Youth icon Yi Trophy
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यूथ आइकॉन Yi नेशनल मीडिया अवार्ड 2015 का आयोजन 21 फ़रवरी 2016 को ।

यूथ आइकॉन नेशनल अवार्ड की तैयारियां जोरों पर ।

देश भर से यूथ आइकॉन Yi नेशनल अवार्ड 2015 से सम्मानित किए जाने वाले लोगों के नामों की सूची को निर्णायक मंडल के सम्मानित सदस्यों के साथ हुई खुली चर्चा परिचर्चा के बाद तैयार कर लिया गया है ।

यूथ आइकॉन Yi नेशनल अवार्ड 2015 में महाराष्ट्र – 3 , मध्यप्रदेश – 2 , बिहार-2 , दिल्ली – 3 , यूपी – 2, हिमांचल – 1 , एवं उत्तराखंड से 4 लोगों का चयन राष्ट्रीय समान के लिए हुआ है जबकि यूथ आइकॉन Yi स्टेट अवार्ड के लिए उत्तराखंड राज्य से ही प्रतिभाओ का चयन किया जाता है । जिसमे कला , शिक्षा , साहित्य संस्कृति ,समाजसेवा, एवं पर्यावरण आदि क्षेत्रों में विशेष पहचान /योगदान देने वाले लोगों का चयन किया जाता है ।

यह सम्मान पूर्व में ‘कला प्रदर्शन-प्रतिभा दर्शन’ KppD के नाम से दिया जाता रहा है । जिसकी शुरुवात 6 दिसम्बर 1995 को पौड़ी से हुई थी और इस बैनर का शुभारम्भ तब प्रसिद्द लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी जी व साहित्यकार वाचस्पति गैरोला जी के कर कमलों से हुआ था । जिसके बाद कोटद्वार, जोशीमठ, मैठाणा और गोपेश्वर में 6 चरण तक सामाजिक सांस्कृतिक एवं शैक्षिक सम्मान के कार्यक्रम आयोजित किए गए थे । इस बीच प्रसिद्द पण्डवानी गायिका तीजनबाई जी , नरेंद्र सिंह नेगी जी ,मीरा सुब्बा , संतराम जी ,जसपाल राणा जी , अमित नेगी, मिनी कांडपाल ,गजल गायक सरयू प्रकाश भारती जी , साहित्यकार विद्यासागर नौटियाल जी , विपन चन्द जोशी जी जैन्सी महान सख्सियतों को सम्मानित किया गया था ।

वर्ष 2008 से यूथ आइकॉन के नाम से यह अवार्ड राष्ट्रिय स्तर पर आयोजित होने लगा जिसमे कि देश के विभिन्न क्षेत्रों से उन लोगों का चयन किया जाने लगा जिनके काम से खासतौर पर युवाओं को प्रेरणा मिलती हो ।

 

वर्ष 1992 में , महज 16 साल की उम्र में मैंने गोपेश्वर में अपनी कला के बूते पहला सम्मान पाया था और तब उस सम्मान प्राप्ति के बाद मुझे उत्तरप्रदेश शिक्षा निदेशालय के मार्फ़त प्रदेश भर के 400 से अधिक विद्यालयों में क्रिएटिव आर्ट एन्ड डेवलपमेंट की क्लासेज पढ़ाने के लिए आमन्त्रित किया गया था । गोपेश्वर में मिले एक सम्मान के बाद मुझे छोटी सी उम्र में ही समाज के हर तबके से जो प्यार सम्मान और आशीर्वाद मिला उससे मैं हमेशा उत्साहित रहा और तबके समय में उत्तर प्रदेश में गाहे बगाहे मेरे कार्यों की चर्चा होती थी और मुझे कई मंचो पर भी बुलाया जाने लगा । फिर 1995 में प्रसिद्द कवि अश्क कालाबड़ी जी ने मेरे छोटे से जीवन पर तब एक कविता लिखी जिसमें उन्होंने मुझे अंत में पारस नाम दिया । फिर 10 नवम्बर 1995 को यूपी के तत्कालीन गवर्नर मोतीलाल बोरा जी ने उत्तरकाशी में मुझे इस ‘पारस’ नाम से अलंकृत किया था ।

बस तभी से मैंने यह तय किया था कि मैं अपने जीवन में हमेशा समाज में अच्छे काम करने वाले लोगों व प्रतिभाओं को सम्मानित करूँगा और उन्हें उनके उत्कृष्ट कार्यो के प्रति और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए एक बड़ा मंच बनाऊंगा ।

और आज आप सभी लोगों के आशीर्वाद से मेरा यह सपना साकार हो रहा है और उत्तराखंड राज्य में यह सबसे बड़े राष्ट्रिय मंच के तौर पर देश में पहचान बनाने सफल हुआ है ।

मेरा मानना है कि जब हम आप लोग अपने आसपास अच्छे काम करने वालों की अच्छाइयों को सही समय पर पहचान कर उन्हें प्यार और सम्मान देते हैं तो जिम्मेदार बन जाता है और फिर वह जीवन में हमेशा अच्छे से अच्छे परिणाम देने का प्रयत्न करता रहता है । नि:संदेह ऐसे सुप्रयासों से हम राष्ट्र के अंदर एक अच्छे रचनात्मक समाज का निर्माण भी करने में सफल हो जाते हैं ।

बस हमें यह नहीं भूलना होगा कि भीड़ जिसकी ओर बढ़ती है उसकी जिम्मेदारियां कई गुना अधिक बढ़ जाती है ।

यूथ आइकॉन अवार्ड 2015 के लिए चयनित हुवे सभी सख्सियतों को मेरा सम्मान सहित प्रणाम । देवभूमि उत्तराखंड में आप सभी का यूथ आइकॉन के मंच पर स्वागत है ।

Shashi Bhushan Maithani Paras

शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’

संथापक निदेशक

यूथ आइकॉन Yi नेशनल अवार्ड

एवं

संस्थापक रंगोली आंदोलन

09756838527

07060214681

By Editor