लेकिन आप अपनी कार को गैर कानूनी तरीके से सड़क पर खड़ी कर रहे हैं ।
 माफ कीजिये सर …  कानून सबके लिए बराबर है कृपया आप हमें हमारी ड्यूटी करने में सहयोग करें ।
जब पुलिस वैन से एक साथ यह एनाउंसमेंट हुई तो आई ट्वेंटी में सवार अनाड़ी अपनी कार लेकर इतनी तेजी से भागा कि मानो कोई भगोड़ा डकैती करके भाग निकला हो ।

यहां आपको बताता चलूं कि मैं जिस सफेद आई ट्वेंटी कार का मैं यहां जिक्र कर रहा हूँ वह इसलिए खास थी क्योंकि उसके आगे और पीछे लाल और नीली पट्टी के ऊपर पुलिस लिखा हुआ था । जिससे यह प्रतीत हो रहा था कि वह कार उत्तराखण्ड पुलिस में ही मौजूद किसी अधिकारी की थी जिसमें उस अधिकारी के परिवार के सदस्य या वह खुद मौजूद था ।

लेकिन देहरादून के एस्लेहॉल पर 5 जुलाई की शाम लगभग साढ़े 5 बजे 6 बजे के बीच हुए इस मसले ने उत्तराखण्ड पुलिस के जवानों के लिए मेरे अलावा वहां मौजूद अन्य लोगों के दिलों में एक अभूतपूर्व सम्मान पैदा कर लिया है । वाकही अगर हर कोई अपनी ड्यूटी इतनी ही ईमानदारी के साथ निभाए तो निःसंदेह आम जन का विश्वास सिस्टम में कई गुना अधिक बढ़ जाएगा । और मेरे साथ भी ऐसा पहली बार हुआ कि मैं जब इस तरह के पूरे वाकिए का न तो वीडियो बना पाया और न ही कोई फोटो ही क्लिक कर पाया दरअसल मैं और राज कौशिक अपना-अपना मोबाइल फोन चार्जर पर लगाकर छोड़ आए थे जबकि अंशुल का फोन उसकी पत्नी के पास था ।
खैर ….. पुनः एक बार देहरादून पुलिस की इस टीम को पूरे यूथ आइकॉन परिवार की ओर से सल्यूट है हमारा  ।
जय हिंद ।
शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’
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By Editor