नरेंद्र सिंह नेगी के परिजनो के साथ मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ।

Logo Youth icon Yi National Media HindiGreatness : दरिया दिल मुख्यमंत्री  और वेदर्द आवाम ! 

शशि भूषण मैठानी पारस 

दरियादिल CM और बेदर्दी आवाम आप भी सोच रहे होंगे ऐसा क्या हुआ कि मुझे CM को दरियादिलकहना पड़ा और देवभूमि की आवाम को बेदर्दी।। यह कोई पहला मामला नहीं है जब सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की दरियादिली देखने को मिली हो । डाउन टू अर्थ रहने वाले  CM अपने प्रदेश की जनता से कितनी मोहब्बत करते हैं इसका नजारा एक नहीं दो नहीं कई बार देखने को मिला है।

अभी चंद दिन पहले की बात है जब…….. 

लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी सीएमआई अस्पताल में भर्ती थे तब सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने सारे सरकारी तामझाम छोड़ जनता के एक सेवक की तरह उत्तराखंड की आवाज नरेंद्र सिंह नेगी को अपने साथ अस्पताल ले गए और उनका उच्चस्तरीय  इलाज शुरू कराया । यही नहीं वह लोग गायक नरेंद्र सिंह नेगी और राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी के स्वास्थ्य की हर पल जानकारी लेते रहे और पूरा खर्च सरकार द्वारा वहन करने की बात भी कही। 
नरेंद्र सिंह नेगी के परिजनो के साथ मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ।

एक बार फिर ऐसा ही कुछ देखने को मिला जब सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर भानियावाला में आयोजित कार्यक्रम से लौट रहे थे। लच्छीवाला पुल के समीप एक बाइक सवार एक व्यक्ति सड़क के किनारे दुर्घटनाग्रस्त घायल अवस्था में तड़पता हुआ दिखा तो मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने तुरंत अपना काफिला रूकवाया तथा स्वयं उसकी मदद के लिए सड़क के किनारे पहंच गए। 

मुख्यमंत्री ने घायल व्यक्ति को संभालने में मदद करते हुए काफिले की सरकारी वाहन से नजदीक के अस्पताल में भिजवाया। 
घटना स्थल पर ही मुख्यमंत्री ने अपने सुरक्षा में तैनात अधिकारियों को उक्त दुर्घटना में घायल हुए व्यक्ति के परिजनों से तुरन्त सम्पर्क करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने राज्यवासियों से अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति सड़क हादसे में कोई व्यक्ति घायल हो जाता है तो उसकी मदद के लिए आगे आए । आपकी जरा सी मदद किसी की जान बचा सकती है। 
हरिद्वार देहरादून हाईवे के किनारे घायल अवस्था में पड़े एक व्यक्ति की मदद के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने स्वयम अपना काफिला रुकवा दिया ।

बहुत मुश्किल से एक मुख्यमंत्री का ऐसा रुप देखने को मिलता है। जो तमाम प्रोटोकॉल सरकारी व्यवस्थाओं को दरकिनार कर एक आदमी की मदद के लिए दौड़ पड़े।

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के बारे में इस वक़्त यह कहना बिल्कुल भी अतिशयोक्ति नहीं होगा कि उनके अंदर एक कठोर प्रशासक के साथ ही एक कोमल मानव हृदय है जो अपने प्रदेश की आम जनता के हर सुख दुख में एक आम आदमी की तरह खड़ा नजर आता है जिसके अंदर इस बात का जरा सा भी घमंड नहीं है कि वह सूबे का सरताज है और उसके एक इशारे पर बहुत सारे लोग मदद के लिए दौड़ पड़ेंगे लेकिन वह आदेश देने की बजाय खुद काम करने में विश्वास रखते हैं । लेकिन यहां तारीफ करनी पड़ेगी राज्य मंत्री धनसिंह रावत की भी जो इस मानवता के पुनीत कार्य में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े नजर आए।
CM और मंत्री जी की तारीफ के साथ-साथ मुझे  यह सोच सोचकर भी अफशोस हो रहा है कि  देव भूमि की जनता कैसे इस तरह गैरजिम्मेदार हो सकती है  जो उसी वक़्त उस सड़क मार्ग से सरपट अपने वाहनों के साथ गुजर रहे थे । क्या किसी के अंदर  भी सड़क किनारे दर्द से कराह रहे एक घायल इंसान को देख कर इंसानियत नहीं जागी जो सबके सब नजरें चुराकर भाग रहे थे ।
क्या वाकही  हमारे अंदर का इंसान बिल्कुल मर चुका है  ?  इंसानियत बिल्कुल खत्म हो चुकी है ?  अगर कल हमारे साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ तो कौन हमारी मदद को आएगा । क्यों नहीं हम एक बार यह सोचते कि अगर आज हम किसी दुखी लाचार पीड़ित व्यक्ति की मदद कर रहे हैं तो हो सकता है जब हमें जरूरत पड़े तो कोई हमारी मदद को भी बाहें फैलाए खड़ा हो। लेकिन शायद इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में इतना सोचने के लिए हमारे पास वक्त ही नहीं है । शायद कितनी बार ऐसा हुआ होगा कि हम रुक कर अगर किसी घायल की मदद कर देते तो एक परिवार बिखरने से बच जाता एक घर का कोई दीपक बुझने से बच जाता । लेकिन……  शायद नहीं !  क्योंकि हमें सिर्फ और सिर्फ खुद की चिंता होती  है और दूसरों के के द्वारा किए गए कार्यों पर उंगली उठानी है या सवाल खड़े करने हैं । और यह रेस ऐसी रेस कि जो कभी खत्म नहीं होगी उसे आज सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक मिसाल के तौर पर  पेश ही नहीं की बल्कि हम सबको एक नसीहत देने की कोशिश भी की, कि आपको कितनी ही जल्दी क्यों ना हो एक घायल कि मदद करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।
यूथ आइकॉन परिवार सूबे  के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत की भूरी भूरी प्रशंसा करता है कि  उन्होंने न केवल मानवता की मिसाल पेश की बल्कि बल्की बेदर्द हो चुके  आम जनता के मन को भी झकझोरने की कोशिश की उम्मीद है कि आगे से हम इस बात का जरूर ध्यान रखेंगे कि अगर कोई घायल हमें राह चलता पढ़ा हुआ दिखाई दे तो हम उसकी मदद को हाथ आगे बढ़ाएं।
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By Editor

5 thoughts on “Greatness : दरिया दिल मुख्यमंत्री  और वेदर्द आवाम !”
  1. सही कहा मैठाणी जी आपने।। tsr की इस दरियादिली से और लोगो को भी प्रेरणा लेनी चाहिए।लेकिन कुछ लोग इसको एक राहगीर की मदद के नजरिये से नहीं बल्कि राजनैतिक चश्मे से देख रहे हैं।

  2. माननीय को मानवीय तो होना ही चाहिये॥

  3. बहुत ही सराहानीय कार्य
    ये है हमारे उतराखण्ड के मुख्यमंत्री
    निष्ठा भावना से समपूण
    Trivender Singh Rawat Jindabaad

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