निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत
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Floor Test : क्या हरीश रावत ने 9 को कब्जे में कर लिया ….. ?

Shashi Bhushan Maithani 'Paras'
Shashi Bhushan Maithani ‘Paras’

*इसका मतलब तो आज हरीश रावत का भाग्य बदल जाएगा .. ? 

 पिछले कुछ समय से अचानक ही हरीश रावत के लिए 9 का अंक अशुभ बनकर उभरा है । यह किसी ज्योतिषीय गणना या भविष्यवाणी के बाद पता नहीं चला बल्कि महज इत्तेफाक से एक के बाद एक घटती घटनाओं के बाद आम लोगों ने हरीश रावत की कुण्डली में अशुभ बनते जा रहे 9 वें अंक के फेर को पकड़ा ।

गौर करें कि उनकी सरकार पर संकट उनके ही 9 विधायकों ने खड़ा किया है । यही 9 विधायक नवग्रह बनकर रावत के राजपाठ में उथल-पुथल मचा गए । और यह बात बगावती विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा भी कई बार कह चुके हैं कि रावत के  9 के 9 ग्रह उनके लिए खराब हो गए ।

मजेदार बात यह रही कि हरीश रावत के खिलाफ भाजपा के विधायकों ने सदन से लेकर सड़क तक मोर्चा खोला और इनकी भी

निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत
निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत

संख्या 27 है, और यहां भी 2+7 = 9  का अंक रावत के लिए मुसीबत बना ।  सदन में वित्त विधेयक  भी 18 मार्च को आया जिसके जोड़ से भी इस तरह 1+8 = 9 का अंक उभर कर सामने आया । और तभी अपने ही खेमे के 9 विधायकों के बगावत के बाद सरकार अल्पमत में आई ।

तब राज्यपाल ने हरीश रावत को बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का वक़्त दे दिया था, लेकिन  9 का फेर उन्हें यहां भी भारी पड़ गया अब हरीश रावत तथाकथित स्टिंग के जाल में फंस गए और  9 वें दिन में ही उन्हें झटका लग गया था । क्योंकि बहुमत साबित करने से एक दिन पहले ही 27 मार्च को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया । गौर से देखें इस तिथि का योग भी 2+7 = 9  के अंक के  साथ एक बार फिर सामने आया ।

दूसरी ओर हरीश रावत पूरे मामले को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुँच गए थे । लगता है अब तक निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत भी 9 के अंक से उत्पन्न होते संकट को भाँप चुके थे ।  वैसे तो हरीश रावत के बारे में कहा जाता है कि वह बेहद ही धार्मिक प्रवृति के हैं वह स्वयं भी नियमित पूजापाठ करते हैं, देवी देवताओं में उनका अटूट विश्वास भी है । इसका अंदाजा उनके द्वारा मीडिया में दिये गए पूर्व के कई बयानों से लगाया जा सकता है ।

कयासबाजी है कि इस बार हरीश रावत ने सबसे पहले 9 के अंक को साधने की तैयारी की थी इसके लिए जाहिर सी बात है कि उन्होने अपने ग्रहों की पूजा भी कारवाई होगी और साथ ही  9 को शांत करने के उपाय भी ।

लगता है बक्या (पुछ्यारा) तजुर्बेकार रहा होगा जिसने 9 का शर्तिया ईलाज करने का भरोषा भी रावत जी को दिया होगा । तभी तो असर देखिए…! अब 9 की ताकत धीरे-धीरे बेसर होती दिख रही है ।  21 अप्रेल को नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य में हरीश सरकार की बहाली कर राष्ट्रपति शासन को हटा दिया था और 21 अप्रेल का अंक 2+1 = 3 बना लेंकिन बहाल हुई सरकार के फिर से मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आनन-फानन मे रात के 9 बजे सचिवालय में कैबिनेट बैठक बुला ली थी नतीजतन दूसरी सुबह यानी 22 अप्रेल को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन फिर से जारी रखने के निर्देश दे दिये थे । लेकिन अब यहाँ भी 9 का अंक बेअसर हो गया क्योंकि 22 अप्रेल का अंक 2+2 = 4 हो गया । अगर 9 के अंक बनाने के लिए महिना या वर्ष का भी जोड़ तोड़ किया जाय तो अब भी 9 का अंक नहीं बन रहा है ।

अब महिना बदल गया है । अप्रैल समाप्त और मई शुरू । 6 मई को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड विधानसभा मे फ्लोर टेस्ट के लिए कहा और यह तिथि भी 9 के फेर में नहीं आई । हालांकि एक बार फिर रणनीति के तहत फिर से एक स्टिंग सामने आता है । जिसे एक पत्रकार नहीं बल्कि बागी नेता करता है जिसकी विश्वसनियता एक बार फिर से सवालों के घेरे मे जा पहुंची दिन भर चर्चा में रहने के बाद स्टिंग बम फुस्स हो गया जिसकी हवा राज्य प्रभारी अंबिका सोनी ने यह कहते हुए निकाल दी कि यह दो दोस्तों के बीच के बतोले हैं जिसमे कभी-कभी एक दोस्त दूसरे दोस्त के सामने अपनी सेखियों का बखान करते  हुए अपने को ज्यादा प्रभावशाली दिखाने की कोशिस करता है और वही इस स्टिंग में हुआ है । क्योंकि हरक सिंह और मदन बिष्ट दोनों ही खास दोस्त भी हैं । इसलिए उन बातों में कोई सच्चाई और प्रामाणिकता भी नहीं है । दूसरी ओर अंबिका सोनी ने अपने बयान मे यह भी कहा कि स्टिंग शाम के वक़्त में किया गया है और सब समझ सकते हैं कि उस वक़्त का माहौल दो दोस्तों के बीच कैसा रहा होगा । कुलमिलाकर इस बार फ्लोरटैस्ट से पहले जारी किया गया स्टिंग पूरी तरह से फ्लाप हो गया लेकिन स्टिंग ने नेताओं को अवश्य बेनकाब कर दिया, लेकिन  9 का अंक इस बार भी दस्तक न दे सका ।

अब तिथि आई 9 मई की सबको लग रहा था कि रावत पर 9 का अंक भारी है तो आज 9 विधायकों की सदस्यता हाईकोर्ट से बहाल हो जाएगी, लेकिन फैसला इसके उलट आया और 9 बागी विधायकों को  जोरदार झटका लगा, फिर सभी सुप्रीम कोर्ट की शरण में गए और 9 मई आधे दिन के बाद 9 विधायकों को वहां से भी झटका लगा । अचानक से हरीश रावत के चेहरे की रंगत बढ़ती चली गई क्योंकि अब 9 का अंक उन्हें अपने बस मे लगने लगा है ।

और आज 10 मई है ।  हरीश रावत की असली परीक्षा अब से कुछ ही देर बाद होने वाली है ।  तिथि भी अच्छी है, अच्छी इसलिए क्योंकि इसमें 9 का अंक नहीं बन रहा है ।

लेकिन मेरा अपना निजी मत है कि अगर 9 के अंक को ही हरीश रावत के भाग्य से जोड़कर देखा जा रहा है तो सावधान हो जाएं …! क्योंकि 9 का अंक आज 10 मई के दिन भी साथ चल रहा है । 9 का अंक आज भी छुपा हुआ है ।

संसय अभी बरकरार है । क्योकि वर्ष 2016 जिसका योग 2+0+1+6= 9 का अंक होगा और मुख्यमंत्री भी नौंवा होगा यानी कि एक बार फिर आज 9 के अंक ने डेरा जमा दिया है ।

मान लीजिए हरीश रावत आज सदन में अगर बहुमत साबित कर भी लेते हैं तो क्या वह इस प्रदेश के 9 वें मुख्यमंत्री के रूप मे अपनी कुर्सी पर काबिज हो पाएंगे या अन्य कोई बाजी मार लेगा । यह भी एक यक्ष प्रश्न बना हुआ है ।

कुल मिलाकर उत्तराखण्ड में यह 9 के अंक गणित का खेल राजनीति से इतर जनता के बीच और भी दिलचस्प बनता जा रहा है । उत्तराखण्ड का अगला मुख्यमंत्री क्रम के हिसाब से नौंवा ही होगा पर आखिर होगा कौन ? क्या हरीश रावत ने जीत लिया है 9 को ।

*शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’

By Editor

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