Do'nt Give Ear to Misguiding Information. Come and Enjoy your pilgrimage to Badrinath . It is safe. खुल गया बदरीनाथ धाम का रास्ता, अफवाहों से डरें नहीं , प्रेम से आओ बदरीनाथ !Do'nt Give Ear to Misguiding Information. Come and Enjoy your pilgrimage to Badrinath . It is safe. खुल गया बदरीनाथ धाम का रास्ता, अफवाहों से डरें नहीं , प्रेम से आओ बदरीनाथ !
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Shashi Bhushan Maithani ‘Paras’

Do'nt Give Ear to Misguiding Information. Come and Enjoy your pilgrimage to Badrinath . It is safe. खुल गया बदरीनाथ धाम का रास्ता, अफवाहों से डरें नहीं , प्रेम से आओ बदरीनाथ !
Do’nt Give Ear to Misguiding Information. Come and Enjoy your pilgrimage to Badrinath . It is safe. खुल गया बदरीनाथ धाम का रास्ता, अफवाहों से डरें नहीं , प्रेम से आओ बदरीनाथ !

भगवान् बदरीनाथ जी की एक यादगार और शानदार यात्रा कर  लौट रहे लोगों ने जोशीमठ  पहुँचकर यात्रा में किसी भी तरह की परेशानी को दरकिनार करते हुए स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन के अलावा सेना एवं ITBP सहित BRO के प्रयासों की जमकर तारीफ की । बदरीनाथ से दर्शन कर लौटे कुछ श्रद्धालुओं से हमारे सहयोगी आशीष दिमारी ने जोशीमठ में बातचीत की  गुजरात से आए एक ही परिवार के 9 सदस्य जब बदरीनाथ जी के दर्शन कर आज वापस जोशीमठ पहुंचे तो उनका साफ-साफ कहना था कि जिस तरह का माहौल बदरीनाथ यात्रा को लेकर देशभर में मीडिया के मार्फत बनाया गया है यह बेहद ही अफशोसजनक है । 52 वर्षीय हेतलबेन बताती हैं कि सूरत में उनके बच्चे बार-बार फोन पर फोन किए जा रहे हैं कि सब लोग ठीक तो हैं क्योंकि नेशनल मीडिया में बताया जा रहा है कि बदरीनाथ में भूस्खलन  हो गया है जिससे वहां हजारों यात्री फंस गए हैं जो भारी मुसीबत में हैं

बदरीनाथ मार्ग जोशीमठ विष्णुप्रयाग के पास हाथी पर्वत की चट्टान टूटी यह ठीक हुआ । जी हाँ.... घबराने की कोई बात नहीं सब लोगों के लिए यह अच्छी खबर है कि यह चट्टान टूट गई । दरअसल हाथी पर्वत का यह हिस्सा जो तीन वर्षों से अटका हुआ था वह कल झड़ ही गया है । और सबसे बड़ी बात कि पिछले कई समय से जो चट्टान का बड़ा हिस्सा हाईवे के ऊपर अटका हुआ था उससे बराबर यह चिंता जताई जा रही थी कि यह पहाड़ कभी भी गिरकर जानमाल का भारी नुकसान कर सकता है । लेकिन ऐसा नहीं हुआ इसे भगवान श्री बदरीनाथ जी की असीम कृपा ही माने । भले ही यह रास्ता 28 घंटे बंद रहा पर अब आगे की यात्रा भी अब बदरीनाथ मार्ग के इस हाईवे वाले पर सुचारू रूप से भी चलेगी ।
बदरीनाथ मार्ग जोशीमठ विष्णुप्रयाग के पास हाथी पर्वत की चट्टान टूटी यह ठीक हुआ । जी हाँ…. घबराने की कोई बात नहीं सब लोगों के लिए यह अच्छी खबर है कि यह चट्टान टूट गई । दरअसल हाथी पर्वत का यह हिस्सा जो तीन वर्षों से अटका हुआ था वह कल झड़ ही गया है । और सबसे बड़ी बात कि पिछले कई समय से जो चट्टान का बड़ा हिस्सा हाईवे के ऊपर अटका हुआ था उससे बराबर यह चिंता जताई जा रही थी कि यह पहाड़ कभी भी गिरकर जानमाल का भारी नुकसान कर सकता है । लेकिन ऐसा नहीं हुआ इसे भगवान श्री बदरीनाथ जी की असीम कृपा ही माने । भले ही यह रास्ता 28 घंटे बंद रहा पर अब आगे की यात्रा इस हाईवे वाले   हिस्से पर सुचारू रूप से  चलेगी । 

 

। टीम के ही एक युवा सदस्य यात्री मितेश पटेल कहते हैं कि हिंदुस्तान का मीडिया कब से सही खबर देगा यह कहा नहीं जा सकता है, पूरे देश में मीडिया का एक जैसा ही हाल है खासकर इलैक्ट्रोनिक मीडिया पर उन्होने जमकर भड़ास निकाली । वहीं  राम भाई केशवाला बताते हैं कि ये सच है कि हाईवे पर 10 मीटर चट्टान का हिस्सा टूटकर गिरा था, लेकिन मीडिया 10 मीटर की खबर को पूरे ईलाके से जोड़ रहा  था, यह गलत है  । इन यात्रियों ने चमोली जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन की भी जमकर तारीफ की यात्रियों ने बताया कि पुलिस द्वारा बदरीनाथ से आने वाले यात्रियों को बहुत ही सेवा भाव से जोशीमठ तक पहुंचाया जा रहा है । और अब रास्ता भी खुल गया है किसी भी तरह की कोई परेशानी या शिकायत नहीं है ।  

यह घटना कल शाम करीब साढ़े तीन बजे की है मुझे जैसे ही हाथी पर्वत से पत्थरों के गिरने की सूचना मिली तो तो तुरंत वहां फोर्स तैनात करने के निर्देश दिये गए । जिसके बाद मैं स्वयं भी कल रात से घटनास्थल पर मौजूद हूँ । हमारी पहली प्राथमिकता है कि यात्रियों को किसी तरह की कोई परेशानी का सामना न करना पड़े । यात्रियों की सेवा के लिए पुलिस का हर एक जवान मुस्तैदी से जुटा हुआ है । हमने सुबह से एक हजार यात्रियों को जोशीमठ तक पहुंचा दिया था । और बाकी जो लोग ज्यादा उम्रदराज हैं उन्हें पांडुकेश्वर गोविंदघाट में रखा गया  था जिनकी पूरी देखभाल की जा रही थी  । बीआरओ  के जवान युद्धस्तर पर सड़क खोलने के कार्य में जुटे रहे । जिस कारण अब यहां रास्ता खुल चुका है अब पहले बदरीनाथ की ओर से आने वाले यात्री वाहनों को प्राथमिकता के तौर पर पास किया जा रहा है  । बाकी यात्रियों को किसी भी तरह की कोई परेशानी यहाँ पर नहीं होने दी जाएगी । सेना, आईटीबीपी , एसडीआरएफ़ , जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन सभी  मिलकर सुचारु  व्यवस्था बनाने में जुटे हैं ।   तृप्ति भट्ट - पुलिस अधीक्षक चमोली  
यह घटना कल शाम करीब साढ़े तीन बजे की है मुझे जैसे ही हाथी पर्वत से पत्थरों के गिरने की सूचना मिली तो तो तुरंत वहां फोर्स तैनात करने के निर्देश दिये गए । जिसके बाद मैं स्वयं भी कल रात से घटनास्थल पर मौजूद हूँ । हमारी पहली प्राथमिकता है कि यात्रियों को किसी तरह की कोई परेशानी का सामना न करना पड़े । यात्रियों की सेवा के लिए पुलिस का हर एक जवान मुस्तैदी से जुटा हुआ है । हमने सुबह से एक हजार यात्रियों को जोशीमठ तक पहुंचा दिया था । और बाकी जो लोग ज्यादा उम्रदराज हैं उन्हें पांडुकेश्वर गोविंदघाट में रखा गया  था जिनकी पूरी देखभाल की जा रही थी  । बीआरओ  के जवान युद्धस्तर पर सड़क खोलने के कार्य में जुटे रहे । जिस कारण अब यहां रास्ता खुल चुका है अब पहले बदरीनाथ की ओर से आने वाले यात्री वाहनों को प्राथमिकता के तौर पर पास किया जा रहा है  । बाकी यात्रियों को किसी भी तरह की कोई परेशानी यहाँ पर नहीं होने दी जाएगी । सेना, आईटीबीपी , एसडीआरएफ़ , जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन सभी  मिलकर सुचारु  व्यवस्था बनाने में जुटे हैं ।  
तृप्ति भट्ट – पुलिस अधीक्षक चमोली
 
जोशीमठ से हमारे सहयोगी आशीष डिमरी बताते हैं कि उत्तराखण्ड सरकार , ITBP , BRO , सहित उत्तराखंड पुलिस व SDRF के प्रयासों की तारीफ़  ज़रूर करना चाहूँगा । यहां पर एक-एक जवान यात्रियों की सेवा के लिए हर  कदम पर तत्पर  बीते 24 घंटों से तत्पर थे और अभी भी डटे हैं  । इन जवानों ने देशभर के यात्रियों  के मन में जोरदार भरोषा और विश्वास का भाव भी पैदा किया है ।वही मार्ग खुलने से पहले तक सुबह से ही SDRF और ITBP के वाहनों से यात्रियों को  कमद से जोशीमठ तक लगातार  निशुल्क लाया जा रहा था और पैदल आने वाले  प्रत्येक यात्रियों के दलों के साथ पुलिस के जवान साथ चल रहे थे । अशक्त व बुजुर्ग यात्रियों का सामान पुलिस के जवान अपने कंधों पर ला रहे थे । 
 
दूसरी ओर गढ़वाल आयुक्त विनोद शर्मा , जिलाधिकारी चमोली आशीष जोशी, पुलिस अधीक्षक तृप्ति भट्ट सहित BRO के अधिकारी भी  मौके पर पहुंच गए थे  । उधर चमोली के जिलाधिकारी आशीष जोशी ने बताया कि जिस तरह से  15000 यात्रियों के फंसे होने की खबर फैली वह पूरी तरह से बेबुनियाद थी । जिलाधिकारी चमोली आशीष जोशी ने कहा है कि मार्ग में लगभग 15 सौ  से 18 सौ  के क़रीब यात्री बाधित हुए थे जिनके रुकने, खाने का पूरा इंतज़ाम किया गया था । समय रहते यात्रा के प्रमुख शहरों में लोगों को रुकने की सलाह दे दी गयी थी। लिहाजा कोई भी यात्री रास्ते में फँसा नहीं रहा । कहीं कोई घायल भी नहीं है। कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है । मार्ग अब BRO के जवानों के अथक प्रयासों से खुल गया है, अब प्राथमिकता के तौर पर  उक्त स्थान से पहले बद्रीनाथ की ओर से आने वाले यात्रियों व उनके वाहनों को पास कराया जाएगा ।  
वहीं दूसरी ओर हाथी पर्वत से हुए इस भूस्खल्न के बाद प्रदेश में राजनीति के गलियारों में भी खिंचतान शुरू हो गई है,
pritam singh प्रीतम को मिली उत्तराखंड कांग्रेस की कमान । किशोर की हुई छुट्टी ।
प्रीतम सिंह, अध्यक्ष उत्तराखंड कांग्रेस

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक  प्रीतम सिंह  ने अपने बयान में कहा कि एक छोटे से लेंडसलाइंडिंग ने राज्य सरकार की पोल खोल कर रख दी है। सरकार सुरक्षित यात्रा का संदेश  देने में नाकाम साबित हुई है । यात्रियों की मौत पर मुख्यमंत्री का मोक्ष वाला बयान बिल्कुल गैर जिमेदारी भरा बयान हैं। वहीं लेंडसलाइंडिंग के 36 घंटे बाद भी पर्यटन व धार्मिक तीर्थांटन मंत्री सतपाल महाराज का कहीं अता पता नहीं है । इससे आप सरकार कि कार्यशैली का अंदाजा लगा सकते हैं । 

 
मदन कौशिक, प्र्वकता उत्तराखंड सरकार

उत्तराखण्ड सरकार की ओर से प्रवक्ता मदन कौशिक, ने अपने बयान में कहा कि पीएम के आने से सुरक्षित चार धाम  यात्रा का संदेश देशभर में  गया, तब से लाखो श्रद्धालु यहां आ रहे है , लेकिन कल चमोली में हाथी पर्वत से भूस्खलन हुआ, वहां सड़क का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ  है, रात भर से अभी तक लगातार काम जारी है । वहां कोई यात्री नही फंसा हुआ है, सभी यात्री सुरक्षित है। अब  मार्ग खुल चुका है । उस स्थान से अब धीरे धीरे सभी यात्री वाहनों को पास किया जा रहा है ।   चार धाम यात्रा में कोई दिक्कत नही है । लेकिन मीडिया भी अपना सहयोग बनाए रखे  । 

 
 

बदरीनाथ आने वाले यात्रियों में जोरदार उत्साह देखने को मिल रहा है, लेकिन मीडिया की भूमिका पर उठ रहे हैं सवाल । 

भारी संख्या में महाराष्ट्र , हरियाणा , राजस्थान , उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश सहित अन्य प्रान्तों से यात्री जोशीमठ बदरीनाथ पहुंचे हैं । बतौर पुलिस अधीक्षक चमोली तृप्ति भट्ट, आज बदरीनाथ से एक हजार  यात्रियों को  बदरीनाथ सड़क मार्ग से जोशीमठ लाया गया है । जो जोशीमठ से अपने अपने गंतव्यों के लिए रवाना हो चुके हैं । जबकि बदरीनाथ जी के दर्शनों के लिए जाने वाले  यात्री जो जोशीमठ में रुके थे उनकी संख्या लगभग ढाई हजार के करीब है ।चमोली जिला प्रशासन भी जोशीमठ से लेकर बदरीनाथ तक यात्रियों की सेवा में मुस्तैद है ।  चमोली के मुख्य विकास अधिकारी विनोद गोस्वामी ने फोन पर हुई बातचीत में बताया कि बद्रीनाथ यात्रा पर आए श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो इसके लिए प्रशासन की अलग अलग टीम मुस्तैदी से तैनात है । श्री गोस्वामी ने बताया कि जोशीमठ स्थित राजकीय इंटर कालेज जोशीमठ परिसर को यात्रियों का रिलीफ़ कैंप बनाया गया है । नगर में जगह जगह यात्रियों के लिए खाने के पैकेट व पानी की बोतलें बांटी जा रही हैं । लेकिन अब रास्ता खुल गया है आज भी जो यात्री जोशीमठ में पहुंचेंगे उनकी सेवा में कोई कमी प्रशासन की ओर से नहीं होगी ।  इस काम में चमोली पुलिस के जवान व जोशीमठ व्यापार संघ,  वहाँ के सामाजिक कार्यकर्ता भी बढ़-चढ़ कर यात्रियों की सेवा में लगे हैं । सुखद रहा कि अब लगभग 28 घंटो के बाद रास्ता खुल चुका है । 
इस बीच बहुत से यात्रियों की एक शिकायत भी है कि उनके बहुत से साथी लोग जो केदारनाथ और गंगोत्री दर्शनों के बाद बदरीनाथ आने वाले थे वह सब रुद्रप्रयाग से वापस ऋषिकेश  लौट गए हैं, जिसके लिए यहाँ का मीडिया जिम्मेदार है क्योंकि न्यूज पेपर और टीवी चैनलों ने टूटी हुई चट्टान के हिस्से को इस तरह से दिखा दिया था कि मानो अब बदरीनाथ यात्रा पर जाना कई दिनों तक संभव नहीं हो पाएगा । श्रद्धालु मितेश कहते हैं जबकि यहाँ ऐसा कुछ भी नहीं है जैसा दिखाया गया चट्टान जरूर  कल शाम को टूटी है और उसके बाद वहाँ पर लगातार काम करने के बाद बीआरओ ने रास्ता खोल भी दिया है लेकिन जिस तरह से मीडिया ने यह दुष्प्रचार किया उसकी वजह से उनके कई लोग हजरों किलोमीटर आने के बाद रुद्रप्रयाग से वापस लौट गए इसके लिए  सिर्फ यहां का मीडिया दोषी है ।

जनपद चमोली पुलिस की सूझ बूझ से टला बहुत बड़ा हादसा

देर रात तक जिले की कप्तान तृप्ति भट्ट भी जवानों के साथ घटना स्थल पर मौजूद रहीं ।

जोशीमठ से 10 किलोमीटर आगे बदरीनाथ मार्ग पर स्थित हाथी पर्वत से सटे नेशनल हाइवे 58 पर जब कल यानी 19 मई को शाम 3 बजे लगभग पुलिस को  सूचना मिली कि उक्त स्थान पर बिना बारिश के ही पहाड़ी से पत्थर लुड़क रहे हैं तो सूचना पर चमोली पुलिस ने तुरंत हरकत में आते ही तत्परता दिखाते हुए उक्त स्थान के दोनों हिस्सों पर  पुलिस बल  को तैनात कर दिया था  जिससे  बदरीनाथ धाम से दर्शन कर लौट रहे  यात्रियों को land slide zone भूस्खलन क्षेत्र से  काफी दूर  पहले ही रोक लिया गया था ,जिससे उक्त घटना में बड़ी अनहोनी या जानमाल का नुकसान होने से बच गया । चमोली पुलिस की तत्परता और सूझ बुझ की यात्रियों के अलावा स्थानीय जनता द्वारा बहुत भूरी-भूरी प्रसंशा की जा रही है ।  

 

©  Copyright: Youth icon Yi National Media,  20.05.2017

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By Editor

2 thoughts on “Do’nt Give Ear to Misguiding Information. Come and Enjoy your pilgrimage to Badrinath . It is safe. अफवाहों से डरें नहीं , प्रेम से आओ बदरीनाथ !”
  1. बेहद शर्मनाक, मीडीया द्वारा इस प्रकार का दुष्प्रचार ना केवल उत्तराखंड के लोगों के रोज़गार को प्रभावित करता है जो पर्यटन से जुड़े है अपितु स्थानीय प्रशासन की व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़ा करता है ॥

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