Vijay Kunwar : पहाड़ी का ये छोरा कर रहा है देश को जागरूक । पेशे से इंजीनियर चमोली जिले का युवक बांटेगा देश में घूम-घूम कर संदेश ।

 

 

विजय जैसे मजबूत इरादों वाले लोग ही समाज में परिवर्तन ला सकते हैं । कड़ाके की ठंड जैसे विपरीत मौसम होने के बावजूद भी इनके इरादे नहीं डिगे और इन्होंने अपने लक्ष्य को मजबूती के साथ हासिल कर दिखाया । हमे  मिलकर एकजुट होकर कार्य करना होगा , और यह हम सब की नैतिक जिम्मेदारी भी है की हम आने वाली पीड़ियों को सुरक्षा प्रदान करें ।

शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’ 

पूरी दुनियां में अगर देखा जाय तो समाज में क्रांति लाने की जब जब किसी युवा ने ठानी है तो उसके सुखद परिणाम भी जरूर सामने आए हैं । क्योंकि युवाओं में अपार ताकत और रचनात्मकता होती है और सबसे बड़ी बात कि उनके सामने आने वाला एक लंबा वक्त शेष रहता है और उसे कैसे सुरक्षित और खुशहाल बनाया जाया इसे एक जिम्मेदार युवा बहुत अच्छे से समझ सकता है । और कुछ ऐसे ही भविष्य को आदर्श बनाने के मिशन पर चल पड़ा है चमोली का ये इंजीनियर जो बांटेगा भारत में संदेश । 

यह बात आप सभी बुद्धिजीवी पाठकजन जानते ही हैं कि दुनियाभर में के विकसित राष्ट्रों में आधुनिकता के साथ विकास का जो मॉडल तैयार किया है उसमें साफ सफाई या कहें स्वच्छता को पहला स्थान दिया गया है । इसका मतलब स्पष्ट है कि चाहे समाज कितना भी पढ़ा लिखा या पैसों वाला क्यों न हो जाय फिर भी उसके विकसित होने का प्रमाण उसके आसपास के वातावरण में फैली गंदगी या स्वच्छता ही होगी । इसीलिए हमारे देश में भी अब स्वच्छता को लेकर सरकारी , गैर-सरकारी, या व्यक्तिगतरूप से विशेष अभियान चलाए जाने लगे हैं । और अब इसी कड़ी में स्वच्छ , सुंदर हिमालय की पहाड़ियों से देशभर में स्वच्छता के प्रति संदेश बांटने निकला है चमोली गोपेश्वर का युवक विजय कुंवर ।

Vijay kunwar , youth icon . Media . News. Gopeshwar . Yi award . Shashi bhushan maithani paras विजय कुंवर - “पर्यावरण को साफ रखने तथा स्वच्छ भारत के लिए आज अनेक मंचों पर बातें हो रही हैं. यंहा तक की सरकार की ओर से भी अनेक योजनायें लागू की गयी जहाँ गंगा सफाई और स्वच्छ भारत के लिए काफी सारे काम हो रहे हैं। लेकिन वो चाहते हैं की स्वच्छता लोगो की आदत बन जाये. जिससे की भारत की अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर एक बेहतर छवि बन पाए.” उन्होंने कहा की वो लोगों को साइकिलिंग के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं, तथा खुद भी साइकिल से ही ऑफिस आते जाते हैं. जिससे स्वास्थ्य तथा पर्यावरण दोनों की संरक्षित किया जा सके। विजय कुंवर ।
“पर्यावरण” को साफ रखने तथा स्वच्छ भारत के लिए आज अनेक मंचों पर बातें हो रही हैं. यंहा तक की सरकार की ओर से भी अनेक योजनायें लागू की गयी हैं , कई स्तर पर स्वच्छता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ।  लेकिन जब  तक हर नागरिक जागरूक नहीं होगा तब तक सही नहीं होगा । मेरा मानना है कि स्वच्छता   लोगो की आदत बन जाये. जिससे की भारत की अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर एक बेहतर छवि बन पाए । और इसी उद्देश्य से मैं अब साईकिल भ्रमण कर यह संदेश जन-जन तक देकर जागरूकता लाना चाहता हूँ ।  जिससे स्वास्थ्य तथा पर्यावरण दोनों को संरक्षित किया जा सके । 
विजय कुंवर ।

विजय कुंवर सामाजिक जन सरोकारों के लिए काम करने वाली संस्था अग्रणी विकास समिति, देहरादून के सदस्य भी हैं । विजय पेशे से एक सॉफ्टवेर इंजीनियर हैं । विजय कुंवर ने अब संकल्प लिया है कि वह स्वच्छता के प्रति देश वासियों को जगाने के लिए एक विशेष अभियान चलाएंगे । और इसकी शुरुआत उन्होंने दिल्ली से देहरादून महज एक दिन में ही साईकिल से सफर तय कर की है । विजय द्वारा शुक्रवार को “ग्रीन इंडिया क्लीन इंडिया” जागरूकता अभियान के तहत साइकिल यात्रा का शंखनाद किया गया ।उनके देहरादून पहुंचने पर उत्तराखण्ड विधान सभा अध्यक्ष प्रेम चन्द अग्रवाल ने बधाई एवं शुभकामना दी गई । 

विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि विजय जैसे मजबूत इरादों वाले लोग ही समाज में परिवर्तन ला सकते हैं । कड़ाके की ठंड जैसे विपरीत मौसम होने के बावजूद भी इनके इरादे नहीं डिगे और इन्होंने अपने लक्ष्य को मजबूती के साथ हासिल कर दिखाया । हमे पर्यावरण संरक्षण तथा स्वच्छ भारत अभियान के लिए कार्य मिलकर एकजुट होकर कार्य करना होगा , और यह हम सब की नैतिक जिम्मेदारी भी है की हम आने वाली पीड़ियों को सुरक्षा प्रदान करें  । यूथ आइकॉन मीडिया । अवार्ड । समाचार । न्यूज । प्रेम कुमार अग्रवाल । शशि भूषण मैठाणी पारस । विजय कुंवर । youth icon media Award . News shashi Bhushan Maithani . Prem kumar aggarwal . Dehradun . Uttarakhand . Rishikesh .
 विजय जैसे मजबूत इरादों वाले लोग ही समाज में परिवर्तन ला सकते हैं । कड़ाके की ठंड जैसे विपरीत मौसम होने के बावजूद भी इनके इरादे नहीं डिगे और इन्होंने अपने लक्ष्य को मजबूती के साथ हासिल कर दिखाया । हमे पर्यावरण संरक्षण तथा स्वच्छ भारत अभियान के लिए कार्य मिलकर एकजुट होकर कार्य करना होगा , और यह हम सब की नैतिक जिम्मेदारी भी है की हम आने वाली पीड़ियों को सुरक्षा प्रदान करें  ।                       प्रेम चंद अग्रवाल, विधानसभा , अध्यक्ष । 

 

सामाजिक कार्यकर्ता अवनीश मलासी ने कहा की पर्यावरण संरक्षण तथा स्वच्छ भारत अभियान के उदेश्यों को बगैर जन सहभागिता के पूरा नहीं किया जा सकता हैं।
विजय कुंवर के देहरादून पहुंचने पर अवनीश मलासी, दीपेन पंवार, पवन सती, दिगम्बर रावत, दीपक रावत, नितिन सारस्वत, आनन्द नेगी, गजेन्द्र बिष्ट, विपिन मैठाणी, संजय डिमरी आदि लोग ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया ।

गंदगी फैलाना अधिसंख्य लोगों की नियति है : 

हिंदुस्तान की विडंबना यह है कि यहां व्यक्ति चाहे अमीर हो या गरीब उसकी प्राथमिकता आलीशान घर या मामूली झोपड़े में भी शौचालय या डस्टबीन से अधिक प्राथमिकता दूसरों को प्रभावित करने के लिए बड़ी-बड़ी गाड़ियां , स्कूटर या साईकिल ही रहे हैं । इतना ही नहीं अपने घर का कूड़ा गाहे बगाहे छुपते छुपाते दूसरे के घर के सामने छोड़ आना भी हमारे लोगों का प्रमुख शगल है । घरों में कुत्ते पालने का जबरदस्त शौक हम भारतीयों में जाग गया है लेकिन कुत्ते को टट्टी दूसरे के गेट पर ही करवाएंगे इसे हम अपना अधिकार कर्तव्य मान बैठे हैं । ये है बढ़ते भारत में पढ़े लिखे माने जाने अधकचरे सभ्य लोगों की बौद्धिक क्षमता की झांकी । नगर निगम की गाड़ियों से हर रोज घर-घर से कूड़ा उठाने का काम होता है लेकिन सभ्य समाज के लोग उस गाड़ी में कूड़ा डालने के बजाय रात के अंधेरे में चुपके से जाकर दूसरे के घर के आगे खुली सड़क के किनारे अपने घर की गंदगी डाल आते है वह भी सिर्फ इसलिए कि नगर निगम कर्मियों को महीने के 40 रुपये न देने पड़ें । सोचने वाली बात है कि ऐसे में हम कैसे साफ सफाई के प्रति अपने समर्पण को जगा पाएंगे । यह सोचने और समझने की जरूरत हर नागरिक को है । साथ ही स्वच्छता के प्रति हम कैसे अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर पाएंगे इस पर भी सोचने की जरूरत है । इसलिए घर गांव शहर हो या देश , विकास का पहला आईना स्वच्छता ही है ।

विज्ञान और धर्म भी देता है स्वच्छता को महत्व : 

स्वच्छता के लिए हर इंसान को अपने बुद्धि, विवेक, कौशल का उपयोग करना होगा हर एक नागरिक को समाज में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी । यह तो हम आप सभी जानते और मानते हैं कि हमारे समाज, परिवार, व्यवहार, शरीर मन, कर्म, वाणी, शरीर, और आत्मा को विज्ञान से लेकर धर्म तक में स्वच्छता का विशेष महत्व दिया गया है । और इन सबको स्वच्छ और स्वस्थ बनाए रखने के लिए हमें स्वच्छ जलवायु की भी आवश्यकता है और वो तभी संभव है जब हम इस धरा को स्वच्छ बनाए रखने के लिए आगे बढ़ेंगे ।
अच्छी गालियां, अच्छे पार्क, अच्छी सड़क आप हम सब चाहते हैं लेकिन सच यह भी है कि उसे स्वच्छ रखना हम अपना फर्ज नहीं मानते हैं । हमारी आदत हो गई है बात बात पर सरकार या सिस्टम को कोशने की । जब तक हम सरकारी संपत्ति के रखरखाव और उसकी साफ सफाई में अपना दायित्व भी समाहित नहीं कर लेते हैं तब तक परिवर्तन की उम्मीद करना बेईमानी जैसा ही होगा । अच्छी सड़कें तो सभी चाहते हैं लेकिन उसकी साफ-सफाई का दायित्व कभी हम स्वयं तय नही करते । सार्वजनिक स्थानों को सड़क पार्क जैसे स्थानों पर गंदगी करना जैसे हमारा मूल कर्तव्य बन गया है। भारत में कई बीमारियों के कारक हम आप स्वयं हैं । हमारे द्वारा फैलाई जा रही गंदगी ही हम पर अटैक करती है ।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों पर एक नजर :

यह बेहद ही चौंकाने वाली रिपोर्ट है जिसमें बताया गया है कि भारत में प्रत्येक वर्ष 6 करोड़ टन कचरा पैदा होता है । जिसमें से अकेले दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई, और बैंगलुरु जैसे महानगरों से 1 करोड़ टन कचरा पैदा होता है । शेष 5 करोड़ टन कचरा भारत के विभिन्न हिस्सों से पैदा होता है । एक और चौकाने वाली रिपोर्ट ये है कि जब प्रतिदिन की बात होती है तो देश की राजधानी दिल्ली पहले नम्बर पर आती है क्योंकि दिल्ली से हर रोज 9 हजार मीट्रिक टन कचरा निकलता है । कोलकाता से 11 लाख हैदराबाद से 14 लाख मुम्बई से 6.600 मिट्रिक टन, कोलकाता में 11 और हैदराबाद में 14 लाख टन कचरा हर साल पैदा होता है। जबकि उत्तर प्रदेश 42 लाख टन व पश्चिम बंगाल से 45 लाख टन कचरा पैदा होता है ।
इस विशाल आंकड़े से आप समझ सकते हैं कि अब भारत में कूड़े का विशाल सम्राज्य स्थापित है ।

यदि भारत का प्रत्येक नागरिक को विजय कुंवर की तरह जागरूक हो जाए तो निःसंदेह इस क्षेत्र में यह अभूतपूर्व क्रांति होगी । हर एक नागरिक जागरूक होकर अपने आसपास की सड़कों, गलियों , पार्कों, या खेल के मैदान आदि सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा डालने से खुद को या दूसरों को भी रोकेंगे तो अवश्य ही भारत और भारत का प्रत्येक नागरिक तन-मन से स्वस्थ होकर श्रेष्ठ भारत के निर्माण में भागीदार होंगे । 

आओ सब मिलकर संकल्प लें कि अब हम अपने घर के अलावा अन्यत्र भी स्वच्छता में प्रति जागरूक रहेंगे ।

* शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’ 

Shashi Bhushan Maithani Paras 

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