यूथ आइकॉन के मंच पर सुप्रसिद्ध लोक गायक नरेंद्र एवं देश के जाने माने युवा पत्रकार सुमित अवस्थी के साथ अमर उजाला की पत्रकार नलिनी गुसाईं ।
Youth icon Yi National Creative Media Report
Youth icon Yi National Creative Media Report

Nalini Gusain : और वह पत्रकार बन ही गई, Youth icon Yi  National Media Award 2015-16 .

Writen By: Shashi Bhushan Maithani ‘Paras’ Founder & Director Youth icon Yi National Media Award.
Shashi Bhushan Maithani ‘Paras’ Founder & Director Youth icon Yi National Media Award.

*आखिर क्यों सम्मानित हुई अमर उजाला की पत्रकार नलिनी गुसाईं ….?

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत एवं IBN 7 के मैनेजिंग एडिटर सुमित अवस्थी द्वारा 'अमर उजाला' की पत्रकार नलिनी गुसाईं को यूथ आइकॉन Yi अवार्ड 2015 से सम्मानित किया गया ।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत एवं IBN 7 के मैनेजिंग एडिटर सुमित अवस्थी द्वारा ‘अमर उजाला’ की पत्रकार नलिनी गुसाईं को यूथ आइकॉन Yi अवार्ड 2015 से सम्मानित किया गया ।

*तब ग़मों को भुलाने का एकमात्र रास्ता था कि खुद को काम में डुबोना ।

*मेरा भाई ही मेरी प्रेरणा है जो मेरी ताकत है जिसे मै आज भी अपने आस-पास ही पाती हूँ ।

उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली के सामान्य परिवार की बेटी जिसने विषम परिस्थितियों के बाद भी पत्रकारिता के क्षेत्र को अपनाया । बचपन से ही सही और गलत पर बहस करने व गलत बर्दास्त न करने की आदत को अब कलम के माध्यम से समाज के बीच काम करने का उसने अपना रास्ता बना दिया । मै बात करा हूँ यहाँ पर पत्रकारिता के क्षेत्र में ‘यूथ आइकॉन Yi अवार्ड’ 2015 से सम्मानित की गई नलिनी गुसाईं की ।

नलिनी जो कभी बाधाओं से विचलित नहीं हुई ।
नलिनी जो कभी बाधाओं से विचलित नहीं हुई ।

कर्णप्रायग तहसील के शैलेश्वर गांव की निवासी महिला पत्रकार नलिनी गुसाईं पिछले 8 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र से जुडी हुई हैं । नलिनी ने बेहद कम समय में पत्रकारिता के क्षेत्र में जो उपलब्धियां हासिल की हैं वह निःसंदेह अतुलनीय है । पूर्व के दिनों में नलिनी ने महिलाओं की समस्या व उत्पीड़न से सम्बंधित चर्चित घटनाओं का खुलासा कर शासन-प्रशासन सहित तमाम संगठनो का ध्यान भी आकर्षित किया था । वर्तमान में नलिनी देहरादून में प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र ‘अमर उजाला’ के साथ जुड़कर पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रीय रूप से कार्य कर रही हैं । भले ही आज नलिनी ने अपनी मेहनत और लगन के बूते पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी एक विशिष्ट पहचान बना ली हो लेकिन उसे इस मुकाम तक पहुंचने के लिए जीवन में बहुत कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ा था । परंतु वह फिर भी बाधाओं से विचलित हुए बिना अनवरत आगे बढ़ती रही ।

नलिनी का परिवार आर्थिक रूप से बेहद कमजोर था । पिता की साधारण तनख़्वाह, और चार भाई बहनों की पढ़ाई का खर्चा जुटाना भी बेहद कठिन था । नलिनी ने बारहवीं के बाद ही अपने पैरोँ पर खड़े होने के लिए काम करना शुरू कर दिया था । साथ ही साथ अपनी आगे की पढ़ाई भी जारी रखी । नलिनी ने बातचीत में बताती है कि तब मैं अपनी मेहनत की कमाई से कमरे का किराया देती थी और जो बच जाता था उसमें से थोडा बहुत माँ को दे देती । नलिनी पत्रकारिता को अपने करिअर जोड़ने का संकल्प ले चुकी थी  और इसी माध्यम  से आगे की पढ़ाई भी करना उसका सपना था ।

बी.एस.सी. के बाद नलिनी ने पत्रकारिता करने के लिए मासकॉम की पढ़ाई करनी चाही, तब पढ़ाई में अब्बल नलिनी का नाम

यूथ आइकॉन के मंच पर सुप्रसिद्ध लोक गायक नरेंद्र एवं देश के जाने माने युवा पत्रकार सुमित अवस्थी के साथ अमर उजाला की पत्रकार नलिनी गुसाईं ।
यूथ आइकॉन अवार्ड 2015-16 के मंच पर सुप्रसिद्ध लोक गायक नरेंद्र एवं देश के जाने माने युवा पत्रकार सुमित अवस्थी के साथ अमर उजाला की पत्रकार नलिनी गुसाईं ।

पत्रकारिता के क्षेत्र में मासकॉम की प्रवेश परीक्षा पास की व सूची में नाम आ गया था । किन्तु परिवार में आर्थिक विपन्नता के कारण उसे सहयोग न मिल सका और वह फिर घर से दूर देहरादून जनपद  के चकराता में बच्चों को कंप्यूटर ट्यूशन से खुद के पैर पर खड़े होने की शुरुआत की । परिवार भले ही आर्थिक मोर्चे पर सहयोग करने की स्थिति मे न हो किन्तु बेटी के ईरादों और जुनून में हमेशा साथ था ।

लेकिन उसके सामने यह यक्ष प्रश्न था कि अब दूर रहकर देहरादून मे मासकॉम की पढ़ाई कैसे पूरी हो तो इसी बीच नलिनी ने अपने बड़े भाई राजेश से बात की, जिसकी पॉलिटेक्निक के बाद नई-नई जॉब लगी थी । भाई राजेश ने हर मोर्चे पर बहिन के साथ डटे रहने का वादा कर नलिनी के सपनों को पंख देने का काम किया । जिसके बाद नलिनी तुरंत देहरादून आ गई और पत्रकारिता की पढ़ाई के लिए मासकॉम में एडमिशन ले लिया ।  

भले ही ट्यूशन से करियर शुरू हुआ हो किन्तु आँखों में समाज के बीच और बेहत्तर करने के सपने थे, अब बड़े भाई का हाथ भी सिर पर आ गया आर्थिक मोर्चे पर कठिनाइयाँ कम होने लगी तो नलिनी के हौसलों को उड़ान मिली और उसने तब पढ़ाई के साथ ही उत्साह से लबरेज होकर शाह टाईम्स मे नौकरी भी शुरू कर दी थी ।

नलिनी बताती है कि उसकी दोस्त रिचा ने कदम-कदम पर उसका साथ दिया, दोनों एक दूसरे के मनोबल थे ।

अमर उजाला संस्थान के अपने पत्रकारों साथियों के बीच नलिनी गुसाईं ।
अमर उजाला संस्थान के अपने पत्रकारों साथियों के बीच नलिनी गुसाईं

बीतते समय के साथ-साथ पत्रकारिता की विधा में कालेज की पढ़ाई पूरी हुई । और तब दैनिक अमर उजाला से विधिवत करियर प्रारम्भ हुआ । अमर उजाला के  कॉमपेक्ट मे काम की शुरूआत हुई नलिनी ने अपनी तरफ से पूरी मेहनत की मगर,  अखबार प्रबंधन ने मंदी के कारण छटनी कर दी फिर बड़ा भाई राजेश मनोबल के रूप मे एक बार फिर सामने खड़ा था ।  कुछ दिनों के बाद NNI न्यूज एजेंसी में काम मिल गया फिर एक बार धीरे-धीरे पत्रकारिता शुरू हुई ही थी कि इसी बीच नलिनी की सगाई हो गई । 

लेकिन नलिनी ने जीवन में जो न सोचा था वह उसके साथ हो गया ।  विवाह के ठीक एक सप्ताह पहले ही बड़े भाई राजेश का साया जो चट्टान की तरह हर पल उसके साथ था, वह सदैव के लिए बहिन का साथ छोड़कर चला गया यह नलिनी के लिए यह किसी बज्रपात से कम नहीं था ।

भाई की अकस्मात हुई मृत्यु के सदमे से परिवार अभी ठीक से उभर भी नहीं पाया था कि तभी 6 माह बाद ही पिता भी चल बसे ऐसी दोहरी पीड़ा के बीच नई गृहस्थी और करिअर को चलाने की समझ भी उनके स्नेह प्यार और मनोबल में थी ।

पति दीपेन्द्र गुसाईं और बेटी अदम्या के साथ नलिनी गुसाईं । नलिनी बताती है कि भाई राजेश मौत के बाद उनके पति दीपेन्द्र ने उन्हें जीवन में कदम-कदम पर साथ दिया और हमेशा प्रोत्साहित भी करते हैं ।
पति दीपेन्द्र गुसाईं और बेटी अदम्या के साथ नलिनी गुसाईं । नलिनी बताती है कि भाई राजेश की मौत के बाद उनके पति दीपेन्द्र ने उन्हें जीवन में कदम-कदम पर साथ दिया और हमेशा प्रोत्साहित भी करते रहे हैं ।

पत्रकारिता के जीवन में अनेक पड़ाव आते हैं अनेक बार समाज के बीच उन अनजाने पहलुओं को लाने का संतोष भी शक्ति देता है ।

पेयजल को लेकर अनेक खबरें कबर की थीं । पेयजल अभियन्ताओं के ट्रांसफर रोकने के फर्जीवाड़े की खबर लिखी , समाज कल्याण विभाग के घोटालों का पर्दाफाश किया ऐसी खबरों ने पत्रकारिता को धार दी और बड़ों से मिली शाबासी से और बेहत्तर करने की प्रेरणा मिली । नारी निकेतन से जुड़ी खबरों को जूनून की तरह कबर किया क्योंकि यह उन लाचार बे-सहाराओं की खबर थी जिसने सैकड़ों संवासिनियों का नाटकीय जीवन था । जिनमें से कुछ आज अपने-अपने परिवारों से मिल चुकी हैं तो अन्य स्वास्थ्य लाभ पा रही हैं । इस अभियान मे अनेक सम्मान प्राप्त हुए काम को सराहा गया है और यूथ आइकॉन ने सम्मानित कर इस युवा पत्रकार के संकल्प को और मजबूत करने का प्रयास किया है ।

नलिनी के जज्बे को यूथ आइकॉन Yi नेशनल अवार्ड कमेटी की ओर से सलाम ।  

*शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’ – संस्थापक/ निदेशक. Mob. 9756838527 

Copyright: YOUTH ICON Yi National Creative Media Repot, 22.05.2016

By Editor