भांग की खेती बदलेगी तकदीर : IIHA ◆ पौड़ी के भट्टिगांव में आयोजित की इंडियन इंडस्ट्रियल हैम्प एसोसिएशन ने कार्यशाला । भांग की खेती को उत्तराखंड में प्रोत्साहन । मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ।भांग की खेती बदलेगी तकदीर : IIHA ◆ पौड़ी के भट्टिगांव में आयोजित की इंडियन इंडस्ट्रियल हैम्प एसोसिएशन ने कार्यशाला । भांग की खेती को उत्तराखंड में प्रोत्साहन । मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ।

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भांग की खेती बदलेगी तकदीर : IIHA

◆ पौड़ी के भट्टिगांव में आयोजित की इंडियन इंडस्ट्रियल हैम्प एसोसिएशन ने कार्यशाला । 

 

भांग की खेती बदलेगी तकदीर । इंडियन इंडस्ट्रियल हैम्प एसोसिएशन (IIHA) द्वारा पौड़ी के भट्टिगांव में कार्यशाला आयोजित कर ग्रामीणों को भांग की खेती को करने के गुर बताए गए । कार्यशाला पाबौ ब्लॉक के भट्टिगांव में आयोजित की गई जिसमें बड़ी तादात में इलाके के लोग शामिल हुए ।

भांग की खेती बदलेगी तकदीर : IIHA ◆ पौड़ी के भट्टिगांव में आयोजित की इंडियन इंडस्ट्रियल हैम्प एसोसिएशन ने कार्यशाला । भांग की खेती को उत्तराखंड में प्रोत्साहन । मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ।

इस मौके पर देहरादून से इंडियन इंडस्ट्रियल हैम्प एसोसिएशन (IIHA) के सदस्यों का एक दल ग्रामीणों के साथ मौजूद रहा । जिनके द्वारा ग्रामीण किसानों को भांग की खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया । ग्रामीणों को बताया गया कि परम्परागत खेती से इतर भांग की खेती से कम जगह में ,कम परिश्रम से ज्यादा आर्थिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है । इंडियन इंडस्ट्रियल हैम्प एसोसिएशन (IIHA) सदस्यों द्वारा बताया गया कि परम्परागत खेती के लिए ज्यादा खुली जगह व पानी की पर्याप्त मात्रा जरूरी होती है जबकि भांग की खेती आढे तिरछे छोटे-छोटे कम जगहों वाले खेतों पर भी बेहद कम पानी से भी जा सकती है ।

उत्तराखंड सरकार द्वारा भांग की खेती हेतु वर्ष 2018 में शासनादेश भी निर्गत किया गया है । परन्तु तब से अभी तक उत्तराखंड में यह औद्योगिक खेती जमीन पर नहीं उग पाई है । इसी के चलते अब इंडियन इंडस्ट्रियल हैम्प एसोसिएशन (IIHA) द्वारा राज्यभर में किसानों को प्रोत्साहित करने व उक्त खेती के संदर्भ जानकारी देने के लिए भिन्न-भिन्न स्थानों पर ग्रामीणों के बीच जाकर कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है । पौड़ी जनपद के पाबौ भट्टिगांव में पहली कार्यशाला आयोजित की गई । इंडियन इंडस्ट्रियल हैम्प एसोसिएशन (IIHA) द्वारा जानकारी दी गई कि ही अब अन्य जनपदों में भी इसी तरह कार्यशालाओं का आयोजन होगा । और जल्दी ही पर्वतीय क्षेत्रों में भांग की औद्योगिक खेती से पैदावार आरम्भ होगी व किसानों की आर्थिकी भी बढ़ेगी ।

इंडियन इंडस्ट्रियल हैम्प एसोसिएशन (IIHA) ने कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए भट्टिगांव की ग्रामप्रधान सोनी पंत व समाजसेवी गिरीश पंत के विशेष सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया ।

By Editor

3 thoughts on “भांग की खेती बदलेगी तकदीर पहाड़ों की : IIHA ◆  भांग की खेती को उत्तराखंड में प्रोत्साहन ।”
  1. It is a matter of pride and happiness forall of us that IIHA has picked up Bhatti Gaon in Pabau Block for workshop on Cannabis.
    It would have been much hailed for better assimilation if cannabis produce was defined in little more detail.
    I would look forward to.

  2. कृपया जानकारी दीजिये -१- IIHA को जो लाइसेंस मिला है वो कमर्शियल खेती के लिए मिला है अगर यह है तो भांग के बीज का स्रोत क्या है , क्या ये बीज लो THC का है अगर हाँ तो इस बीज की जांच किसने की है जानकारी दीजिये , ताकि किसान को बाद में फसल बेचते वक्त या काटते वक्त परेशानी ना हो .
    २- कृपया ये जानकारी दीजिये की भांग की फसल तैयार होने पर उसकी टेस्टिंग कौन करेगा या फसल के लो THC प्रमाणीकरण के लिए प्रोटोकॉल क्या अपनाया गया है .
    मैं एक किसान हूँ मुझे भी भांग का low THC बीज चाहिए कृपया प्रमाणिक बीज दिलवाने की कृपा कीजिये!

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