57 वर्षीय गणेश जोशी का जन्म 25 फरवरी 1958 में हुआ, जोशी मूल रूप से डीडीहाट कुमाऊँ के रहने वाले हैं । लेकिन उनका जन्म, लालन-पालन व शिक्षा दीक्षा सब कुछ देहरादून मे ही हुआ है ।57 वर्षीय गणेश जोशी का जन्म 25 फरवरी 1958 में हुआ, जोशी मूल रूप से डीडीहाट कुमाऊँ के रहने वाले हैं । लेकिन उनका जन्म, लालन-पालन व शिक्षा दीक्षा सब कुछ देहरादून मे ही हुआ है ।

Youth icon yi Media logoGanesh Joshi ‘Raj-Rag’ : उससे तो भाजपा का कुत्ता भी मिलने नहीं जाएगा .. !  क्या आप नहीं जानना चाहेंगे उस शख्स का नाम …?

*गणेश जोशी की गर्जना या फिर जुबान का फिसलना….! 

Raj Rag Youth icon Special . By : Shashi Bhushan Maithani 'Paras'
Raj Rag Youth icon Special .
By : Shashi Bhushan Maithani ‘Paras’

Dehradun , Yi Media ‘Raj-Rag’ 19 Sep. 2016 .

उत्तराखण्ड में भाजपा के तेज तर्रार नेता और वर्तमान में मसूरी से विधायक गणेश जोशी ने पिछले दिनों देश में अपनी सुर्खियों के पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिऐं हैं। ‘यू-टूयूब’ हो या ‘गूगल बाबा’ हर जगह जोशी ही छाये हुए हैं । हर कोई जानना चाहता है कौन हैं ये जोशी ? कैसे दिखते हैं, कहां रहते हैं, और क्या करते हैं जोशी ?  यह सवाल सोशल मीडिया में सबसे ज्यादा पूछा जा रहा है ? अब आप भी सोच रहें होंगे कि ऐसे क्या काम किए जोशी जी ने जो वो बेहद कम समय में ही प्रदेश ही नहीं बल्कि देश और दुनियां में सुर्खियां बटोर गए हैं । फिर जवाब, उत्तराखंड के साथ-साथ देश और दुनिया में, सोशल मीडिया में मिलता है कि, घोड़े की टांग तोड़ी और क्या !

लेकिन वाकई सवाल गंभीर है कि आखिर पिछले 15 सालों से जो नेता जनता की आंखों का तारा बना हो उसका विवादों से चोली दामन का साथ कैसे हो जाता है । शक्तिमान घोड़े की टांग तोड़ने का प्रकरण हो या कांग्रेस के जमाई राजा रार्बट वाड्रा से एयरपोर्ट पर तू-तू-मैं-मैं….  करना । इन सब में गणेश जोशी पर ही क्यों सवाल खड़े होते हैं ?  क्या वाकई जनता के नेता गणेश जोशी इतने गैर जिम्मेदार हैं कि कहीं पर भी अपना आपा खो देते हैं, या फिर जानबूझकर विवादों में गणेश जोशी का नाम घसीटा जाता है । शक्तिमान घोड़े की टांग कैसे टूटी ?  रार्बट वाड्रा को फूल देने गए थे कि नहीं ?  प्रदेश अध्यक्ष बनते-बनते कैसे रह गए ?  टिकट कटा तो निर्दलीय चुनाव लडेंगे ? और सबसे अहम हर वक्त गुस्से में क्यों रहते हैं गणेश ?  इन्हीं सब सवालों को लेकर मसूरी विधायक गणेश जोशी से बात की मैंने और जाना सीधा और कड़वा सच ।

57 वर्षीय गणेश जोशी का जन्म 25 फरवरी 1958 में हुआ, जोशी मूल रूप से डीडीहाट कुमाऊँ के रहने वाले हैं । लेकिन उनका जन्म, लालन-पालन व शिक्षा दीक्षा सब कुछ देहरादून मे ही हुआ है ।
57 वर्षीय गणेश जोशी का जन्म 25 फरवरी 1958 में हुआ, जोशी मूल रूप से डीडीहाट कुमाऊँ के रहने वाले हैं । लेकिन उनका जन्म, लालन-पालन व शिक्षा दीक्षा सब कुछ देहरादून मे ही हुआ है ।

परिचय : 

57 वर्षीय गणेश जोशी का जन्म 25 फरवरी 1958 में हुआ, जोशी मूल रूप से डीडीहाट कुमाऊँ के रहने वाले हैं । लेकिन उनका जन्म, लालन-पालन व शिक्षा दीक्षा सब कुछ देहरादून मे ही हुआ है । महज 10 वीं कक्षा तक पढे लिखे गणेश जोशी 13 नवंबर 1976 में भारतीय सेना में भर्ती हो गए थे । सेना में मात्र 7 वर्षों की सेवा देने के बाद गणेश जोशी 16 जून 1983 को देहारादून लौट आए थे । वर्ष 1983 से जोशी ने परिवार के भरण पोषण के लिए ठेकेदारी भी शुरू कर दी थी । 1986 तक जोशी सामाजिक एवं रचनात्मक संगठनों के साथ भी जुड़कर काम समाज में करने लगे थे । और इसी माध्यम से उन्हे राजनीति से जुडने का मौका भी मिला । जोशी अपनी बातचीत में बताते हैं कि उनकी राजनीतिक यात्रा से पोलिंग बूथ एजेंट के तौर पर पर शुरू हुई है, मौका था 1985 के चुनाव का, तब उन्होने सबसे पहले देहरादून डोभालवाला पोलिंग बूथ पर भाजपा का पोलिंग एजेंट बनकर पार्टी का बस्ता वहां पर लगाया था,  क्योंकि उससे पहले इस बूथ पर कांग्रेस के अलावा किसी भी अन्य दल का बस्ता नहीं लग पाता था । इस दौरान जोशी भाजपा में भी सक्रिय हो गए थे । 1988से 1993 तक वह देहरादून शहर युवा मोर्चा के सह सचिव रहे, 1994 में जिला युवा मोर्चा के अध्यक्ष बनाए गए । 1996-97 में युवा मोर्चा के गढ़वाल प्रभारी बने । जोशी को 2001 में देहरादून जिला ईकाई में जनरल सेक्रेटरी कि ज़िम्मेदारी दी गई । फिर वर्ष 2002 में स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ के प्रदेश महामंत्री व 2005 में स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष पद पर रहे ।

संगठन में सेवा देने के बाद वर्ष 2007 में गणेश जोशी को राजपुर विधानसभा से पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा तब उन्होने कांग्रेस के दिग्गज नेता हीरा सिंह को 3660 मतों से पराजित कर विजय प्राप्त की थी । वर्ष 2012 में राजपुर विधानसभा सीट आरक्षित हो गई तो भाजपा ने उन्हे मसूरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारा तब गणेश जोशी ने कांग्रेस वरिष्ठ नेता जो दो बार मसूरी नगर पालिका के अध्यक्ष व दो बार के विधायक रहे जोत सिंह गुनसोला को 9746 वोटो से परास्त कर दूसरी बार विधानसभा पहुँचने में कामयाबी हासिल की थी ।

अब राज राग मेँ सवाल-जवाब :

youth icon Yi media Report ganesh joshi देखिए रार्बट बार्डा से तो भारतीय जनता पार्टी का कुत्ता भी मिलने नहीं जायेगा। कैसी बातें कर रहें हैं आप लोग। मीडिया के लोगों को सोचना चाहिए था। मैं तो केन्द्रीय राज्य मंत्री को रिसीब करने गया था।
रार्बट बार्डा से तो भारतीय जनता पार्टी का कुत्ता भी मिलने नहीं जायेगा। कैसी बातें कर रहें हैं आप लोग। मीडिया के लोगों को सोचना चाहिए था। मैं तो केन्द्रीय राज्य मंत्री को रिसीब करने गया था।

यूथ आइकॉन की इस विशेष कड़ी ‘राज-राग’ में क्या राग अलापा है मसूरी  से विधायक व शक्तिमान घोड़े की टांग तोड़ने के आरोपों में  घिर चुके गणेश जोशी   ने, और 2017 में क्या है उनकी रणनीति ?  आइए जानते हैं आगे चर्चा में दिनेश धनै की जुबानी ।– (सवाल मेरे [Yi शशि पारस: ] – जवाब [ गणेश जोशी ]  के   

Yi शशि पारस: भाजपा में नेता प्रतिपक्ष कुमांउ से प्रदेश अध्यक्ष कुमांउ से केन्द्र में जो मंत्री बने अजय टम्टा वो भी कुमाउं से, इसके साथ ही आपका जो मुख्यमंत्री का चेहरा सर्वाधिक सुर्खियों में हैं भगत सिंह कोश्यारी वो भी कुमांउ से हैं तो क्या इसका कुछ नुकसान नहीं होगा आगामी चुनाव में ?

गणेश जोशी : देखिए भारतीय जनता पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी है । भारतीय जनता पार्टी जाति वर्ग या क्षेत्र के आधार पर चुनाव नहीं लड़ती । भारतीय जनता पार्टी विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ती है । नरेन्द्र मोदी जी पिछड़े वर्ग से आते हैं । और गुजरात से 22 सीटें लोकसभा चुनाव में पार्टी ने जीती हैं । और सबसे ज्यादा सीटें उत्तर प्रदेश से हैं । तो इस लिहाज से तो प्रधानमंत्री यूपी से होना चाहिए था । लेकिन देश की जनता ने उन्हें स्वीकारा और वह सबसे मजबूत प्रधानमंत्री के तौर पर हमारे सामने हैं । ये सिर्फ मीडिया की उडाई हुई बातें हैं । भाजपा ने दो-दो चुनाव प्रभारी यहां पर बनाए हैं । गढवाल के लिए धर्मेद्र प्रधान और कुमांउ के लिए जेपी नडडा जी ।

Yi शशि पारस: आप व्यक्तिगत तौर पर भी ऐसा नहीं मानते कि गढवाल को भी पार्टी में महत्वपूर्ण भागीदारी मिलनी चाहिए थी ?

गणेश जोशी :  संगठन इस बारे में सोच रहा है । हमारे संगठन की टीम दिल्ली में है। पार्टी इस विषय में गंभीरता से सोच रही है । चुनाव तक इस बारे में निर्णय ले लिया जायेगा ।

Yi शशि पारस: आपको भी लगता है कि कांग्रेस के जो 9 बागी विधायक भाजपा में शामिल हुए हैं आने वाले विधानसभा चुनाव में उनसे पार्टी को नुकसान उठाना पढेगा ?

गणेश जोशी :  बागी विधायकों को लेकर कौन क्या कहता है ये मेरा विषय नहीं है। मुझे अपने राष्ट्रीय नेतृत्व पर पूरा भरोसा है । माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उन्हें भाजपा में शामिल किया है तो कुछ सोच समझकर ही निर्णय लिया होगा । बागियों की भी अपने-अपने क्षेत्र में पकड़ है। निश्चित ही उनके आने का लाभ भाजपा को मिलेगा ।

Yi शशि पारस: भाजपा में सीएम पद को लेकर एक अनार सौ बीमार वाली स्थिती हो गई है। आपके हिसाब से सीएम पद के लिए कौन उपयुक्त रहेगा।

गणेश जोशी :  मेरे कहने से सीएम बनता तो में नाम लेता। पार्टी आलाकमान जिसको भी कहे में उसके साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़ा रहूंगा। मुझे खंडूडी जी और निशंक जी दोनों के साथ काम करने का अनुभव मिला। अगर मुझे किसी के पैर छूने में आत्मिक शांति मिलती है तो वो हैं खडूडी जी। निशंक जी ने भी अपने मुख्यमंत्री काल में पूरी उर्जा के साथ काम किया। पार्टी जिसको भी नेतृत्व सौंपेगी हम उस व्यक्ति के साथ खड़े होकर काम करेंगे।

Yi शशि पारस: एक समय आपका नाम प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर काफी आगे चल रहा था। लेकिन बीच में कुछ प्रकरण ऐसें हुए कि पूरी कहानी ही बदल गई, आपको क्या लगता है आपके साथ जो प्रकरण हुए उनसे आपका कद वढ़ा या उसे नुकसान हुआ है ?

गणेश जोशी :  देखिए में कभी भी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में नहीं रहा। दूसरा में हमेशा रेस में रहता हूं। दौड़ता ही रहता हूं भागता ही रहता हूं।

Yi शशि पारस: रार्बट बार्डा प्रकरण कैसे हुआ आप से जानना चाहते हैं ?

गणेश जोशी :   मै केन्द्रीय मंत्री को रिसीब करने गया था। हम दोनों खड़े होकर बात कर रहे थे कि मेरी तरफ इशारा कर रहा था। मुझे कार्यकर्ता कहने लगे ये राबर्ट बार्डा। मैने कहा कौन रार्बट बार्डा मैं नहीं जानता था कि कौन बार्डा। मैने कुछ नही कहा मैं मंत्री जी को लेकर सीधा अपने कार्यक्रम में आ गया। मीडिया से जो भी कहा वह उन्होंने कहा। बाकी जो सच था हमारी प्रवक्ता मिनाक्षी लेखी जी ने जवाब दे दिया था।

Yi शशि पारस: आप रार्बट बार्डा से मिलने गए थे, इस तरह की बातें बाहर निकलकर आई। ऐसी क्या जरूरत पढ़ गई थी आपको ?

गणेश जोशी :  रार्बट बार्डा से तो भारतीय जनता पार्टी का कुत्ता भी मिलने नहीं जायेगा। कैसी बातें कर रहें हैं आप लोग। मीडिया के लोगों को सोचना चाहिए था। मैं तो केन्द्रीय राज्य मंत्री को रिसीब करने गया था। रार्बट बार्डा ने जिस भाषा में बात की मैने उसे उससे अच्छी भाषा में उसे उसका जवाब दे दिया था। उस घटना को मैं दोहराना नहीं चाहता। कोई भू-माफिया, जमीनों पर कब्जा करने वाला, किसानों का हत्यारा अगर यहां पर आयेगा और जिस भाषा में बात करेगा उसे उसी की भाषा में जवाब दिया जायेगा।

Yi शशि पारस: शक्तिमान के कारण आपको बहुत ख्याति मिली है। यू ट्यूब और गूगल पर सबसे पहले आपका नाम आता है। आप इसे किस तरह देखते हैं ?

गणेश जोशी :  इसके लिए में माननीय हरीश रावत जी का आभारी हूं। चाहे जिस भावना से भी उन्होंने किया। उनकी कोशिश थी, मेरी छवि को खराब करना चाहते थे। मुझे बदनाम करना चाहते थे। शुरू-शुरू में बड़े-बड़े लोगों ने मेरे खिलाफ ट्वीट किया। लेकिन जब तीन दिन बाद सचाई सामने आई तो सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और कई बड़े-बड़े लोगों ने मेरे पक्ष में ट्वीट किया। बाद में मीडिया ने विस्तार से दिखाया कि इस पूरे प्रकरण में कहीं नहीं था। इस पूरे प्रकरण में मुझे बदनाम करने की कोशिश की गई। लेकिन मेरे क्षेत्र की जनता जानती है कि गणेश जोशी इस तरह के काम नहीं कर सकता।

Yi शशि पारस: कयासबाजी है कि इन प्रकरणों के बाद आपका टिकट भी कट सकता है ?

गणेश जोशी :   देखिए मेरा काम है जनता की सेवा करना। पार्टी के कार्यकम्र हो या व्यक्गित कार्यक्रम मेरे साथ बहुत बड़े स्तर पर जनता का सहयोग रहता है। टिकट के बारे में पार्टी नेतृत्व को फैसला करना है ये काम नेतृत्व का है में इस बारे में कोई फैसला नहीं करना चाहता।

Yi शशि पारस:  हरीश रावत जी के बारे में आप क्या कहना चाहेंगे। किस तरह का शासन वो चला रहें हैं ?

गणेश जोशी :   इस तरह के महान व्यक्ति के बारे में भारतीय जनता पार्टी का छोटा सा कार्यकर्ता क्या कह पायेगा। जिस आदमी ने सरे आम प्रदेश को बेचने की बात की हो। टीवी में यह कहता हुआ दिखाई दिया हो में अपनी आंखें बद कर लूंगा जितना मर्जी लूट लो अपने मंत्रालय से। एसे व्यक्ति के बारे में टिप्पणी करूं। ये तो उनके बारे में नाइंसाफी होगी। पूरी दुनिया उनके कद को जानती है कि उन्होनें क्या किया।

Yi शशि पारस: गणेश जोशी की ये घड़ी और छाता राजनीति क्या है मसूरी में ?

गणेश जोशी :   ऐसा कुछ नहीं है। ये विरोधियों की मुझे बदनाम करने की साजिश है। रक्षाबन्धन के मौके पर मेरी हजारों हजार बहने मुझे राखी बांधती हैं और में हमेशा उन्हें उपहार स्वरूप कुछ न कुछ देता आया हूं। पहले छाते देता था इस बार कार्यकर्ताओं ने कहा घड़ी उपहार रूवरूप देनी चाहिए तो मैंने घड़ी दे दी।

Yi शशि पारस: 2017 को लेकर आपकी तैयारी क्या है मसूरी से ?

गणेश जोशी :   तैयारी वो लोग करते हैं जो जनता से दूरी बनाए रखते हैं। विधायक बनने से पहले और उसके बाद भी जनता से जुड़ाव मेरा लगातार बढा ही है। जितना में जनता के बीच रहता हूं। शायद ही कोई रहता हो। जनता के सुख-दुख हों या अन्य कोई बात हमेशा उनके साथ खड़ा रहता हूं।

Yi शशि पारस: डिजिटल मीडिया को किस तरह देखते हैं ?

गणेश जोशी :  मैं यूथ आइकॉन डिजिटल मीडिया को अपनी शुभकामनाएं देता हूं । आने वाला युग डिजिटल मीडिया का युग है । 2014 के चुनाव में भी डिजिटल मीडिया ने अपनी महत्तवपूर्ण भूमिका निभाई थी । मुझे पूरा विश्वास है कि डिजिटल मीडिया के माध्यम से सही तथ्य जनता के सामने जाएंगे।

Yi शशि पारस: यूथ आइकॉन Yi मीडिया की विशेष कड़ी राज-राग में पधारने के लिए धन्यवाद

गणेश जोशी : आपका भी विशेष धन्यवाद ।

तो यह थे मेरे साथ मसूरी से भाजपा विधायक गणेश जोशी, जिन्होने यूथ आइकॉन में  हर उस राज से पर्दा उठाया जिसको जानने के लिए देश और दुनियाँ के लोग बेताब्ब थे । अब फैसला जनता को ही करना है की आखिर  जोशी का जोश वह बरकरार रखती है या नहीं ।  हालांकि जोशी जनता के फैसले से पहले ही खुद का फैसला भी सुनाते हैं और पूरे जोश में कहते हैं कि चुनाव की तैयारी वो लोग करते हैं जो कभी तैयार ही नहीं रहते हैं । जोशी ने कहा कि मै हर दिन क्षेत्र में अपनी जनता के बीच रहता हूँ, उनके सुख-दुख का साथी हूँ इसलिए क्षेत्र कि जनता सही और गलत की पहचान करना भी भली भांति जानती है । बाकी हकीकत जानने के लिए 2017 भी ज्यादा दूर नहीं है । 

बहुत जल्द आप खुद गणेश जोशी के मुंह  से सुनेगे जोशी बोल वचन  ।   

प्रस्तुति : शशि  मैठाणी ‘पारस’ ,  एडिटर Yi मीडिया । संपर्क – 9756838527, 7060214681  

Copyright: Youth icon Yi National Media, 19.09.2016

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By Editor

One thought on “Ganesh Joshi ‘Raj-Rag’ : उससे तो भाजपा का कुत्ता भी मिलने नहीं जाएगा .. ! क्या आप नहीं जानना चाहेंगे उस शख्स का नाम …?”
  1. शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’ जी आपके द्बारा श्री गणेश जोशी जी के साथ हुई वार्ता को पढकर बहुत अच्छा लगा उनके विचारों से ऐसा ही प्रतीत होता है कि वह उत्तराखंड के विषय मे सकारात्मक सोच रखते हैं, उत्तराखंड को भविष्य मे ऐसी ही सोच वाले नेता की ही आवश्यकता है।

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