उत्तराखण्ड में राजनीतिक अस्थिरता के चलते मिले डेढ़ दशक में 8 सीएम ..... !
Shashi Bhushan Maithani 'Paras' Editor Yi
Shashi Bhushan Maithani ‘Paras’ Editor Yi

नता बीजेपी कांग्रेस के खेल से इस समय खासी नाराज है। बीजेपी असंतुष्ट कांग्रेसियों के बीच में कूद गयी इसलिए बीजेपी से नाराज है और कांग्रेस के भीतर जो घमासान चल रहा था वो आज चौराहे पर है।

कारण जो भी हो बिजली, सड़क, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, पलायन सब छूट गए मसले है केवल कुर्सी की लड़ाई है। कारण जो भी हो न बीजेपी महाज्ञानी की और न हरीश रावत बलिदानी की अपनी छवि गढ़ सकते हैं क्योकि जो हुआ वह आम आदमी के मसले से दूर दूर तक मतलब नहीं रखता है। उत्तराखण्ड की हर सरकार में विद्रोह हुआ। अंतरिम सरकार में स्वामी कोश्यारी संघर्ष, फिर तिवारी हरीश रावत के झगड़े, खंडूड़ी कोश्यारी, खण्डूरी निशंक विवाद फिर बहुगुणा रावत की खींचतान ने प्रदेश को शर्मसार किया।

 इस समय भी प्रदेश उठापटक की खबरों में जी रहा है जो राज्य के लिए शुभ संकेत नहीं। क्योंकि इन सभी राजनैतिक विवादों का कारण कभी भी राज्यहित नहीं रहा है। कोई परिवर्तन जनमुद्दों को लेकर नहीं हुआ, हर बदलाव में निजी अहंकार और सत्ता की भूख मुख्य थी। फिर प्रदेश उसी दौर से गुजर रहा है।

उत्तराखण्ड पर भारी पड़ रही माननीयों की अति महत्वकांक्षाएं ..... !
उत्तराखण्ड पर भारी पड़ रही माननीयों की अति महत्वकांक्षाएं ….. !

 इस उथल पुथल में बाजी जिसके भी हाथ लगे मगर इस बार भी पार्टियां और नेता जीत के जश्न में ये दावा नहीं कर सकेंगे कि उन्होंने इस नवजात प्रदेश का रत्तीभर भी भला किया । इस नए प्रदेश के नौसखिये नेता प्रदेश को सोलह सालों में ये विश्वास नहीं दिला पाये कि उनकी प्राथमिकता जनता की पीड़ा है।

 क्या जनता को याद है कि हमारे नेता जनता के लिए कभी इतने युद्ध स्तर पर जुटे हों, राज्य के हित में दिल्ली में डेरा जमाया हों, अपनी विधानसभा के विकास के लिए इस्तीफा दिया हो जवाब है नहीं क्योंकि आन्दोलन के गर्भ से पैदा हुआ राज्य आज तुच्छ राजनैतिक लाभों, इच्छाओं और लालच का शिकार हो चुका है। इस रोग का निदान जल्दी नहीं दिखता अभी हमने अनेक ऐसे हालातों से गुजरना है।

28 मार्च को सदन में जो भी फैसला हो, जो भी हारे जीते मगर जनता ठगी जायेगी। पार्टियों के घोषणा पत्र भले ही जो हों, एजेण्डे एक ही हैं कुर्सी कुर्सी कुर्सी वो भी केवल मुझे मुझे मुझे,,,

  • शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’   Youth icon Yi Naitonal Creative Media Report 

By Editor

One thought on “आन्दोलन के गर्भ से पैदा हुआ राज्य आज तुच्छ राजनैतिक लाभों, इच्छाओं और लालच का शिकार हो चुका है …. !”
  1. बहुत खूब मैठाणी जी एक दम सटीक एवम् निष्पक्ष विश्लेषण ।
    सचमुच इस राज्य का बहुत बड़ा दुर्भाग्य है की यहाँ आज भी राज्य हिट को प्राथिमिकता नही दिया जा रहा है

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