मैठाणा श्री लक्ष्मी नारायण पंचप्रयाग रथ यात्रा

Logo Youth icon Yi National Media HindiInitiative : पर्यटन मंत्री की शानदार पहल। बढ़ेगा रोजगार, सुधरेगी आर्थिकी और थमेगा पलायन । 

ऐसी ही एक धरोहर है चमोली और नंदप्रयाग के मध्य मैठाणा मे , यह मंदिर है माता लक्ष्मी व भगवान नारायण जी का । यहाँ पर मान्यता  है कि देवी लक्ष्मी और नारायण जी भोलेनाथ जी की पूजा कर रहे हैं । इस स्थान पर बाएँ में श्री नारायण जी बीच मे शिवजी व दाएँ भाग में है माता लक्ष्मी जी का मंदिर । 

देहारादून, 6 मई 17, उत्तराखंड पर्यटन मंत्रालय की पहल पर अब सूबे में धार्मिक आध्यात्मिक पर्यटन व तीर्थाटन को बढ़ावा देने का खाका तैयार किया जा चुका है जिसकी शुरुआत आगामी 10 मई को धार्मिक पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज चमोली जनपद के लाटू मंदिर से करेंगे ।

हमें भी देवभूमि उत्तराखंड की पारंपरिक, सांस्कृतिक व धार्मिक विरासतों को संजोने का काम बड़े स्तर पर करना होगा । साथ ही प्रदेश के विभिन्न ऐतिहासिक धार्मिक दृष्टि से सुंदर मठ मंदिरों को उत्तराखंड के पर्यटन मानचित्र में जोड़ने का काम करना है ।  ऐसा करने से न सिर्फ लोगों की आर्थिकी मजबूत होगी बल्कि पहाड़ों से तेजी से हो रहा पलायन भी थमने लगेगा । व धार्मिक पर्यटन/तीर्थाटन तेजी से बढ़ेगा । 
सतपाल महाराज, पर्यटन मंत्री उत्तराखण्ड ।

आज उक्त संदर्भ की जानकारी उत्तराखंड पर्यटन विभाग द्वारा मीडिया को जारी अपने प्रेस विज्ञप्ति के मार्फ़त दी गई है । विज्ञप्ति में जानकारी दी गई है कि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की पहल पर राज्य के छोटे बड़े उन सभी मठ मंदिरों को पर्यटन मानचित्र से जोड़ा जाएगा जिनका धार्मिक अध्यात्मिक महत्व के साथ पुरातात्विक दृष्टि से इतिहास भी मजबूत हो । 

 

दरअसल सतपाल महाराज देश और दुनियां में आध्यात्मिक क्षेत्र में एक मशहूर चेहरा है । सतपाल महाराज पूर्व में भी कई मंचों से इस बात पर जोर देते रहे हैं कि उत्तराखण्ड एक देवभूमि है और इसकी पहचान देश और दुनियां में भी यही अनवरत बनी रहनी चाहिए । हाल ही में 27 अप्रेल को पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज यूथ आइकॉन के एक कार्यक्रम में बतौर अतिथि पहुंचे थे, तो उन्होंने तब भी इस बात पर जोर दिया था कि पर्यटन के अलावा तीर्थाटन के क्षेत्र में

मैठाणा श्री लक्ष्मी नारायण पंचप्रयाग रथ यात्रा

पर्यटक अथवा यात्रियों की ज्यादा रुचि होती है । क्योंकि धार्मिक स्थानों पर प्राचीन इतिहास के दर्शन होते हैं जिससे सैर सपाटे पर आए लोगों को प्रचीन इतिहास व सभ्यता संस्कृति के बारे में भी जानने का मौका मिलता है । घूमने आया व्यक्ति अपने मूल स्थान पर लौटने के बाद उसे लिपिवद्ध कर प्रचारित भी करता है । महाराज ने श्रीलंका और नेपाल का उदाहरण देते हुए कहा कि इन दोनों देशों के जिम्मेदार लोगों ने अपने देश की आर्थिकी का सबसे बड़ा जरिया अपने देश के प्राचीन इतिहास और वहां की धार्मिक मान्यताओं को संरक्षित व सुरक्षित करने के अलावा दुनियां भर में प्रचारित भी किया और लोगों को अपने देश में आने का न्योता दिया और देते रहते हैं । महाराज ने कहा कि इसी तर्ज पर हमें भी देवभूमि उत्तराखंड  की पारंपरिक, सांस्कृतिक व धार्मिक विरासतों को संजोने का काम बड़े स्तर पर करना होगा । साथ प्रदेश के विभिन्न ऐतिहासिक धार्मिक दृष्टि से सुंदर मठ मंदिरों को उत्तराखंड के पर्यटन मानचित्र में जोड़ने का काम करना होगा । महाराज ने कहा कि ऐसा करने से  न सिर्फ लोगों की आर्थिकी मजबूत होगी बल्कि पहाड़ों से तेजी से हो रहा पलायन भी थमने लगेगा ।  

इसी क्रम में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज 10 मई को जनपद चमोली के वाण स्थित लाटू मंदिर में स्वयं उपस्थित रहेंगे । 
 
साल में सिर्फ कुछ घंटों के लिए ही खुलता लाटू का द्वार : 
 
लाटू एक मात्र ऐसे देवता  हैं जिनके कपाट वर्ष भर में सिर्फ बैशाख पूर्णिमा के दिन चंद घंटों के लिए ही भक्तों के दर्शनार्थ खुलते हैं । लेकिन मजेदार बात यह भी है कि इस लाटू देवता के दर्शन करने की अनुमति किसी को भी नहीं है । यहां तक कि लाटू का पुजारी भी आंखों में पट्टी बांधकर करता लाटू देवता की पूजा । लेकिन फिर भी  वर्षभर में बैशाख पूर्णिमा के दिन लाटू मंदिर में दूर दूर से भक्त पहुंचते हैं भले ही मंदिर के गृभग्रह में किसी को भी प्रवेश की अनुमति न हो पर इस दिन चंद घंटों के लिए खुलने वाले द्वार को दूर से देखने पर ही भक्त झूम उठते हैं और उसी वक़्त लाटू देवता से अपने दुःख व परेशानियों  को दूर करने का वरदान भी मांगते हैं । 
मान्यता है कि लाटू देवता के दरबार से कोई भी निराश होकर नही लौटता है । कहते हैं यहाँ मांगी गई मनोकामना अवश्य पूर्ण हो जाती है । 
 
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा :
 
सूबे के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का प्रयास है कि देवभूमि उत्तराखंड के विभिन्न शैव मंदिरों , शाक्त (देवी) मंदिरों , तथा वैष्णव (विष्णु) मंदिरों को धाम के रूप में विकसित किया जाए जिससे वर्ष भर प्रदेश में देश और दुनियां के पर्यटकों / तीर्थ यात्रियों का आना जाना बना रहे । 
धार्मिक पर्यटन स्थलों पर अवस्थापना सुविधाओं को विकसित करने के उद्देश्य से पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज कार्तिक स्वामी मंदिर तक रोप वे की डी पी आर पर भी शीघ्र कार्यवाही शुरू करने जा रहे हैं । साथ ही सिद्ध पीठ कुंजापुरी में भी रोप वे स्थापना की प्रारंभिक कार्यवाही करते हुए Techno economical Feasibility Study (TEFS)  कराई जा रही है । 
 
©  Copyright: Youth icon Yi National Media,  06.05.2017

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By Editor

One thought on “Initiative : पर्यटन मंत्री की शानदार पहल। बढ़ेगा रोजगार, सुधरेगी आर्थिकी और थमेगा पलायन ।”
  1. It’s a greater plane to connect to the tourism with spirituality we appreciate Guru Maharaj ji work

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