Eshwrya : उत्तराखंड में परम्परा तोड़तीं, नये आयाम जोड़ती ऐश्वर्या, स्वावलंबन की नया परिचय- नन्हीं ऐश्वर्या ! माँ शक्ति के प्रांगण में एक जीवन्त शक्ति ! कैमरे को हथियार बना गरीबी से दो-दो हाथ । dharidevi shrinagrEshwrya : उत्तराखंड में परम्परा तोड़तीं, नये आयाम जोड़ती ऐश्वर्या, स्वावलंबन की नया परिचय- नन्हीं ऐश्वर्या ! माँ शक्ति के प्रांगण में एक जीवन्त शक्ति ! कैमरे को हथियार बना गरीबी से दो-दो हाथ । dharidevi shrinagr

उत्तराखंड में परम्परा तोड़तीं, नये आयाम जोड़ती सुष्मिता , स्वावलंबन की नया परिचय- नन्हीं  सुष्मिता  !

* माँ शक्ति के प्रांगण में एक जीवन्त शक्ति ! कैमरे को हथियार बना गरीबी से दो-दो हाथ ।

 

 

वो जो सबका ध्यान अपनी और आकर्षित करती है। वह  है 16 साल की गोल मटोल सुन्दर सी लड़की । जो गले में डीएसएलआर कैमरा टांके हुए लोगों से एक फोटो खीच लेने की अपील करती दिखती है। लोग उससे फोटो खिचवाने से मना कर देेते है तो वह निराश होकर बैठ जाती है जब दूसरे भक्त दाम कम कर देने की शर्त पर फोटो खिचवाते हैं तो वह लड़की खुशी से झूमने लगती है।

 

आकांक्षा

सिद्ध पीठ धारी देवी मंदिर में इन दिनों श्रद्धालुओं का हुजूम उमडा हुआ है। यहां कोई धारी देवी से अपने परिवार की खुशहाली के लिए दुवा कर रहा है। तो कोई देवी से अपने पापों के लिए क्षमा याचना कर रहा है। मंदिर के बाहर धारी के प्रांगड मे व अलकनंदा के किनारे युवा भक्त सेल्फी लेते व अलकंनदा के किनारे पर खेल रहे हैं। यह पूरी तस्वीर इस क्षेत्र के पूरे वातावरण को भक्त मय बना रही है। वही इसी मंदिर परिसर में एक और तस्वीर है जो सबका ध्यान अपनी और आकर्षित करती है। यह तस्वीर है 16 साल की गोल मटोल सुन्दर सी लड़की की है। जो गले में डीएसएलआर कैमरा टांके हुए लोगों से एक फोटो खीच लेने की अपील करती दिखती है।

Eshwrya : उत्तराखंड में परम्परा तोड़तीं, नये आयाम जोड़ती ऐश्वर्या, स्वावलंबन की नया परिचय- नन्हीं ऐश्वर्या ! माँ शक्ति के प्रांगण में एक जीवन्त शक्ति ! कैमरे को हथियार बना गरीबी से दो-दो हाथ । dharidevi shrinagr

लोग उससे फोटो खिचवाने से मना कर देेते है तो वह निराश होकर बैठ जाती है जब दूसरे भक्त दाम कम कर देने की शर्त पर फोटो खिचवाते हैं तो वह लड़की खुशी से झूमने लगती है।   

नन्हें कंधों पर बड़ी जिम्मेदारियों को थामने वाली सुष्मिता अब पूरे इलाके में एक मिशाल की तौर पर देखी जाने लगी हैं । यूथ आइकॉन ने भी सुष्मिता के जज्बे को सलाम करते हुए वर्ष  2018 में  उसको सम्मानित करने का भी निर्णय लिया । सुष्मिता  को अक्टूबर 2018 में देहरादून में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय यूथ आइकॉन अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा । 

हमने जब इस दूसरी तस्वीर पर गौर किया तो एक दर्द भरी कहानी सामने आयी। जो इस समाज में जीवित रहने के लिए मानवीय संघर्ष की कहानी को बया करती है। यह संघर्ष भरी कहानी 16 वर्ष की एश्वर्या की है। दरअसल

Eshwrya : उत्तराखंड में परम्परा तोड़तीं, नये आयाम जोड़ती ऐश्वर्या, स्वावलंबन की नया परिचय- नन्हीं ऐश्वर्या ! माँ शक्ति के प्रांगण में एक जीवन्त शक्ति ! कैमरे को हथियार बना गरीबी से दो-दो हाथ ।
उत्तराखंड में परम्परा तोड़तीं, नये आयाम जोड़ती सुष्मिता, स्वावलंबन की नया परिचय- नन्हीं सुष्मिता  ! माँ शक्ति के प्रांगण में एक जीवन्त शक्ति ! कैमरे को हथियार बना गरीबी से दो-दो हाथ ।

सुष्मिता के पिता इस दुनियां में नही है और सुष्मिता के कंधों पर अपने चार छोटे भाई-बहनों और एक असहाय मां का जिम्मा आ गया। इस खेलने कूदने की उम्र में इतनी बडी जिम्मेदारी से भागने के बजाया सुष्मिता ने यह बोझ अपने कंधो पर ले लिया व समाज में एक मिशाल की तरह सामने आने लगी।

श्रीनगर के एक पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाली सुष्मिता श्रीनगर से रोजाना दस किलोमीटर दूर धारी मंदिर में पो फटते ही पहुच जाती है और सुबह से लेकर देर सांय तक वहीं फोटोग्राफी करती है। सुष्मिता बताती है कि उसके पिता की मधुमेय की बीमारी से मौत हो गई। जिसके बाद उनके परिवार की 4 नाबालिग बेटियांे व 6 वर्षीय छोटे भाई की जिम्मेदारी उसकी मां के कन्धों पर आ गई। मां ने बच्चांे को पालने के लिए नौकरी तलाश की लेकिन हर जगह निराशा ही हाथ आई। उनके घर मे चार-चार स्कूल पढने वाली बेटियां व एक बेटे को जब कई आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा तो सुष्मिता ने अपने हाथों पर कैमरा थाम लिया। सुष्मिता बाताती है कि इन दिनों नवरात्रा चल रहे है तो भक्त भी अधिक पहुंच रहे है जिससे उनकी थोडा बहुत कमाई हो जाती है। जो कि इतने बडे परिवार को चलाने के लिए नाकाफी है। अब सुष्मिता को सरकार व समाज से मद्द की दरकार है।  आपको बताते चलें बीते वर्ष हमने यूथ आइकॉन ने अपने इसी पोर्टल पर सुष्मिता की बहिन ऐश्वर्या की भी रिपोर्ट अपने पाठकों के सामने रखी थी । ऐश्वर्या सुष्मिता से छोटी है पहले वह भी माँ  धारीदेवी के इसी प्रांगण में अपनी बहिन सुष्मिता की तरह फोटोग्राफी कर घर के खर्चों के लिए जद्दोजहद किया करती थी लेकिन अब बड़ी बहिन सुष्मिता जो कि महज 16 साल की है ने उसकी जगह ले ली वो भी इसलिए ताकि छोटी बहिन की पढ़ाई न रुक सके । 

नन्हें कंधों पर बड़ी जिम्मेदारियों को थामने वाली सुष्मिता और ऐश्वर्या अब पूरे इलाके में एक मिशाल की तौर पर देखी जाने लगी हैं । यूथ आइकॉन ने भी दोनों बच्चियों के जज्बे को सलाम करते हुए वर्ष  2018 में इन दोनों बेटियों को सम्मानित करने का भी निर्णय लिया । सुष्मिता और ऐश्वर्या को अक्टूबर 2018 में देहरादून में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय यूथ आइकॉन अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा । 

By Editor

4 thoughts on “Eshwrya : उत्तराखंड में परम्परा तोड़तीं, नये आयाम जोड़ती ऐश्वर्या, स्वावलंबन की नया परिचय- नन्हीं ऐश्वर्या ! माँ शक्ति के प्रांगण में एक जीवन्त शक्ति ! कैमरे को हथियार बना गरीबी से दो-दो हाथ ।”
  1. Dhari devi mata ki kirpa aap per bani rahe.. Mata sab ko sadbudhi de aur kathin parastithi se ubarne ka aapki hi tarah sabhi ko sahas bhi..

  2. God bless you. Maa Dhari Devi Swarupini Aishwarya and Shusmita. God helps those who help themselves. Not I, u, they but all world is with u.

  3. Dhari Devi Maa KI KIRPA AAP PAR BANI RAHEY TUMAREY SAAREY KAAM PUREY HOO JAYEYGEY

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