कर्णप्रयाग विधायक अनुसूया प्रसाद माइखुरी , बद्रीनाथ विधायक राजेन्द्र भण्डारी व थराली विधायक जीतराम ।
Youth icon Yi National Creative Media Report
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Chamoli : अब चमचों के खातिर खतरे में  विधायक….!

Laxman Singh Rana . Youth icon Yi Report
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चमोली जनपद में आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों की डगर आसान नहीं लग रहीं है। इन कांग्रेसी विधायकों के चमचों के कुकर्म तीनों प्रत्याशियों को डूबोने के लिए काफी हैं।

वर्ष 2012 के चुनाव में कांग्रेस के नाम पर जीत दर्ज करने वाले थराली, कर्णप्रयाग एवं बदरीनाथ के विधायकों के विकास कार्यों एवं उनके योजनाओं हालांकि पूरी तरह से जनता के सामने है लेकिन उनके चमचो एवं चापलूसी कर के जिले में कांग्रेस पदों पर आसीन हुए कुछ ठेकेदारों के कारनामे चमोली जिले के आम जनमानस को मुह चिढ़ा रही है। खनन के नाम पर अधिकारियों को धमकाना और विकास योजनाओं में तय मानको से कम मजदूरी लोगों को देने का खेल भी किसी से छिपा नहीं है। सड़क निर्माण से लेकर खनन पट्टों तक हत्याने में भी ये पीछे नहीं रहे।

इससे पूर्व पंचायत चुनाव में कांग्रेस की जिले मे हार के पीछे और कोई दूसरा कारण नहीं था बल्कि इस हार के पीछे वे चमचे थे जो चमोली के आम जनमान को खटक रहे थे इन्हीें को इनकी हैसियत दिखने के लिए जनता ने यह काम किया चमोली में राजनीति एवं कांग्रेस भाजपा को बारी बारी से धूल चटाने वाले दिग्गज विधायक राजेन्द्र भंडारी की पत्नी

कर्णप्रयाग विधायक अनुसूया प्रसाद माइखुरी , बद्रीनाथ विधायक राजेन्द्र भण्डारी व थराली विधायक जीतराम ।
कर्णप्रयाग विधायक अनुसूया प्रसाद मैखुरी , बद्रीनाथ विधायक राजेन्द्र भण्डारी व थराली विधायक जीतराम ।

भी मामूली अंतर से ही जिला पंचायत का चुनाव जीत पायी वहीं प्रोफेसर जीत राम के अधिकांश समर्थक भी इस चुनाव में हार गये बात कर्णप्रयाग विधानसभा की की जाय तो यहां के हालत भी किसी से छिपे नहीं है। जिन लोगों ने अंदरखाने कांग्रेस को हराने का काम किया वो कभी बसपा तो कभी निर्दलियों का झंडा थामे घूमते रहे आज विधानसभा में उन्हीं की सबसे अधिक चल रही है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां के क्या हालात होंगे।

चुनावांे में सक्रिय रहने वाले वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की विधायकों के इन चमचों के आगे कुछ नहीं चल पा रही है जिससे ग्रामीण क्षेत्र में भी कांग्रेस का जनाधार विखरने लगा है। विधायकों के ये चमचे भी इतने शातिर हैं कि विधायक को जमीनी सच्चाई बताने वाले आदमी को ये उनके आस-पास तक फटकने नहीं देते हैं। इनमेे कई चमचे ऐसे हैं जो प्रधान तो दूर की बात वार्ड मेम्बर का चुनाव जितने का दम नहीं रखते लेकिन इनका स्टाइल, मंहगी पोशाक एवं विधायक निधि के पैसे से खरीदी फतवी देखकर ये राष्ट्रीय नेता से कम नजर नहीं आते।
अगर चमोली जिले में कांग्रेस पार्टी का जनाधार बढ़ाना है तो विधायकों को अपनी आंखों पर पड़े चमचे रूपी चश्मों को हटाना होगा। इसके बाद ही चमोली जिले में वास्तविक कार्यकर्ता की पहचान संभव हो पाएगी और तब ही विकास की बयार अंतिम छोर तक पहुंचाने का कार्य भी संभव हो पाएगा।

By Editor

6 thoughts on “Chamoli : अब चमचों के खातिर खतरे में विधायक….!”
  1. ये विधायक क्या इतने मगरूर है की जनता के समक्ष खुद नहीं जाते
    वोट मागने कैसे पहुचते है हाथ जोड़ कर अब जनता को ही इन्हे इनकी औकात दिखानी होगी
    थोड़ी चेतना तो आयी है लोगो में अब विधायको के साथ जनता की भीड़ नहीं होती उनके कमांडो ही दिखते है बस और ये जागरूकता काफी है

  2. राजनीति का गुणा भाग इतना आसान नहीं है। केवल थराली सीट ही ऐसी लग रही है जहाँ वर्तमान विधायक कमजोर नजर आ रहे हैं

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