आँसू छलक आए उसके यह कहते ही कि, ये रातें बहुत परेशान कर रही हैं साहब ! घर में दो जवान बेटियां और तीन छोटे-छोटे लड़के पति बीमार और माँ इस कड़कड़ाती ठण्ड में एक ब्लाऊज और उसके ऊपर महज हाफ स्वेटर और धोती के पल्लू को दांतों में दबाकर ठण्ड से खुद को बचती-बचाती हुई सब्जी मण्डी में जमीन पर बैठकर बोरे पर 5 - 7 हरे पत्तों की गढ़ियाँ बेचकर दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करती है । यूथ आइकॉन क्रिएटिव फाउंडेशन के रंगोली अभियान "समौण इंसानियत की - गर्माहट रिश्तों की"  के तहत जैसे ही उसके सामने कपड़े पहुंचाए तो उसकी आंखें भर आई । youth icon creative foundation society dehradun . Yashasvini Maithani jiya . Shashi bhushan maithani parasआँसू छलक आए उसके यह कहते ही कि, ये रातें बहुत परेशान कर रही हैं साहब ! घर में दो जवान बेटियां और तीन छोटे-छोटे लड़के पति बीमार और माँ इस कड़कड़ाती ठण्ड में एक ब्लाऊज और उसके ऊपर महज हाफ स्वेटर और धोती के पल्लू को दांतों में दबाकर ठण्ड से खुद को बचती-बचाती हुई सब्जी मण्डी में जमीन पर बैठकर बोरे पर 5 - 7 हरे पत्तों की गढ़ियाँ बेचकर दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करती है । यूथ आइकॉन क्रिएटिव फाउंडेशन के रंगोली अभियान "समौण इंसानियत की - गर्माहट रिश्तों की"  के तहत जैसे ही उसके सामने कपड़े पहुंचाए तो उसकी आंखें भर आई । youth icon creative foundation society dehradun . Yashasvini Maithani jiya . Shashi bhushan maithani paras

Youth icon yi media logo . Youth icon media . Shashi bhushan maithani paras

आँसू छलक आए उसके यह कहते ही कि, ये रातें बहुत परेशान कर रही हैं साहब !

 

घर में दो जवान बेटियां और तीन छोटे-छोटे लड़के पति बीमार और माँ इस कड़कड़ाती ठण्ड में एक ब्लाऊज और उसके ऊपर महज हाफ स्वेटर और धोती के पल्लू को दांतों में दबाकर ठण्ड से खुद को बचती-बचाती हुई सब्जी मण्डी में जमीन पर बैठकर बोरे पर 5 – 7 हरे पत्तों की गढ़ियाँ बेचकर दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करती है । यूथ आइकॉन क्रिएटिव फाउंडेशन के रंगोली अभियान “समौण इंसानियत की – गर्माहट रिश्तों की”  के तहत जैसे ही उसके सामने कपड़े पहुंचाए तो उसकी आंखें भर आई ।

 

आँसू छलक आए उसके यह कहते ही कि, ये रातें बहुत परेशान कर रही हैं साहब ! घर में दो जवान बेटियां और तीन छोटे-छोटे लड़के पति बीमार और माँ इस कड़कड़ाती ठण्ड में एक ब्लाऊज और उसके ऊपर महज हाफ स्वेटर और धोती के पल्लू को दांतों में दबाकर ठण्ड से खुद को बचती-बचाती हुई सब्जी मण्डी में जमीन पर बैठकर बोरे पर 5 - 7 हरे पत्तों की गढ़ियाँ बेचकर दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करती है । यूथ आइकॉन क्रिएटिव फाउंडेशन के रंगोली अभियान "समौण इंसानियत की - गर्माहट रिश्तों की"  के तहत जैसे ही उसके सामने कपड़े पहुंचाए तो उसकी आंखें भर आई । youth icon creative foundation society dehradun .Yashasvini Maithani jiya

देहरादून, 30 नवम्बर 2019,  ये कड़कड़ाती ठंडी रातें परेशान करती हैं साहब ! हर साल की तरह इस साल भी रंगोली आंदोलन के तहत “समौण इंसानियत की – गर्माहट रिश्तों” की मुहिम जारी है । कल रात करीब पौने 8 बजे सब्जी मंडी से रामचंद्र का फोन आया साहब आज अगर कपड़े हैं तो एक महिला है , उसके 3 लड़के 2 लड़कियां हैं बहुत गरीब है । आप खुद देख लीजिए आज इस ठंड में भी वह एक हाफ स्वेटर पहनकर बैठी है । और आगे उसकी बेटी की शादी है, साहब आपने फोन करके बताने को कहा था तो ये है, हो सके तो इनकी सेवा कर लीजिए ।

आँसू छलक आए उसके यह कहते ही कि, ये रातें बहुत परेशान कर रही हैं साहब ! घर में दो जवान बेटियां और तीन छोटे-छोटे लड़के पति बीमार और माँ इस कड़कड़ाती ठण्ड में एक ब्लाऊज और उसके ऊपर महज हाफ स्वेटर और धोती के पल्लू को दांतों में दबाकर ठण्ड से खुद को बचती-बचाती हुई सब्जी मण्डी में जमीन पर बैठकर बोरे पर 5 - 7 हरे पत्तों की गढ़ियाँ बेचकर दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करती है । यूथ आइकॉन क्रिएटिव फाउंडेशन के रंगोली अभियान "समौण इंसानियत की - गर्माहट रिश्तों की"  के तहत जैसे ही उसके सामने कपड़े पहुंचाए तो उसकी आंखें भर आई । youth icon creative foundation society dehradun . Yashasvini Maithani jiya . Shashi bhushan maithani paras

फोन कॉल के बाद मैं और मेरी छोटी बेटी यशस्विनी मैठाणी उर्फ जिया गाड़ी लेकर तुरन्त सब्जी मंडी पहुंचे । माता जी को बुलाया कहा जो आपकी पसंद के कपड़े हैं छानो और ले जाओ । उनकी आंखें भर आईं ।

फिर यशस्विनी ने अपने हाथों से पहले उन्हें शॉल ओढ़ाया फिर सभी बच्चों सहित माता जी को कपड़े भेंट किये ।

आँसू छलक आए उसके यह कहते ही कि, ये रातें बहुत परेशान कर रही हैं साहब ! घर में दो जवान बेटियां और तीन छोटे-छोटे लड़के पति बीमार और माँ इस कड़कड़ाती ठण्ड में एक ब्लाऊज और उसके ऊपर महज हाफ स्वेटर और धोती के पल्लू को दांतों में दबाकर ठण्ड से खुद को बचती-बचाती हुई सब्जी मण्डी में जमीन पर बैठकर बोरे पर 5 - 7 हरे पत्तों की गढ़ियाँ बेचकर दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करती है । यूथ आइकॉन क्रिएटिव फाउंडेशन के रंगोली अभियान "समौण इंसानियत की - गर्माहट रिश्तों की"  के तहत जैसे ही उसके सामने कपड़े पहुंचाए तो उसकी आंखें भर आई । youth icon creative foundation society dehradun . Yashasvini Maithani jiya . Shashi bhushan maithani paras

उसके बाद हम तुला पैलेश गए क्योंकि यहां भी बहुत जरूरतमंद परिवार रहते हैं । पिछले साल भी हम गए थे । रात में जैसे ही मैंने अपनी गाड़ी कॉम्प्लेक्स में लगाई तो बच्चे जोर-जोर से बोले अरे ये तो वही अंकल हैं जिन्होंने हमें पिछले साल कपड़े पहनाए थे । मैंने कहा तो क्या इस बार नहीं पहनोगे … ये देखो मैं फिर लाया हूँ । देखकर बच्चे खुश हो गये । हमने सबको अपने हाथों से कपड़े पहनाए और घर लौट आए ।

आँसू छलक आए उसके यह कहते ही कि, ये रातें बहुत परेशान कर रही हैं साहब ! घर में दो जवान बेटियां और तीन छोटे-छोटे लड़के पति बीमार और माँ इस कड़कड़ाती ठण्ड में एक ब्लाऊज और उसके ऊपर महज हाफ स्वेटर और धोती के पल्लू को दांतों में दबाकर ठण्ड से खुद को बचती-बचाती हुई सब्जी मण्डी में जमीन पर बैठकर बोरे पर 5 - 7 हरे पत्तों की गढ़ियाँ बेचकर दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करती है । यूथ आइकॉन क्रिएटिव फाउंडेशन के रंगोली अभियान "समौण इंसानियत की - गर्माहट रिश्तों की"  के तहत जैसे ही उसके सामने कपड़े पहुंचाए तो उसकी आंखें भर आई । youth icon creative foundation society dehradun . Yashasvini Maithani jiya . Shashi bhushan maithani paras

इस बार बड़ी बेटी मनस्विनी मैठाणी अभियान में सेवा से दूर रहेगी क्योंकि उसका बोर्ड नजदीक आ रहा है । लेकिन उसका कहना है वह सैटरडे और संडे को तो आएगी ही ।

अगर आपके पास भी हैं कपड़े तो प्लीज हमें दीजिए । और कपड़े पहनने लायक ही दें । अच्छे साफ सुथरे व प्रेस किये हों तो और भी अच्छी बात होगी ।

आँसू छलक आए उसके यह कहते ही कि, ये रातें बहुत परेशान कर रही हैं साहब ! घर में दो जवान बेटियां और तीन छोटे-छोटे लड़के पति बीमार और माँ इस कड़कड़ाती ठण्ड में एक ब्लाऊज और उसके ऊपर महज हाफ स्वेटर और धोती के पल्लू को दांतों में दबाकर ठण्ड से खुद को बचती-बचाती हुई सब्जी मण्डी में जमीन पर बैठकर बोरे पर 5 - 7 हरे पत्तों की गढ़ियाँ बेचकर दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करती है । यूथ आइकॉन क्रिएटिव फाउंडेशन के रंगोली अभियान "समौण इंसानियत की - गर्माहट रिश्तों की"  के तहत जैसे ही उसके सामने कपड़े पहुंचाए तो उसकी आंखें भर आई । youth icon creative foundation society dehradun . Yashasvini Maithani jiya . Shashi bhushan maithani paras

कपड़ा वितरण के बाद हम फोटो क्लिक करके उन लोगों को भी भेज देते हैं , जो हमें कपड़े देते हैं ।

आप भी हमें फोन करें …

शशि भूषण मैठाणी पारस
संस्थापक , YiCF
“समौण इंसानियत की – गर्माहट रिश्तों की”
एक सामाजिक मुहिम ।
9756838527
7060214681

By Editor

One thought on “आँसू छलक आए उसके यह कहते ही कि, ये रातें बहुत परेशान कर रही हैं साहब ! youth icon creative foundation society dehradun . Yashasvini Maithani jiya . Shashi bhushan maithani paras”

Comments are closed.