Sugam-Durgam : अरे सरकार आपके फैसले से तो सुगम स्कूल भी हो गए दुर्गम !Logo Youth icon Yi National Media Hindi

Amit Raturi Youth icon Yi Reporter Dehradun
अमित रतूड़ी

देहरादून, (यूथ आइकाॅन)।  त्रिवेन्द्र सरकार ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उसका एक फैसला उसके गले की हड्डी बन जाएगा। दरसअल सरकार ने हाईवे से शराब की दुकानों को हटाने से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का तोड़ निकाला और राज्य के स्टेट हाईवे को डिस्ट्रिक्ट रोड में तब्दील कर दिया। यहां पर

फोटो : साभार गूगल से ।

सरकार ने सफाई भी दी कि यह फैसला शराब के लिए नहीं राज्य के विकास के लिए किया गया है। लोकनिर्माण महकमे के सचिव अरविंद सिंह हयांकी का कहना है कि राज्य के शहरी स्थानीय निकाय क्षेत्रों की सीमा के अंदर आने वाले राजमार्गां में जनसंख्या दबाव ज्यादा हो गया है। लिहाजा सड़क के किनारों पर आवास निर्माण की गतिविधियां बढ़ गई हैं। तर्क दिया गया है कि राजमार्गों में सीवर लाइन, नाली, बिजली के पोल, ट्रांसफार्मर, टेलीफोन लाइन, और स्थानीय निकाय के होर्डिंग आदि होने के कारण स्टेट हाईवे के इन हिस्सों का रख-रखाव और दूसरे विकास व विस्तार ‘राजमार्ग’ के मानकों के हिसाब से किए जाने में व्यवहारिक कठिनाई आ रही है। लिहाजा सरकार ने स्टेट हाईवे को जिला मार्ग मे तब्दीली का निर्णय लिया। लिहाजा राज्य के किसी भी निकाय, नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत की सीमा से गुजरते हों, को राज्यमार्ग की श्रेणी से डिनोटीफोई करते हुए इस भाग को जिला मार्ग में नोटिफाई किया गया है। 

लेकिन यहां सरकार को इस बात का जरा सा भी ध्यान नहीं रहा कि जो वर्तमान तबादला नियमावली लागू हो रही है इससे अधिकतर सुगम स्कूल दुर्गम हो जाएंगे, क्योंकि राज्य में स्कूलों का वर्गीकरण हाईवे से दूरी के आधार पर किया गया है। नियमावली में स्कूलों के दुर्गम, अति दुर्गम और सुगम श्रेणी का जो वर्गीकरण किया गया है उसमें हाईवे से दूरी भी एक मानक हैं। राजकीय राजमार्गों से स्कूल की दूरी के आधार पर ही स्कूलों को अंक दिए गए हैं। जो स्कूल राजमार्ग से जितनी दूरी पर होगा उसे उतने कम अंक मिलेंग। वही स्कूल के नजदीक होने पर अधिक अंक। इन अंको के आधार पर ही सुगम और दुर्गम स्कूल की श्रेणी का निर्धारण होगा। लेकिन स्टेट हाईवे के डिस्ट्रिक्ट रोड बनने से अधिकतर सुगम स्कूल दुर्गम की श्रेणी में आ जाएंगें।
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By Editor