सावधान ! यहां हाईवे पर यमराज घूम रहा है ..!

 

 

टक्कर इतनी भयानक थी कि बस पलट सकती थी जिसके बाद कई सवारियों की जान भी जा सकती थी लेकिन  यह बस चालक की सूझ-बूझ ही थी कि जिसके चलते एक भीषण हादसा होते-होते रह गया . हाईवे पर इस तमाशे को देख यही कह सकते हैं कि यहां हाईवे पर यमराज बनकर खुलेआम घूम रहा है  वो . और इसी कि तरह अधिसंख्य जुगाड़ पर चलने वाले खटारा उत्तरप्रदेश की सीमान्तर्गत हर छोटी बड़ी सड़कों  धड़ल्ले घूमते देखे जा सकते हैं,  जाहिर सी बात है कि यह बिना पुलिस संरक्षण के संभव नहीं है ….. 

 

शशि भूषण मैठाणी 'पारस'
शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’

 अभी चंद रोज पहले की बात है मैं दिल्ली से देहरादून  की तरफ लौट रहा था . मैंने दिल्ली से उत्तराखंड परिवहन की वोल्बो बस में देहरादून का ऑनलाईन टिकट पहले ही ले लिया था  .  दिल्ली से देहरादून आते वक्त मोदीनगर तक तो बस भारी जाम में रेंगते हुए चली . कह सकता हूँ कि सफ़र एकदम ऊबाऊ पकाऊ और थकाऊ रहा . लेकिन जब बस ने मेरठ शहर से पहले ही बाईपास का रास्ता पकड़ा तो काफी दूर तक सफर आरामदायक लगा . सभी गाड़ियां अपनी-अपनी लेन में फर्राटे से दौड़ रही थी, तभी अचानक से गुरुकुल नारसन के पास हमारे आगे-आगे तेज गति से चल रही उत्तराखंड राज्य परिवहन निगम की एक बस को विपरीत दिशा से भूसे से भरे ट्रोला ने जोरदार टक्कर मार दी जिसके बाद बस तकरीबन १५० मीटर दूर तक लहराते हुए  हाइवे के किनारे जाकर रुक गई . टक्कर इतनी भयानक थी कि बस पलट सकती थी जिसके बाद कई सवारियों की जान भी जा सकती थी लेकिन  यह बस चालक की सूझ-बूझ ही थी कि जिसके चलते एक भीषण हादसा होते-होते रह गया . हालांकि इस बीच बस में सवार कई यात्री चोटिल भी हुए थे . सामने-सामने भयानक हादसा होते देख पीछे-पीछे चल रही बस जिसमें, मैं भी सवार था उसके चालक ने भी मदद के लिए बस उसी जगह पर किनारे खड़ी की, हम सभी लोग भी दुर्घटनाग्रस्त बस तक पहुंचे तो देखा कि वहां पर बस के ड्राईबर और कन्डक्टर यूपी के कुछ लोगों के झुण्ड ने घेरा हुआ है, जोरदार बहस चल रही थी अपनी गलती होने के बाबजूद भी वो सभी झुण्ड बनाकर उत्तराखंड परिवहन निगम के चालक परिचालक को धमकाते रहे . परन्तु इसी बीच किसी यात्री ने गुपचुप तरीके पुलिस को घटना कि जानकारी दे दी . गनीमत यह रही कि घटना एकदम उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड कि सीमा की रही और पुलिस क्षेत्र उत्तराखंड का रहा जिस कारण बस के चालक और परिचालक पर आने वाली मुसीबत टल गई . उत्तराखंड पुलिस मौके पर पहुंची फिर उपद्रवियों को धमकाते हुए मौके से हटाया और दोषी ट्रोला ड्राईबर को ट्रोला सहित थाने में ले गए . जबकि बस के बाएं हिस्से में अगले टायर में लोहे का मोटा गार्डर धंस जाने के कारण वह आगे नहीं बढ़ पाई जिसके बाद उस बस में सवार सवारियों को अन्य बसों से देहरादून  के लिए रवाना किया गया .

पुलिस के मौके पर पहुँचने के बाद जब टैक्टर और परिवहन निगम के ड्राईवर से तहकीकात शुरू हुई तो पता लगा कि यहां तो कानून व्यवस्था की खूब धज्जियां उड़ाई जा रहीं हैं , जानकारी के मुताबिक, टैक्टर वाले के पास कोई कागजात तक नहीं थे जिसके बाबजूद वह बेखौप इस फोर लेन हाईवे पर यमराज बनकर खुलेआम घूम रहा है . और इसी कि तरह अधिसंख्य जुगाड़ पर चलने वाले खटारा उत्तरप्रदेश की सीमान्तर्गत हर छोटी बड़ी सड़कों  धड़ल्ले घूमते देखे जा सकते हैं जाहिर सी बात है यह बिना पुलिस संरक्षण के संभव नहीं है . जबकि खुलेआम इस तरह से यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई प्रशासन को करनी चाहिए . सड़क व्यवस्था के अनुरूप सडकों पर ना जाने कितने ही ऐसे अन्य वाहन गैरकानूनी तरीके से चल रहे हैं, जिनके बारे में आरटीओ से लेकर ट्रैफिक पुलिस तक अज्ञात हैं l  और हकीकत यह भी है कि ज्यादातर मामलों में जानबूझकर अज्ञात भी रहते हैं . क़ानून को ठेंगा दिखाकर इस तरीके से चल रहे वाहनों आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं लेकिन उसके बाबजूद भी इनका मनमौजी आचरण बदस्तूर जारी है .  सवाल यह कि  इन जुगाड़ गाड़ियों के कारण जब भीषण सड़क हादसे होते हैं तो इसकी जिम्मेदारी लेने से सभी बाख जाते हैं जबकि इस तरह कि घटनाओं के लिए पूर्णत: शासन-प्रशासन जिम्मेदार हैं जिनसे अप्रत्यक्ष  संरक्षण मिलने के बाद ही लोग जुगाड़ वाहनों को धड़ल्ले से हाईवे पर ले आते हैं .  

यातायात नियमों के अनुरूप सरकार और प्रशासन को इस तरह से घटित दुर्घटनाओं का संज्ञान लेना चाहिए और कोई अनहोनी होने से पहले सिस्टम को दुरुस्त करना चाहिए ताकि आगे से इस प्रकार यात्रियों की जान फिर खतरे में न आए . 

Logo Youth icon Yi National Media Hindi

By Editor