यूपी के इन ठगों का भण्डाफोड़ तब हुआ जब देवभूमि उत्तराखंड का एक शिकार भी इनके जाल में फंस गया । और यह सख्स भी लालच में ऐसा फंसा कि वह अपनी खून पसीने की मेहनत से कमाई गई रकम का भारी भरकम हिस्सा लुटेरों की मांद में ही खुद से गंवा बैठा ।

Youth icon yi Media logoSawadhan : बेतार यन्त्र पर रोने मात्र से बन जाते हैं वह लखपति !

Youth icon Yi Media 24 Aug 2016 , Dehardun ,

Shashi Bhushan Maithani 'Paras' Youth icon Yi Report
Shashi Bhushan Maithani ‘Paras’
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जो बेतार फोन यानी मोबाइल पर सुनाते हैं कहानी ! वो फोन पर बात करते-करते ही रो भी जाते  हैं ! साथ ही वह सुनाते हैं गरीबी के मकड़जाल में धंसी अपनी दुखभरी कहानी ! कहानी भी ऐसी कि दूसरी तरफ सैकड़ों किलोमीटर दूर से फोन पर उनके लुटने पिटने की कहानी को सुनने वाला इंसान भी उन्हें पलभर में बना देता है लखपति ।

जी हाँ यकीन न हो तो इस कहानी को गौर से पढ़ते रहिए और देखते जाइए कैसे बन जाते हैं वह बेतार यंत्र पर दो आंसू टपकाने मात्र से ही लखपति ।

अब एक बार इस रिपोर्ट के साथ की गई चस्पा तस्वीर को भी गौर से देखिए, यहां उत्तराखंड पुलिस की गिरफ्त में आए यही वो बेतार ठगी के बादशाह हैं , जो उत्तर प्रदेश से अपनी ठगी का कारोबार पिछले कुछ वर्षों से बेखौप होकर चला रहे थे । यूपी के इन ठगों का भण्डाफोड़ तब हुआ जब देवभूमि उत्तराखंड का एक शिकार भी इनके जाल में फंस गया । और यह सख्स भी लालच में ऐसा फंसा कि वह अपनी खून पसीने की मेहनत से कमाई गई रकम का भारी भरकम हिस्सा लुटेरों की मांद में ही खुद से गंवा बैठा । लेकिन गनीमत यह भी रही कि वह सही सलामत वापस अपने घर देहरादून लौट आया ।

यूपी के इन ठगों का भण्डाफोड़ तब हुआ जब देवभूमि उत्तराखंड का एक शिकार भी इनके जाल में फंस गया । और यह सख्स भी लालच में ऐसा फंसा कि वह अपनी खून पसीने की मेहनत से कमाई गई रकम का भारी भरकम हिस्सा लुटेरों की मांद में ही खुद से गंवा बैठा ।
यूपी के इन ठगों का भण्डाफोड़ तब हुआ जब देवभूमि उत्तराखंड का एक शिकार भी इनके जाल में फंस गया । और यह सख्स भी लालच में ऐसा फंसा कि वह अपनी खून पसीने की मेहनत से कमाई गई रकम का भारी भरकम हिस्सा लुटेरों की मांद में ही खुद से गंवा बैठा ।

पुलिस को भी इस घटना के बारे में तब पता चला जब ठगों की ठगी का शिकार हुआ इंसान अपना दुखड़ा रोने देहरादून स्थित नेहरू कालोनी थाने में जा पहुंचा । थाने में मौजूद पुलिस अधिकारियों ने भी तसल्ली से पीड़ित की पीड़ा को सुना और उसके दुख को महसूस किया, साथ ही यूपी के बदमाशों द्वारा ठगे गए व्यक्ति ने लिखित रूप से अपनी शिकायत भी थाने में मय सबूत जमा कर दी थी ।

बताते चलें कि पीड़ित व्यक्ति का नाम अनिल सिंह चौहान है जो देहरादून के सरस्वती विहार में रहते हैं । उन्होने पुलिस को बताया कि मार्च 2016 में किसी राजू नाम के सख्स ने फोन किया जिसने खुद को उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में झेबर का बताया था । अनिल ने अपनी आपबीती में सुनाया कि उक्त सख्स राजू ने बताया कि वह राजस्थान में जेसीबी से खुदाई का काम करता था एक दिन उसे खुदाई में सोने की ईंट मिली जिसे वह अपने पास ले आया । अनिल की शिकायत के अनुसार राजू नाम के व्यक्ति ने उन्हें मोबाईल पर अपनी माँ की गंभीर बिमारी व गरीबी का हवाला देकर रोना धोना शुरू कर खुद के लिए पैसों की सख्त जरूरत का हवाला दिया और अनिल से सोने की ईंट खरीदने की मार्मिक जिद्द की । राजू ने अनिल को विश्वास दिलाने के लिए अपने घर गाँव गली मौहल्ला का पूरा अता-पता भी दिया साथ ही अन्य लोगों से भी अनिल की बात करवाई सभी ने अनिल को राजू के माली हालत व उसकी माँ की बिमारी के ईलाज के लिए पैसों की सख्त जरूरत बताते हुए सोने की ईंट खरीदने की गुजारिश की व यह भी भरोषा दिलाया कि वह पहले सोने की ईंट को खुद से देख लें और किसी भी सुनार से जांच करवा लेंने के बाद संतुष्ट होने पर ही सोने की ईंट खरीदने का मन बनाएं । बार-बार मोबाईल फोन पर आती कॉल  व राजू के रोने-धोने से एक दिन देहारादून निवासी अनिल पसीज गए और राजू व उसके साथियों द्वारा बताए पते उत्तर प्रदेश के जेबर जिला गौतमबुद्ध नगर थाने के पास कोर्ट रोड पर पहुँच गए ।

देहरादून से एसओजी टीम में अशोक राठौर प्रभारी एसओजी, हेड कांस्टेबल सुशील कुमार , कांस्टेबल ललित, प्रमोद, देवेंद्र, अरशद व अरुण , नेहरू कालोनी थाने से दरोगा विनोद सिंह गुसाइ , डिफेंस चौकी प्रभारी राजवार राणा, कांस्टेबल हरदयाल पँवार, व सुनील राणा शामिल थे । पुलिस कप्तान सदानंद दाते ने एसओजी व पुलिस की संयुक्त टीम के इस काम को अति सराहनीय बताया जिसके एवज में टीम को ढाई हजार रुपए के इनाम से भी नवाजा गया है । देहरादून में ठगी के मामले बढ़ रहे हैं सबसे पहले लोगों को यह समझना होगा कि चीजें कभी भी इतनी आसानी से नहीं प्राप्त हो सकती हैं । कभी कोई अंगूठी के तिलिस्म में ठगा जाता है तो कोई सोने के घड़ों के लालच में और आज आप खुद ही देख लीजिए सोने की ईंट के चक्कर में एक व्यक्ति लाखों रुपया गवां बैठा है । जब तक हर नागरिक खुद से जागरूक नहीं होगा तब तक ऐसी घटनाओं को ठग अंजाम देते रहेंगे । आज  हमारी एसओजी व पुलिस की संयुक्त टीम ने सराहनीय कार्य किया जिसके लिए टीम को पुरष्कृत भी किया गया है । सदानंद दाते   वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून ।
देहरादून से एसओजी टीम में अशोक राठौर प्रभारी एसओजी, हेड कांस्टेबल सुशील कुमार , कांस्टेबल ललित, प्रमोद, देवेंद्र, अरशद व अरुण , नेहरू कालोनी थाने से दरोगा विनोद सिंह गुसाइ , डिफेंस चौकी प्रभारी राजवार राणा, कांस्टेबल हरदयाल पँवार, व सुनील राणा शामिल थे । पुलिस कप्तान सदानंद दाते ने एसओजी व पुलिस की संयुक्त टीम के इस काम को अति सराहनीय बताया जिसके एवज में टीम को ढाई हजार रुपए के इनाम से भी नवाजा गया है ।
देहरादून में ठगी के मामले बढ़ रहे हैं सबसे पहले लोगों को यह समझना होगा कि चीजें कभी भी इतनी आसानी से नहीं प्राप्त हो सकती हैं । कभी कोई अंगूठी के तिलिस्म में ठगा जाता है तो कोई सोने के घड़ों के लालच में और आज आप खुद ही देख लीजिए सोने की ईंट के चक्कर में एक व्यक्ति लाखों रुपया गवां बैठा है । जब तक हर नागरिक खुद से जागरूक नहीं होगा तब तक ऐसी घटनाओं को ठग अंजाम देते रहेंगे ।
आज  हमारी एसओजी व पुलिस की संयुक्त टीम ने सराहनीय कार्य किया जिसके लिए टीम को पुरष्कृत भी किया गया है ।
डॉ0 सदानंद दाते  
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून ।

कोर्ट रोड पर जहां राजू व उसके साथियों ने अनिल को एक ईंट का टुकड़ा दिखाया और फिर अनिल से कहा कि इस ईंट के किसी भी हिस्से के टुकड़े की वह जांच करा लें । अनिल ने भी भी ईंट की जांच कारवाई तो जांच में सोना खरा उतर आया । अब कम रकम में अधिक सोना पाने के मन्शूबे में संभवत: अनिल चौहान के मन में भी लालच के हिचकोले डोलने लगे थे, अनिल तुरंत देहरादून लौटे और फिर उत्साह से लबरेज अनिल चौहान 12 दिन बाद नोयडा गौतमबुद्ध नगर स्थित ठगों की मांद में अपने ही पैरों से जा पहुंचे फिर वही चेहरे सामने थे जिसने मन में भरोषे व विश्वास को मजबूती दी, काफी मोल-भाव भी हुआ और उसके बाद अंतत: सौदा 5 लाख की रकम में पक्का हुआ । पलभर में 5 लाख की मोटी रकम, देहरादून के अनिल चौहान के हाथ से रोने धोने वाले राजू के हाथ में पहुंची जिससे वह लखपति बन गया और अनिल सोने की ईंट के साथ देहरादून वापस लौट आए लेकिन फिर अनिल ने जब ईंट को देहरादून में सुनार की मदद से जांचा परखा तो उनके होश उड़ गए क्योंकि जिस सोने की ईंट को 5 लाख की रकम गँवाने के बाद सैकड़ों किलोमीटर दूर से बड़ी ही हिफाजत के साथ देहरादून लाए वह सोना नहीं बल्कि धोखा निकला । हालांकि बेतार ठग के बादशाह,  देहरादून पुलिस व एसओजी टीम की तत्परता के चलते सलाखों के पीछे पहुँच चुके हैं, लेकिन आम लोगों का जागरूक होना भी बेहद जरूरी है ।

इस घटना से सीख लेते हुए सबको बेहद सावधान रहने की जरूरत है । अनिल चौहान की यह कहानी फिल्मी नहीं बल्कि हकीकत है और जिसे आपने पढ़ा और समझा भी इसलिए इस जानकारी को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाए ताकि फिर कोई अनिल ठगों के जाल में न फंस सके ।

देहरदून पुलिस व एस ओ जी टीम का सराहनीय प्रयास :

पीड़ित ठगों की ठगी के शिकार अनिल चौहान ने 23 अगस्त की सुबह ही नेहरु कालोनी थाने में अपनी शिकायत दर्ज की थी जिसके बाद से पुलिस ने उक्त मामले मे मु0अ0स0 188/16 धारा 406/ 417/ 420/ 34 भादवि पंजीकृत कर तत्काल विवेचना आरंभ की । अपराध की संगीन प्रवृति को देखते हुए  पुलिस ने बेहद तत्परता दिखाई । साथ ही मामले को तुरंत पुलिस कप्तान सदानंद दाते ने भी स्ंग्यान में लिया और नगर पुलिस अधीक्षक व निरीक्षक डालनवाला के मार्गदर्शन में एस ओ जी व नेहरू कालोनी थाने की पुलिस की सयुक्त टीम को गठित किया गया ।

गठित टीम भी तत्काल हरकत में आई और अनिल चौहान द्वारा दिये गए फोन नंबरों को सर्विलांस में लगाकर उनकी लोकेशन को ट्रेस करते हुए चंद घंटों में ही ठगों के गढ़ उत्तर प्रदेश के  गौतमबुद्ध नगर (नोयडा) में झेबर तक जा पहुंची मुखबिर की पुख्ता सूचना के बूते उत्तर प्रदेश पुलिस की मदद से पकड़ने में कामयाबी मिली । दरअसल झेबर गौतमबुद्ध नगर से एक और घटना की फिराक में एक साथ जा रहे 5 लोगों को पुलिस ने धर दबोचा जिनमे ठगों का मास्टर माईंड महेंद्र सिंह सहित मानवीर उर्फ मक्खी उर्फ राजू, करमवीर उर्फ बैटरी, व दो अन्य नाबालिगो जो कि सभी छटंगा थाना जेबर के रहने वाले हैं को नकली सोने की ईंटों व अन्य सामग्री के साथ गिरफ्तार कर देहरादून लाया गया है ।

* शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’ ,  एडिटर Yi मीडिया । संपर्क – 9756838527, 7060214681   

Copyright: Youth icon Yi National Media, 24.08.2016

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By Editor

3 thoughts on “Sawadhan : बेतार यन्त्र पर रोने मात्र से बन जाते हैं वह लखपति !”
  1. देहरादून पुलिस को कोटिशः बधाई।सराहनीय कार्य।

  2. श्रीमान शशि भूषण मैंठाणी ‘पारस’ जी तभी तो बड़ों ने सही कहा है कि लालच बुरी बला है।

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