Zafar Husain : दरिंदों ने उसे मार डाला , आखिर कसूर क्या था उसका । देश में चल रहा है हत्यारा दौर … इंद्रेश मैखुरी ।

यह कैसा हत्यारा दौर इस देश पर लादा जा रहा है कि किसी को भी उन्मादी भीड़ क़त्ल कर दे?

लेख – इंद्रेश मैखुरी

ताजा मामला 16 जून को राजस्थान के प्रतापगढ़ का है,जहाँ कामरेड जफर हुसैन को नगरपालिका के कर्मचारियों ने पीट-पीट कर मार डाला.कामरेड जफर हुसैन भाकपा(माले) की प्रतापगढ़ जिला कमेटी के सदस्य थे.वे अखिल भारतीय निर्माण मजदूर फेडरेशन की केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्य थे.क्या दोष था-जफर हुसैन का? घरों में शौचालय के अभाव में गरीब महिलायें खुले में शौच जाती हैं.जफर हुसैन महिलाओं की इस दिक्कत को देखते हुए नगरपालिका से लेकर जिले के प्रशासन तक से सार्वजनिक शौचालय के निर्माण की मांग करते रहे.एक तरह से वे स्वच्छ भारत के नारे को ही जमीन पर उतारने के लिए जद्दोजहद कर रहे थे.जफर हुसैन के सार्वजनिक शौचालय निर्माण की मांग पर कोई कार्यवाही नहीं हुई.प्रतापगढ़ की नगरपालिका ने खुले में शौच करने वालों से निपटने का नया तरीका ढूँढा.वे खुले में शौच जाने वाली महिलाओं के फोटो खींचने लगे,उनका विडियो बनाने लगे.कामरेड जफर हुसैन प्रतापगढ़ नगरपालिका की इस घृणास्पद कार्यवाही के खिलाफ ही खड़े हुए थे.उन्होंने इस तरह महिलाओं के फोटो खींचने और विडियो बनाने पर आपत्ति की.इस पर नगरपालिका कर्मचारियों ने म्युनिसिपल कमिश्नर अशोक जैन की मौजूदगी और उकसावे पर जफर हुसैन को पीट-पीट कर मार डाला.
जरा सोचिये तो ये कैसे लोग होंगे जो शौच जाती महिलाओं के फोटो खींचने और विडियो बनाने में इस कदर उन्मत्त और उन्मादी हो गये कि उन्होंने,ऐसे करने से रोके जाने पर,एक आदमी को पीट-पीट कर मार डाला ! क्या महिलाओं के अनावृत्त फोटो खींचना या विडियो बनाना,किसी का सरकारी दायित्व हो सकता है?क्या किसी नगरपालिका को ऐसी छूट हो सकती है कि वो ऐसे फोटो खींचे या विडियो बनाए?राजस्थान में महिला मुख्यमंत्री सत्ता में हैं.इसके बावजूद वसुंधरा राजे के राज में गरीब महिलाओं को ऐसी जलालत का सामना करना पड़ रहा है.संस्कारों की बात करने वाली पार्टी भाजपा के राज में शौच जाती महिलाओं का फोटो खींचना या विडियो बनाना कौन सी संस्कारी कार्यवाही है?
मान लीजिये कि कोई आदमी गलती पर ही हो.तब भी क्या किसी उन्मादी भीड़ को ऐसी छूट है कि वो किसी को पीट-पीट कर मार डाले?कानून व्यवस्था जैसे शब्द क्या सिर्फ दिखावे के लिए हैं?कानून अपना काम करेगा,वाले जुमले में से क्या कानून का काम हिंसक,उन्मादी भीड़ को आउटसोर्स कर दिया गया है?उन्मादी भीड़ द्वारा इस तरह की हिंसक,प्राणहन्ता वारदातों को प्रभावी तौर पर नहीं रोका गया तो हम हर दिन किसी के भी हिंसक भीड़ का शिकार होता हुआ देखने को अभिशप्त होंगे. देश को दो श्रेणियों-प्राणहन्ता भीड़ और उनके हाथों प्राण गंवाने वालों-में बांटने की इस कोशिश का तत्काल समूल नाश करने की आवश्यकता है.वरना यह हमें ऐसे बर्बर दौर में पहुंचा देगा,जहाँ जहालत और कूढ़मगजी के अतिरिक्त कुछ हासिल न होगा.
गरीब महिलाओं को जलालत से बचाने के लिए मजबूती से खड़े होने के लिए प्राण गंवाने वाले कामरेड जफर हुसैन को लाल सलाम.

By Editor

One thought on “Zafar Husain : दरिंदों ने उसे मार डाला , आखिर कसूर क्या था उसका । देश में चल रहा है हत्यारा दौर … इंद्रेश मैखुरी ।”
  1. aap theek kah rahehain aajkal
    Kanoon ka nahi
    Kattar panthiyon
    Ka bolwala hai
    Atankbad ? Ye nahi
    Sarkar ko atankbad
    Ki paribhasha batni
    Chahiye?
    Eak tarah ke zurm
    Ki paribhasha alag-
    2 kaise ??????????

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