भारत चीन सीमा से सटे गांवों तक पहुंची रिश्तों की गर्माहट - समौण इंसानियत की ।  ◆ माइनस 12 डिग्री के बीच पहुँची समौण इंसानियत की - गर्माहट रिश्तों की । अब मैदान से पहाड़ तक पहुंची मुहिम । ◆ YOUTH icon Creative Foundation Society ( YiCF ) बैनर तले चलाई जा रही है मुहिम । मुख्यमंत्री trivendra Singh rawat CM भी दे चुके हैं बेटियों के हाथ samaun insaniyat ki .   manaswini maithani . Yashasvini maithani . Shashi bhushan maithani paras . K K Madan . Krishana kumar madan सूकी गांव जोशीमठभारत चीन सीमा से सटे गांवों तक पहुंची रिश्तों की गर्माहट - समौण इंसानियत की ।  ◆ माइनस 12 डिग्री के बीच पहुँची समौण इंसानियत की - गर्माहट रिश्तों की । अब मैदान से पहाड़ तक पहुंची मुहिम । ◆ YOUTH icon Creative Foundation Society ( YiCF ) बैनर तले चलाई जा रही है मुहिम । मुख्यमंत्री trivendra Singh rawat CM भी दे चुके हैं बेटियों के हाथ samaun insaniyat ki .   manaswini maithani . Yashasvini maithani . Shashi bhushan maithani paras . K K Madan . Krishana kumar madan सूकी गांव जोशीमठ

भारत चीन सीमा से सटे गांवों तक पहुंची रिश्तों की गर्माहट – समौण इंसानियत की । 

◆ माइनस 12 डिग्री के बीच पहुँची समौण इंसानियत की – गर्माहट रिश्तों की । अब मैदान से पहाड़ तक पहुंची मुहिम ।

◆ YOUTH icon Creative Foundation Society ( YiCF ) बैनर तले चलाई जा रही है मुहिम । 

कमल नयन सिलोड़ी kamal nayan silori joshimath
◆ कमल नयन सिलोड़ी 

उत्तराखंड में इन दिनों समाजसेवी शशि भूषण मैठाणी एवं उनकी दो छोटी- छोटी बेटियों द्वारा चलाई जा रही खास चर्चा में है ।
“समौण इंसानियत की – गर्माहट रिश्तों की” नाम से चलाई जा रही यह मुहिम क्या आम और क्या खास सबकी वाहवाही लूट रही है ।

खासकर मुहिम में 9 वर्षीय यशस्विनी मैठाणी और 13 वर्षीय मनस्विनी मैठाणी की सक्रियता ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है । यहां तक की सूबे के

भारत चीन सीमा से सटे गांवों तक पहुंची रिश्तों की गर्माहट - समौण इंसानियत की ।  ◆ माइनस 12 डिग्री के बीच पहुँची समौण इंसानियत की - गर्माहट रिश्तों की । अब मैदान से पहाड़ तक पहुंची मुहिम । ◆ YOUTH icon Creative Foundation Society ( YiCF ) बैनर तले चलाई जा रही है मुहिम । manaswini maithani . Yashasvini maithani . Shashi bhushan maithani paras

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने समाजसेवी शशि भूषण मैठाणी और उनकी दोनों बेटियों को मुख्यमंत्री आवास पर आमंत्रित कर उनके हाथों जरूरतमंद लोगों को अपनी ओर से “समौण” भेजकर मुहिम को गति दी है ।

“समौण” दरअसल पहाड़ का बेहद आत्मीयता को दर्शाता एक खास शब्द है, जिसे उपहार या गिफ्ट कहा जाता है ।

भारत चीन सीमा से सटे गांवों तक पहुंची रिश्तों की गर्माहट - समौण इंसानियत की ।  ◆ माइनस 12 डिग्री के बीच पहुँची समौण इंसानियत की - गर्माहट रिश्तों की । अब मैदान से पहाड़ तक पहुंची मुहिम । ◆ YOUTH icon Creative Foundation Society ( YiCF ) बैनर तले चलाई जा रही है मुहिम । मुख्यमंत्री trivendra Singh rawat CM भी दे चुके हैं बेटियों के हाथ samaun insaniyat ki .   manaswini maithani . Yashasvini maithani . Shashi bhushan maithani paras . K K Madan .  Krishana kumar madan
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत भी YiCF समौण इंसानियत की मुहिम की सराहना कर चुके हैं । 

यूथ आइकॉन क्रिएटिव फाउंडेशन के संस्थापक शशि भूषण मैठाणी यूँ तो उत्तराखंड में अपने विभिन्न खास सामाजिक एवं रचनात्मक अभियानों के लिए जाने जाते हैं, जिसकी बदौलत वह हमेशा चर्चा में रहते हैं । लेकिन इस मर्तबा सर्द हवाओं से बचाने के लिए गरीब असहाय लोगों को गर्माहट देने का जो अभियान उन्होंने अपनी बेटियों को आगे कर चलाया उसकी जमकर तारीफ हो रही है ।

Ramandeep Kaur . Salma . Manaswini Maithani Yashasvini Maithani । Shashi Bhushan Maithani Paras । youth icon creative foundation society मिली दो और बेटियां ! अब दो नहीं चार बेटियाँ चलाएंगी मुहिम ! समौण इंसानियत की ।
देहरादून में बीते 3 वर्षों से जारी है मुहिम ! समौण इंसानियत की ।

बीते तीन वर्षों से यह परिवार लगातार सर्दियों में जरूरतमंद लोगों के घर-घर जाकर उन्हें अपने हाथों से कपड़े पहनाते आये हैं । अकेले इस वर्ष यह परिवार 6 हजार 988 लोगों को महज 33 दिनों में कपड़े पहना चुका है ।

और अब प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से लोग शशि भूषण मैठाणी को फोन कर मदद मांगते हैं । जिसके तुरन्त बाद शशि भूषण भी अपनी दोनों बेटियों के साथ पहुंच जाते हैं जरूरतमंद लोगों के बीच । आज इसी क्रम में प्रदेश की राजधानी देहरादून से लगभग 400 किलोमीटर दूर भारत चीन की सरहद के गांवों तक पहुंची मैठाणी परिवार की “समौण इंसानियत की – गर्माहट रिश्तों की मुहिम । 

भारत चीन सीमा से सटे गांवों तक पहुंची रिश्तों की गर्माहट - समौण इंसानियत की ।  ◆ माइनस 12 डिग्री के बीच पहुँची समौण इंसानियत की - गर्माहट रिश्तों की । अब मैदान से पहाड़ तक पहुंची मुहिम । ◆ YOUTH icon Creative Foundation Society ( YiCF ) बैनर तले चलाई जा रही है मुहिम । मुख्यमंत्री trivendra Singh rawat CM भी दे चुके हैं बेटियों के हाथ samaun insaniyat ki .   manaswini maithani . Yashasvini maithani . Shashi bhushan maithani paras . K K Madan .  Krishana kumar madan  सूकी गांव जोशीमठ
अपने हाथों से कपड़े पहनाती हैं मनस्विनी मैठाणी और यशस्विनी मैठाणी । 

बेटियों के साथ सीमा  के नजदीक के सूकी गांव में पहुंचे  मैठाणी  परिवार ने गरीब जरूरतमंद परिवारों को “समौण” में गरम कपड़े व कम्बलें बांटी ।

समाजसेवी शशि भूषण मैठाणी और उनकी बेटियों में मनस्विनी मैठाणी व यशस्विनी मैठाणी को अपने बीच पाकर ग्रामीणों के चेहरे खिल उठे । इस परिवार के हाथों मनपसंद कपड़े पाकर ग्रामीण बेहद खुश नजर आए ।

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ग्राम प्रधान लक्ष्मण सिंह बुटोला ने इस मदद के लिए शशि भूषण और उनकी दोनों बेटियों की सराहना करते हुए कहा कि धन के अमीर तो बहुत देखे लेकिन मन के अमीर विरले ही होते हैं और उनमें से एक हैं शशि भूषण मैठाणी और उनका परिवार ।

भारत चीन सीमा से सटे गांवों तक पहुंची रिश्तों की गर्माहट - समौण इंसानियत की ।  ◆ माइनस 12 डिग्री के बीच पहुँची समौण इंसानियत की - गर्माहट रिश्तों की । अब मैदान से पहाड़ तक पहुंची मुहिम । ◆ YOUTH icon Creative Foundation Society ( YiCF ) बैनर तले चलाई जा रही है मुहिम । मुख्यमंत्री trivendra Singh rawat CM भी दे चुके हैं बेटियों के हाथ samaun insaniyat ki .   manaswini maithani . Yashasvini maithani . Shashi bhushan maithani paras . K K Madan .  Krishana kumar madan  सूकी गांव जोशीमठ

यूथ आइकॉन क्रिएटिव फाउंडेशन के संस्थापक एवं समाजसेवी शशि भूषण मैठाणी समौण के बाद अन्य समाजिक अभियानों के साथ जरूरतमंद लोगों बीच आएंगे । यह मुहिम फिलहाल लोगों को सर्द हवाओं से बचाने के लिए चलाया जा रहा है जो 3 वर्षों से जारी है

◆ Kamal Nayan Silori , Joshimath ।

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