Rajesh Dube , Manoj Nahi khansi Real heero : रील नहीं, रियल हीरो ! इनसे मिलिए इस बार , जो अपनी जान की परवाह नहीं करते हैं । आग और पानी से बचा लाए जिन्दगी ।Rajesh Dube , Manoj Nahi khansi Real heero : रील नहीं, रियल हीरो ! इनसे मिलिए इस बार , जो अपनी जान की परवाह नहीं करते हैं । आग और पानी से बचा लाए जिन्दगी ।

Youth icon Yi Media Award logo . यूथ आइकॉन वाई आई मीडिया अवार्ड लोगो । shashi bhushan maithani paras . शशि भूषण मैठाणी पारस . uttarakhand । उत्तराखंड

रील नहीं, रियल हीरो ! इनसे मिलिए इस बार , जो अपनी जान की परवाह नहीं करते हैं । आग और पानी से बचा लाए जिन्दगी ।

शशि भूषण मैठाणी 'पारस' Shashi Bhushan Maithani Paras Editor Youth icon Yi National media award uttarakhand dehradun . Maithana chamoli GopeshwaR
शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’

ये वो हीरो हैं जो कभी भी लाईट – एक्शन – कैमरा … का इंतजार नही करते हैं । यह हीरो किसी राईटर की स्क्रिप्ट और डॉयरेक्टर के डॉयरेक्शन पर काम नहीं करते हैं । यह सिर्फ और सिर्फ अपनी अन्तरात्मा की आवाज को सुनते हैं और फिर दिल और दिमाग को एकाग्रचित करके कूद पड़ते हैं अपने फर्ज को निभाने । तब चाहे वह उफनती नदी हो या विकराल आग की लपटें । अपने अदम्य साहस के बूते यह कर दिखाते हैं ऐसे कारनामें जिसकी वजह से ये कहलाते “रियल हीरो” ।

ये वह हीरो हैं जिन्हें कोई तालियां नहीं बजाते हैं । इनकी उपलब्धियों के बाबजूद भी कोई इनके साथ सेल्फी लेने के लिए आतुर नहीं दिखते हैं और न ही कोई इनसे ऑटोग्राफ लेते हैं । और यह शत-प्रतिशत सच है । यह आप भी भली

Rajesh Dube , Manoj Nahi khansi Real heero : रील नहीं, रियल हीरो ! इनसे मिलिए इस बार , जो अपनी जान की परवाह नहीं करते हैं । आग और पानी से बचा लाए जिन्दगी ।

भांति जानते हैं कि आपने कई बार रील लाइफ के हीरो को देख सिनेमा घरों में खूब तालियां बजाई होंगी । और सामने आने पर बड़ी धक्का मुक्की के बीच उनकी एक झलक पाने को आतुर भी बने रहे होंगे । लेकिन क्या कभी रियल लाइफ वाले हीरो के लिए आपको तालियां बजाने का मौका मिला ! या कभी ऐसे हीरो के साथ सेल्फी लेने का मन हुआ ? यह भी मैं दावे के साथ कहूंगा कि बिल्कुल नहीं ।

लेकिन हमें उम्मीद है कि आज आप रियल लाइफ के इन हीरो को सलाम भी करोगे और मौका मिलने पर सेल्फी या ऑटोग्राफ भी लेंगे । और यह मौका देगा “यूथ आइकॉन” । यूथ आइकॉन वाई. आई. नेशनल अवार्ड के मंच पर होगा इनकी वीरता का सम्मान ।

Rajesh Dube , Manoj Nahi khansi Real heero : रील नहीं, रियल हीरो ! इनसे मिलिए इस बार , जो अपनी जान की परवाह नहीं करते हैं । आग और पानी से बचा लाए जिन्दगी ।

सबसे पहले बात करते हैं उत्तराखंड में वर्दी वाले फरिश्ते की । जी हाँ… वर्दी वाला फरिश्ता । बताते चलें कि उत्तराखंड पुलिस के जांबाज मनोज बहुखंडी के कारनामें से खाकी वर्दी को गौरवान्वित होने का मौका मिला है । मनोज उत्तराखंड पुलिस में कार्यरत हैं और जल पुलिस यूनिट के उत्कृष्ट तैराक भी हैं । और आज उनकी तैराकी काम आ गई । जिला नैनीताल के काठगोदाम गोला बैराज में अचानक से एक महिला ने छलांग मार दी थी जिसके बाद घटना स्थल पर अफरातफरी मच गई चारो तरफ महिला को बचाने की पुकार लगने लगी । तभी उसी इलाके में गश्त में मौजूद पुलिस कर्मी मनोज बहुखंडी ने अपनी जान की परवाह किए बिना उक्त महिला को बचाने के लिए पानी में छलांग मार दी । जिसके बाद बड़ी सूझ बूझ के साथ मनोज बैराज में डूब रही महिला को किनारे ले आए फिर उनके साथी पुलिस कांस्टेबल की मदद से महिला को पानी से बाहर निकाला गया ।
मनोज के इस साहसी कदम की वहाँ मौजूद हर एक व्यक्ति ने जमकर तारीफ की । मनोज के प्रयासों के वक़्त ही लोगों की सूचना पर 108 एम्बुलेंस भी मौके पर पहुंच गई थी । घायल महिला को एम्बुलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया । जिसकी पहचान राशिदा पत्नी नज़ाकत के रूप में हुई है ।

महिला के इस आत्मघाती कदम की वजह क्या रही होगी यह अलग चर्चा का विषय है । परन्तु यहां मनोज बहुखंडी ने अपनी जान की परवाह किये बिना जिन विकट परिस्थितियों में 30 वर्षीय राशिदा की जान बचाई है, उसके लिए हर एक सख्स मनोज के जज्बे को सलाम कर रहा है ।

आग की लपटों से वर्दी वाला हीरो बचा लाया कई जिंदगियां :

 

Rajesh Dube , Manoj Nahi khansi Real heero : रील नहीं, रियल हीरो ! इनसे मिलिए इस बार , जो अपनी जान की परवाह नहीं करते हैं । आग और पानी से बचा लाए जिन्दगी ।

यह बात 18 जून 2018 यानी पिछले माह की है । उत्तर प्रदेश के हरदोई से एक ऐसी घटना सामने आई जिसने भी देखा वह सहम गया था । बताते चलें भीषण आग की लपटों के बीच कई जिंदगियां घिर गई थीं । बाहर खड़ा हर एक व्यक्ति तमाशबीन बनने के अलावा कुछ कर भी नहीं सकता था । अंदर भयानक आग की लपटों में घिरी जिंदगियों की चीख पुकार बाहर खड़े लोगों के मनों को विचलित कर रही थी । लेकिन तभी देवदूत बना उत्तर प्रदेश पुलिस का कांस्टेबल राजेश दुबे ।

अंदर से आ रही चीख पुकार से सिपाही राजेश दुबे बेचैन हो उठे और वह जज्बे से लबरेज अदम्य साहस का परिचय देते हुए आग की लपटों को चीरते हुए घर के अंदर घुस गए । और फिर वहां से बुरी तरह से झुलसी हालात में 9 लोगों को बचा ले आए । हालांकि इस बीच एक मासूम बच्ची की सांसे टूट गई थी जिसे न बचा पाने का मलाल सिपाही राजेश दुबे को भी है ।

दरअसल हरदोई के पिहानी कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत धामपुर गांव में एक घर में एलपीजी गैस सिलेंडर में आग लग गई थी । घटना सुबह सुबह की थी अचानक से मची चीख पुकार के बीच सारा गांव घर के बाहर इकट्ठा हो गया । ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस टीम भी तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गई थी । इंस्पेक्टर श्यामबाबू शुक्ला के नेतृत्व में राहत व बचाव का कार्य तेजी शुरू हुआ परन्तु भयानक आग लपटें सबको डरा रही थीं । अंदर फंसे बच्चों के रोने चिल्लाने की आवाजें सुन पुलिस कर्मी राजेश दुबे का दिल इस कदर पसीजा वह अपनी जान की परवाह किए बिना आग की लपटों को पार कर घर के अंदर प्रवेश कर गए । और फिर उन्होंने एक एककर 9 लोगो को जिंदा बचा लिया । जिसके बाद यह वर्दी वाला रियल हीरो लोगों बीच छा गया और देशभर की मीडिया की सुर्खियों में भी बना रहा ।

यूथ आइकॉन करेगा सम्मान :

उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश राज्यों के इन दोनों जांबाज पुलिस कर्मियों का यूथ आइकॉन के मंच पर सम्मान होगा । दोनों राज्यों के पुलिस महकमे के आला अधिकारियों को संबंधित सूचना से अवगत कराया जा रहा है । यूथ आइकॉन के मंच पर बीते वर्षों में भी महाराष्ट्र, हिमांचल, उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश आदि राज्यों के पुलिस कर्मियों को यूथ आइकॉन Yi नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है ।

Script : Shashi Bhushan Maithani ‘Paras’

Youth icon Yi Media Award logo . यूथ आइकॉन वाई आई मीडिया अवार्ड लोगो । shashi bhushan maithani paras . शशि भूषण मैठाणी पारस . uttarakhand । उत्तराखंड

 

शशि भूषण मैठाणी “पारस” , संस्थापक निदेशक – यूथ आइकॉन वाई. आई. नेशनल अवार्ड । 9756838527

By Editor

One thought on “रील नहीं, रियल हीरो ! इनसे मिलिए इस बार , जो अपनी जान की परवाह नहीं करते हैं । आग और पानी से बचा लाए जिन्दगी ।”

Comments are closed.